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मांधना, हरमनप्रीत और रॉड्रिग्स को अब फ़ॉर्म में आना ही होगा

इस विश्व कप में भारतीय टीम को अपने तीन सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज़ों का साथ बिल्कुल भी नहीं मिला है

Smriti Mandhana goes down the ground against Ayabonga Khaka, India vs South Africa, Women's ODI World Cup, Visakhapatnam, October 9, 2025

Smriti Mandhana अब तक इस विश्व कप में लय हासिल नहीं कर पाई हैं  •  ICC/Getty Images

भारतीय टीम महिला विश्व कप अभियान के लगभग आधे पड़ाव पर पहुंच रही है। लेकिन अब तक के मैचों में उनका प्रदर्शन उस तरह का नहीं रहा है, जो उनसे अपेक्षा की जा रही थी। वे अभी तक एक "परफ़ेक्ट गेम" खेलने के क़रीब भी नहीं पहुंची हैं। ऐसी स्थिति में रविवार को उनके सामने ऑस्ट्रेलिया की चुनौती है।
भारत की सबसे गंभीर समस्या यह है कि टॉप पांच में उनके जो स्टार खिलाड़ी हैं, वह बिल्कुल भी नहीं चल रही हैं। पिछले तीनों मैचों में निचले और निचले मध्य क्रम के बल्लेबाज़ों ने भारत को मुश्किल से निकाला है। पहले दो मैचों में कुछ एक ग़लतियों के बावजूद वे मुश्किल परिस्थितियों से निकलने में क़ामयाब रही। लेकिन जब साउथ अफ़्रीका जैसी मज़बूत टीम से सामना हुआ तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
इस टूर्नामेंट का चलन रहा है कि अधिकांश टीमें तक़रीबन 25 ओवरों तक पांच या छह विकेट खो देती हैं, लेकिन भारत का संघर्ष इसलिए अलग है क्योंकि उनकी वरिष्ठ तिकड़ी (स्मृति मांधना, हरमनप्रीत कौर, और जेमिमाह रॉड्रिग्स) में से किसी ने भी अर्धशतक नहीं बनाया है।
विश्व कप में अन्य सात टीमों की तुलना में भारत के शीर्ष पांच बल्लेबाज़ों का औसत 23.13 है, जो सेमीफ़ाइनल के अन्य दावेदारों (इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, और साउथ अफ़्रीका) से कम है। जिन टीमों ने कम से कम दो मैच खेले हैं, उनमें से भारत एकमात्र टीम है जिसके शीर्ष पांच बल्लेबाज़ों में से किसी भी खिलाड़ी ने अर्धशतक नहीं लगाया है। सिर्फ़ यही नहीं रन रेट के मामले में भी भारत का शीर्ष पांच नीचे से तीसरे स्थान पर है।
साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेले गए मैच के दौरान मांधना ने बेलिंडा क्लार्क के 28 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ा। साथ ही वह एक कैलेंडर वर्ष में 1000 वनडे अंतर्राष्ट्रीय रन बनाने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनने की राह पर हैं। उन्होंने 2024 की शुरुआत से अब तक आठ शतक बनाए हैं। मांधना ने पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 63 गेंदों में 125 रन की पारी खेली थी। वह शतक इस फ़ॉर्मेट में दूसरा सबसे तेज़ शतक था।
हालांकि विश्व कप में उन्होंने अब तक केवल 8, 23, और 23 का स्कोर बनाए हैं। यह अविश्वसनीय था कि उनकी सबसे ख़राब पारी साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ उस पिच पर आई थी, जो इस विश्व कप में भारत के लिए अब तक की सबसे पाटा पिच थी। वह विशाखापत्तनम में लगातार बीट होती रहीं और मारीज़ान काप की स्विंग होती गेंदों के ख़िलाफ़ संघर्ष किया। अंत में वह बाएं हाथ की स्पिनर नॉनकुलुलेको म्लाबा को कैच थमा बैठीं।
भारतीय खेमे के लिए यह और भी ज़्यादा अविश्वसनीय रहा होगा क्योंकि विशाखापत्तनम में अपने दो अभ्यास सत्रों में मांधना ने बिल्कुल वैसे ही बल्लेबाज़ी की जैसे उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ उस शतक के दौरान की थी। वह उन मैचों में रेणुका सिंह के स्विंग होती गेंदों के ख़िलाफ़ बेहतरीन खेल दिखा रही थीं।
इस विश्व कप से पहले मांधना की क़रीबी दोस्त रॉड्रिग्स भी ज़्यादा पीछे नहीं थीं। उन्होंने अपने दोनों ODI शतक 2025 में बनाए और एक साल में उनका स्ट्राइक रेट पहली बार एक रन प्रति गेंद से ज़्यादा था। उन्हें नंबर 5 पर बल्लेबाज़ी करते हुए अच्छी-ख़ासी सफलता मिली थी।
रॉड्रिग्स को अपने पहले वनडे विश्व कप की पहली गेंद ऐसी मिली, जो इस संस्करण के सबसे बेहतरीन गेंदों में से एक था। श्रीलंका की बाएं हाथ की स्पिनर इनोका रणवीरा ने राउंड द विकेट से ड्रिफ़्ट और टर्न का इस्तेमाल करते हुए बेहतरीन तरीक़े से रॉड्रिग्स को बोल्ड किया था। रॉड्रिग्स भारत के अगले दो मैचों में भी बाएं हाथ की स्पिन का शिकार हुईं। वह पाकिस्तान की नाशरा संधू और साउथ अफ़्रीका की क्लोए ट्राइऑन के ख़िलाफ़ पगबाधा आउट हुईं। दोनों ही मौक़ों पर वह स्वीप करने का प्रयास कर रही थीं।
हरमनप्रीत ने इस साल कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं किया है लेकिन वह ऐसी बल्लेबाज़ हैं जो कहीं से भी शानदार पारी खेल सकती हैं, ख़ासकर भारत की अगली प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़। उन्होंने श्रीलंका के ख़िलाफ़ एक छोटी सी पारी खेली थी लेकिन उस मैच में भारत को ज़्यादा रनों की दरकार थी। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ वह लय में ही नहीं आ सकीं, और साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ उन्होंने 23 गेंदों में 9 रन बनाए।

