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समस्याओं के समंदर में जूझ रहे हैं बवूमा

क्या वह विशुद्ध रूप से बल्लेबाज़ के रूप में चयन के योग्य हैं?

Temba Bavuma has his focus set ahead of the first T20I against India, India vs South Africa, Thiruvananthapuram, September 26, 2022

चोट के बाद साउथ अफ़्रीकी टीम की कमान संभालने के लिए फिर से तैयार हैं बवूमा  •  Kerala Cricket Association

आख़िरी बार तेम्बा बवूमा ने साउथ अफ़्रीका के लिए राजकोट में हुए एक टी20 मैच में हिस्सा लिया था। उस मैच में भुवनेश्वर कुमार की एक अतिरिक्त उछाल लेती हुई गेंद उनके कंधे पर लगी थी। इसके बाद इसी ओवर में रन चुराने के प्रयास में उन्होंने छलांग लगाई और उनके कोहनी में भी चोट लग गई। नतीजतन उन्हें रिटायर्ड हर्ट होना पड़ा। बाद में पता चला कि यह चोट लंबे समय तक उनका पीछा नहीं छोड़ने वाली है और उन्हें इंग्लैंड दौरे से भी बाहर होना पड़ा।
अब बवूमा स्वस्थ हो चुके हैं और भारत के ख़िलाफ़ होने वाली टी20 सीरीज़ में अपने टीम का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। हालांकि क्रिकेट की दुनिया का माहौल वैसा नहीं है, जैसा उनके चोटिल होने से पहले हुआ करता था।
तीन मैचों की टी20 सीरीज़ में राइली रुसो ने भी छह सालों के कोलपैक समझौते के चलते ग़ैरमौजूदगी के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने में सफलता हासिल की है। इंग्लैंड में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ दूसरे टी20 मैच में उन्होंने 55 गेंदों में 96 रनों की पारी खेली। इसके बाद तीसरे टी20 मैच में उन्होंने 18 गेंदों में 31 रनों की पारी खेली। इस बीच रीज़ा हेंड्रिक्स ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ तीन मैचों में तीन अर्धशतक बनाए और ब्रिस्टल में आयरलैंड के ख़िलाफ़ अपनी दो पारियों में 74 और 42 रन बनाए।
इंग्लैंड दौरे पर टी20 मैचों में क्विंटन डिकॉक, हेंड्रिक्स और रुसो पहले तीन बल्लेबाज़ों के लिए पहली पसंद थे। वहीं आयरलैंड के ख़िलाफ़ रुसो की जगह पर रासी वान दर दुसें को जगह दी गई थी।
वान दर दुसें चोटिल हैं। वह भारत दौरे और इसके बाद होने वाले टी20 विश्व कप से बाहर हो गए हैं लेकिन बवूमा टीम में वापस आ गए हैं। इस कारण से साउथ अफ़्रीका के पास अभी भी शीर्ष क्रम के तीन स्थानों के लिए चार दावेदार हैं।
बवूमा उनके कप्तान हैं और डिकॉक दुनिया के प्रमुख कीपर-बल्लेबाज़ों में से एक हैं। इसका मतलब है कि हेंड्रिक्स या रुसो को तब तक बाहर बैठना होगा जब तक कि साउथ अफ़्रीका अपनी पहली पसंद के खिलाड़ियों को आराम नहीं दे देता।
यह एक मुश्किल स्थिति है। हालांकि बवूमा ऐसी चीज़ों के अभ्यस्त हैं, लेकिन इस बार दबाव ज़्यादा हो सकता है।
मैंने उन सभी चीज़ों को नज़रअंदाज़ करने का प्रयास किया है। जैसा कि मैंने पहले कहा है कि मेरा सबसे बड़ा ध्यान उस भूमिका पर है जो मेरे पास है। मुझे टीम का नेतृत्व करना है। यह सुनिश्चित करना है कि टीम विश्व कप से पहले ठीक स्थिति में हो।
