2025 के सीज़न की शुरुआत के दौरान ऐसा प्रतीत हुआ जैसे इस सीज़न भी जमकर रन बरसने वाले हैं। पहले पांच मुक़ाबलों में कुल 119 छक्के लगे थे जबकि पिछले सीज़न पांच मुक़ाबलों के बाद कुल 87 छक्के लगे थे। वहीं इस सीज़न पहले पांच मैच में छह बार 200 से अधिक और तीन बार 240 से अधिक रन बने थे।
हालांकि इसके बाद गेंदबाज़ों ने टूर्नामेंट में वापसी की है। नतीजतन, 50 मुक़ाबलों के बाद छक्कों की संख्या, रन रेट, 200 से अधिक के स्कोर के मामले में पिछले सीज़न की तुलना में गिरावट दर्ज की गई है। पिछले सीज़न इस पड़ाव पर कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR), सनराइज़र्स हैदराबाद (SRH) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने 10 से अधिक के रन रेट से रन बनाए थे लेकिन इस सीज़न अब तक सिर्फ़ गुजरात टाइटंस (GT) ने ही 10 से अधिक के रन रेट से रन बनाए हैं।
दोनों सीज़न में इस पड़ाव तक कुल 103 50 से अधिक स्कोर बने लेकिन पिछले सीज़न जहां इस पड़ाव तक 11 शतक लग चुके थे तो वहीं इस सीज़न अब तक केवल चार शतक ही लगाए गए हैं। मैच के चरण के लिहाज़ से बात कर रहे हैं तो रन रेट और छक्कों की संख्या में यह सीज़न पिछले सीज़न से सिर्फ़ पावरप्ले में ही आगे है।
2025 में छक्कों की संख्या में गिरावट
छक्कों की संख्या में आई लगातार गिरावट दोनों सीज़न के तुलनात्मक आंकलन की तस्वीर और साफ़ कर देती है। इस सीज़न 29 मुक़ाबले के बाद पिछले सीज़न की तुलना में 38 अधिक छक्के लगे थे। लेकिन 30वें मुक़ाबले के बाद यह अंतर 38 से घटकर मात्र 13 ही रह गया। क्योंकि पिछले सीज़न के 30वें मुक़ाबले में RCB और SRH के बीच खेले गए मैच में कुल 38 छक्के लगे थे। 50 मैच के बाद 2025 का सीज़न, 2024 के सीज़न से 70 छक्के पीछे है। पिछले सीज़न पहले 50 मुक़ाबले में तीन मुक़ाबले ऐसे थे जिनमें
35 से अधिक छक्के लगे थे लेकिन इस सीज़न अब तक सिर्फ़ एक मैच में ही
सर्वाधिक 32 छक्के लगे हैं।
30.02 की औसत से स्पिनर्स ने इस सीज़न अब तक कुल 220 विकेट चटकाए हैं जो कि पिछले सीज़न की तुलना में काफ़ी बेहतर है। 2024 में इस पड़ाव तक स्पिनर्स ने 37 की औसत से 154 विकेट अपने नाम किए थे। इस सीज़न स्पिनर्स ने अब तक कुल ओवरों के 41 फ़ीसदी ओवरों में गेंदबाज़ी की है और गेंदबाज़ों द्वारा लिए गए कुल विकेटों में 39 फ़ीसदी विकेट स्पिनर्स ने चटकाए हैं। जबकि पिछले सीज़न इस पड़ाव तक स्पिनर्स ने कुल ओवरों के 33 फ़ीसदी ओवर डाले थे और 27 फ़ीसदी विकेट चटकाए थे।
मध्य ओवरों में अंतर और भी ज़्यादा है। 50 मुक़ाबलों के बाद पिछले सीज़न की तुलना में इस सीज़न स्पिनरों ने इस चरण में 44 विकेट अधिक लिए हैं और उन्होंने 61 फ़ीसदी से अधिक ओवर भी डाले हैं। पिछले सीज़न इस चरण में तेज़ गेंदबाज़ों ने 138 जबकि इस सीज़न स्पिनरों ने 127 विकेट लिए थे। वहीं इस सीज़न स्पिनरों ने 171 विकेट हासिल किए हैं और तेज़ गेंदबाज़ों ने 106 विकेट हासिल किए हैं।
बाद में बल्लेबाज़ी जीत का मंत्र
इस सीज़न शुरुआत में पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम अधिक फ़ायदे में रह रही थी, पहले 23 में से 13 मैच पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम ने जीते थे। हालांकि इसके बाद तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है, 27 में से 17 मैच बाद में बल्लेबाज़ी करने वाली टीम ने जीते हैं और सिर्फ़ आठ बार ही बाद में बल्लेबाज़ी करने वाली टीम हारी है। इसका मतलब है कि 50 मुक़ाबलों के बाद चेज़ करने वाली टीम 27-21 के आंकड़े से आगे है। जबकि पिछले सीज़न इस पड़ाव तक पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम ने 27 मैच जीते थे और 23 मैच में पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम को हार का सामना करना पड़ा था।
इस सीज़न टॉस जीतने वाली टीम भी अधिक फ़ायदे में रही है, अब तक टॉस जीतने वाली टीम ने 27 मैच जीते हैं जबकि 21 मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। जबकि पिछले सीज़न 50 मुक़ाबलों के बाद टॉस जीतने वाली टीम ने 27 मैच जीते थे और 23 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। RCB इस सीज़न की एकमात्र ऐसी टीम है जिसने
टॉस जीतने के बाद एक भी मैच नहीं हारा है, अब तक उनका आंकड़ा 4-0 का है, वहीं वह मुंबई इंडियंस और GT के साथ उन तीन टीमों में भी शामिल है जिन्होंने तीन मैच
टॉस हारने के बाद जीते हैं।