हालांकि एक बात यह भी है कि आप बड़े मंचों पर हरमनप्रीत पर दांव लगा सकते हैं। 2017 विश्व कप सेमीफ़ाइनल में उनकी मैच जिताऊ 171 रन की नाबाद पारी के बाद, उन्होंने 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को लगभग स्वर्ण पदक तक पहुंचा दिया था। 2023 T20 विश्व कप फ़ाइनल में लगभग जगह सुनिश्चित कर ली थी, और 2024 T20 विश्व कप में भी उन्हें कड़ी टक्कर दी थी।

हरमनप्रीत को उम्मीद थी कि WPL भारत के निचले क्रम को पिछली बार की तुलना में दबाव वाली स्थितियों को बेहतर ढंग से संभालने के लिए तैयार करेगा। पिछले तीन मैचों ने साबित कर दिया है कि भारत की नंबर 6 से 9 तक की बल्लेबाज़ें टीम को गहरे संकट से बाहर निकाल सकती हैं। अब मांधना, हरमनप्रीत, और रॉड्रिग्स पर ज़िम्मेदारी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि वे ख़ुद को संकट में न पाएं। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ होने वाले मैच के बाद भारत की अगली टक्कर इंग्लैंड के साथ होगी। विश्व कप में यह एक ऐसा समय है, जब सेमीफ़ाइनल तक पहुंचने की रेस तेज़ हो रही है।

विशाल दीक्षित ESPNcricinfo के सहायक एडिटर हैं।