तेम्बा बवूमा
कप्तानी के मोर्चे पर बवूमा के पास दिखाने के लिए काफ़ी कुछ है। उनके पास टी20 अंतर्राष्ट्रीय में कम से कम 10 मैचों साउथ अफ़्रीका का नेतृत्व करने वाले सभी कप्तानों में जीत-हार का रिकॉर्ड दूसरा सर्वश्रेष्ठ है। इसके अलावा उन्होंने टी20 विश्व कप के दौरान घुटने टेकने को लेकर डिकॉक के साथ हुए विवाद के दौरान टीम को संभालने में अहम भूमिका अदा की थी। घटना के तुरंत बाद ऐसा लगा कि टीम बिखर सकती है। इसके बावजूद उन्होंने पांच में से चार गेम जीते और केवल ख़राब नेट रन रेट के कारण सेमीफ़ाइनल से बाहर हो गए।
जब साउथ अफ़्रीका के लिए ऑस्ट्रेलिया में इस साल के टूर्नामेंट के लिए अपनी टीम चुनने का समय आया तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं थी कि चयनकर्ताओं ने बवूमा को फिर से टीम की कमान सौंप दी। लेकिन क्या वह विशुद्ध रूप से बल्लेबाज़ के रूप में चयन के योग्य हैं? यह एक ऐसा प्रश्न है जो बवूमा के पूरे अंतर्राष्ट्रीय करियर के दौरान अक्सर उठता रहा है। हालांकि ज़्यादातर बार इस सवाल के पीछे कारण तर्कपूर्ण नहीं होते हैं।
इसमें कोई दो मत नहीं है कि बवूमा के पास हमेशा कौशल के साथ-साथ शांत स्वभाव भी है जो एक बेहतर टेस्ट करियर के निर्माण में नींव का काम करता है। हालांकि जब बवूमा को सफ़ेद गेंद का कप्तान बनाया गया था तब वह उस प्रारूप में ख़ुद स्थापित नहीं हो पाए थे। उनका वनडे रिकॉर्ड कुछ ख़ास नहीं है, लेकिन टी20 में उनके आंकड़े और भी मामूली हैं। एसए20 नीलामी में उनका चयन नहीं हुआ। उसके बाद कई सवाल उठाए गए। हालांकि जब 100 मैचों के बाद आपका स्ट्राइक रेट 124.67 का हो तो आप क्या तर्क दे सकते हैं। वहीं एसए20 में टीम के मालिक (जिनमें से सभी आईपीएल में टीमों के मालिक हैं) यह तर्क दे सकते हैं कि बवूमा की अनदेखी करना आईपीएल नीलामी में चेतेश्वर पुजारा की अनदेखी करने से अलग नहीं था।
हालांकि पुजारा भारतीय टी20 टीम के कप्तान भी नहीं हैं।
आने वाले दिनों में बवूमा को टीम की कमान संभालने के अलावा प्रेस कांफ़्रेंस में कड़े सवालों का सामना करने के लिए भी तैयार रहना होगा। कुछ दिन पहले ही उन्होंने प्रेस से बात करते हुए इस बात पर नाराज़गी जताई थी कि उन्हें एसएटी20 में चयनित नहीं किया गया। पहले टी20 की पूर्व संध्या पर उनसे पूछा भी गया कि क्या टी20 विश्व कप से पहले उन पर इस सीरीज़ में निजी तौर पर ख़ुद को साबित करने का ज़्यादा दबाव होगा।
बवूमा ने कहा, "मैंने उन सभी चीज़ों को नज़रअंदाज़ करने का प्रयास किया है। जैसा कि मैंने पहले कहा है कि मेरा सबसे बड़ा ध्यान उस भूमिका पर है जो मेरे पास है। मुझे टीम का नेतृत्व करना है। यह सुनिश्चित करना है कि टीम विश्व कप से पहले ठीक स्थिति में हो।"

कार्तिक कृष्णास्वामी ESPNcricinfo के सनीयर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।