फ़ीचर्स

मक्कलम की इस बैख़ौफ़ नई टीम से कैसे पार पाएगी टीम इंडिया?

इंग्लैंड की टीम पिछले साल की तुलना में बहुत बदल चुकी है

मक्कलम और स्टोक्स के कार्यकाल में बेयरस्टो इंग्लैंड टेस्ट टीम के नायक बनकर उभरे हैं  •  Stu Forster/Getty Images

मक्कलम और स्टोक्स के कार्यकाल में बेयरस्टो इंग्लैंड टेस्ट टीम के नायक बनकर उभरे हैं  •  Stu Forster/Getty Images

पिछले साल की तरह इस साल भी भारत और इंग्लैंड दोनों टीमें कोरोना से जूझ रही हैं। लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं और अब टेस्ट रद्द या स्थगित होने जैसी कोई बात नहीं है। हाल ही में ख़त्म हुए इंग्लैंड-न्यूज़ीलैंड सीरीज़ के दौरान भी दोनों टीमों के कुछ खिलाड़ी कोरोना पॉज़िटिव हुए लेकिन सीरीज़ जारी रखने पर कोई सवाल नहीं उठा। इसी तरह यह टेस्ट मैच भी तय समयानुसार होगा। बस सवाल यह है कि भारतीय कप्तान रोहित शर्मा अगर ठीक नहीं होते हैं तो उनकी जगह कौन लेगा और भारतीय टीम की कप्तानी कौन करेगा?
जब यह सीरीज़ शुरू हुआ था तो रवि शास्त्री टीम इंडिया के कोच थे, अब वह कॉमेंटेटर के रूप में इस सीरीज़ को ख़त्म करेंगे। रोहित शर्मा और केएल राहुल इस सीरीज़ में दो सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं, लेकिन अब लगभग दोनों ही इस टेस्ट मैच से बाहर हैं। हालांकि भारत के पास मयंक अग्रवाल के रूप में विकल्प मौजूद है, जिनकी चोट के कारण केएल राहुल ने यह सीरीज़ एक सलामी बल्लेबाज़ के रूप में खेला था।
भारतीय टीम के सार्वकालिक सर्वश्रेष्ठ तेज़ गेंदबाज़ों में से एक इशांत शर्मा भी अब टीम के साथ नहीं हैं। वह सिर्फ़ 33 साल के हैं और ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने अपना आख़िरी टेस्ट खेल लिया है। हालांकि कोई भी उनको लेकर भावुक नहीं है। कोई हो भी क्यों? भारत के पास पहले से ही मोहम्मद सिराज के रूप में उनका विकल्प मौज़ूद है। इसके अलावा प्रसिद्ध कृष्णा भी लाइन में हैं, जिनका वनडे औसत 17 और प्रथम श्रेणी औसत 18 का है।
आर अश्विन भारत के सार्वकालिक सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक हैं लेकिन उनका भी इस सीरीज़ के एक मैच में भी ना खेलना बताता है कि भारतीय टीम में कितनी गहराई है। अगर रोहित इस मैच के लिए उपलब्ध होते हैं तो कम से कम भारत उन आठ खिलाड़ियों के साथ उतर सकता है, जिन्होंने इस सीरीज़ का चौथा मैच भी खेला था।
वहीं इंग्लैंड पिछले साल के मुक़ाबले बहुत बदल गया है। उनके कप्तान और कोच बदल गए हैं और उनके खेलने का तरीक़ा बदल गया है। पिछले साल ओवल में इस सीरीज़ का चौथा टेस्ट मैच खेलने वाले सिर्फ़ चार इंग्लिश खिलाड़ी इस मैच के लिए उपलब्ध रहेंगे।
इंग्लैंड की इसी टीम ने तीन महीने पहले 154 ओवर की दो पारियों के दौरान सिर्फ़ 324 रन बनाए थे और इस दौरान उनके सिर्फ़ 10 विकेट गिरे थे। लेकिन ब्रेंडन मक्कलम के आने और बेन स्टोक्स के कप्तान बनने के बाद टीम का रवैया पूरी तरह से बदल चुका है। मक्कलम की नीति है- डर से पीछे नही भागो बल्कि डर का ही पीछा करो, जिसे उनके कप्तान और टीम ने पूरी तरह से मैदान पर उतारा है।
इस दौरान जॉनी बेयरस्टो इस टीम के नायक बनकर उभरे हैं। पिछले साल इस सीरीज़ के आख़िरी टेस्ट में वह शून्य पर आउट हुए थे और उनके टेस्ट करियर पर भी सवाल उठ रहा था। वह टेस्ट क्रिकेट के नौवें साल में थे, लेकिन पिछले तीन साल में उनका टेस्ट औसत सिर्फ़ 23 का था। लेकिन बेयरस्टो अब बदल गए हैं। पिछली तीन पारियों में उन्होंने 293 गेंदों में 46 चौकों और 10 छक्कों की मदद से 369 रन बनाए हैं, जिसमें दो बड़े शतक और एक नाबाद 71 रन की पारी है।
अब वह बल्लेबाज़ी को फ़ील कर रहे हैं, जैसा कि कुमार संगाकारा कहते हैं। अब वह फ़ॉर्मेट, बल्लेबाज़ी क्रम या फिर मैच की परिस्थितियों के अनुसार अपनी बल्लेबाज़ी शैली में बदलाव नहीं कर रहे हैं, बस उन्हें जैसा खेलना चाहिए, वैसा खेल रहे हैं।
हालांकि भारत के कोच द्रविड़ को मक्कलम के इन साहसिक कारनामों का अंदाजा है और वह इसके लिए रणनीतिक रूप से सतर्क और तैयार भी होंगे। हों भी क्यों नहीं, यह मक्कलम ही थे, जिन्होंने आईपीएल के पहले मैच में राहुल द्रविड़ की टीम के ख़िलाफ़ 158 रन ठोक डाले थे।

उस्मान समिउद्दीन ESPNcricinfo में सीनियर एडिटर हैं