इस सप्ताह के अंत या अगले सप्ताह की शुरुआत में भारतीय चयनकर्ता
एशिया कप के लिए टीम का चयन करेंगे। यह टी20 विश्व कप की टीम चयन से पहले आख़िरी टीम चयन होगा। एशिया कप के बाद भी भारत को टी20 मैच खेलने हैं, लेकिन विश्व कप दलों का चयन तकनीकी कारणों से बहुत पहले हो जाता है।
ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो समझता है कि अगर ये 12 खिलाड़ी फ़िट रहे तो ये ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप के लिए ज़रूर जाने वाले हैं। इसमें कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली, केएल राहुल, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक बल्लेबाज़, हार्दिक पंड्या और रवींद्र जाडेजा ऑलराउंडर, युज़वेंद्र चहल लेग स्पिनर और जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और हर्षल पटेल तेज़ गेंदबाज़ हैं।
अब देखना होगा कि एशिया कप के लिए वरिष्ठ खिलाड़ियों में से किस-किस का चयन होता है या फिर चयनकर्ता व टीम मैनेजमेंट नए व बैकअप खिलाड़ियों के चयन का प्रयोग जारी रखेंगे। इनमें कुछ खिलाड़ियों के नाम बहुत महत्वपूर्ण है।
एक समय दीपक चाहर को 'चुके हुए' भुवनेश्वर कुमार के मज़बूत विकल्प के रूप में देखा जाने लगा था, लेकिन फिर दीपक को चोट लगी और उनकी जगह मिले मौक़े का भुवनेश्वर ने पूरा फ़ायदा उठाया। हालांकि दीपक अच्छी बल्लेबाज़ी भी कर सकते हैं, इसलिए फ़िट होने के बाद अभी भी उनके विश्व कप टीम में चुने जाने की संभावना बनी हुई है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि पिछले एक साल में टी20 क्रिकेट में भारत के प्रमुख ऑलराउंडर जाडेजा का बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी स्ट्राइक रेट कुछ ख़ास नहीं रहा है। इसलिए अगर जाडेजा कुछ मैचों में क्लिक नहीं करते हैं तो दीपक चाहर को ऑलराउंडर के तौर पर जगह देकर भारतीय टीम प्रबंधन एक प्रमुख स्पिनर खिला सकता है। हालांकि इस बीच देखना होगा कि दीपक ज़िम्बाब्वे और एशिया कप में कैसा प्रदर्शन करते हैं।
2022 में अश्विन का टी20 बल्लेबाज़ी स्ट्राइक रेट जाडेजा से बेहतर है। इसके अलावा वह महंगे साबित होने के ख़तरे के बगैर एक विकेट लेने वाले विकल्प हैं। वहीं उनका अनुभव तो किसी भी टीम के लिए बोनस जैसा है। अगर विपक्षी टीम में बाएं हाथ के बल्लेबाज़ अधिक हों तो अश्विन की उपयोगिता और बढ़ जाती है। वह दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के विरुद्ध भी ख़ासा उपयोगी हैं।
अक्षर पटेल, जाडेजा के सबसे समरूप विकल्प हैं। वह बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाज़ी के साथ बाएं हाथ से आक्रामक बल्लेबाज़ी करने में भी सक्षम हैं। अगर अक्षर एशिया कप टीम में जगह पाते हैं तो बेहतर प्रदर्शन करने पर वह जाडेजा के विश्व कप सीट के लिए सीधा ख़तरा होंगे।
हुड्डा को जब भी मौक़ा मिला है उन्होंने उसे दोनों हाथों से भुनाया है। शीर्ष या मध्य क्रम में आक्रामक बल्लेबाज़ी के साथ-साथ वह गेंदबाज़ी में भी बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ एक या दो ओवर का योगदान दे सकते हैं। हालांकि कोहली के टीम में रहते हुए अंतिम एकादश में उनका सीधा चयन थोड़ा मुश्किल होगा।
अर्शदीप सिंह बाएं हाथ से गेंदबाज़ी कर गेंदबाज़ी आक्रमण में विविधता लाते हैं। इसके साथ ही वह डेथ ओवर में लगातार यॉर्कर करने की क्षमता रखते हैं। 15 सदस्यीय दल में चयनित होने के लिए उनका सीधा मुक़ाबला दीपक से होगा। चूंकि दीपक बल्लेबाज़ी भी कर लेते हैं, ऐसे में उनका पलड़ा थोड़ा भारी है। हालांकि उससे पहले एशिया कप के लिए भारतीय टीम प्रबंधन दोनों को दल में रखना चाहेगी ताकि तुलनात्मक रूप से दोनों की हालिया फ़ॉर्म और क्षमताओं को तोला जा सके।
ये दोनों कलाईयों के स्पिनर पिछले कुछ महीनों से भारतीय सीमित ओवर क्रिकेट सेट अप का हिस्सा रहे हैं। हालांकि चहल के टीम में रहते हुए अंतिम एकादश में किसी दूसरे कलाई के स्पिनर का चयन मुश्किल लगता है, लेकिन फिर भी इन दोनों में से किसी एक या फिर दोनों का चयन एशिया कप के लिए हो सकता है।