टेस्ट डेब्यू पर पहले गेंदबाज़ी और फिर नौवें ही ओवर में गेंद का सौंपा जाना। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे किसी भी खिलाड़ी के लिए यह एक यादगार पल होगा। इस सुनहरे पल में जब कोई अपने पहले ही ओवर में विकेट निकाल जाए तो उसे सोने पे सुहागा ही कहेंगे। कुछ ऐसा ही हुआ पाकिस्तान के नए टेस्ट खिलाड़ी
अबरार अहमद के साथ। इस मिस्ट्री स्पिनर ने
मुल्तान में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पहले ही सेशन में पांच बल्लेबाज़ों का शिकार करते हुए अपने टेस्ट करियर का पहला पंजा खोला।
अपने पहले टेस्ट में विपक्षी टीम के सात विकेट झटकने वाले वह केवल तीसरे पाकिस्तानी गेंदबाज़ बन गए। वह टेस्ट डेब्यू पर पारी में 10 विकेट निकालने वाले पहले गेंदबाज़ बनने की राह पर थे लेकिन साथी स्पिनर ज़ाहिद महमूद ने अगले दो विकेट लेकर ऐसा होने नहीं दिया।
इसके बावजूद, अबरार के इस प्रदर्शन के बाद सभी के मुंह पर एक ही सवाल है - अबरार अब तक कहां छुपे हुए थे?
24 वर्षीय अबरार काग़ज़ी तौर पर एक लेग स्पिन गेंदबाज़ हैं। हालांकि वह गुगली और कैरम बॉल भी डाल सकते हैं। इसके अलावा वह अपनी उंगलियों के कमाल से जादू करते हैं। सही मायनों में अबरार आधुनिक क्रिकेट के मिस्ट्री स्पिनर हैं। अब तो वह अपने देश की ओर से टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले पहले मिस्ट्री स्पिनर भी बन गए हैं।
अबरार पश्तो भाषा बोलते हैं लेकिन वह कराची में पले-बढ़े हैं। उनका परिवार एबटाबाद के पास के एक छोटे से गांव शिनकियारी से कराची आया था और अबरार कराची के लाइंस इलाके में टेप-बॉल क्रिकेट खेलकर बड़े हुए।
गेंद को स्पिन कराने की उनकी क़ाबिलियत ने स्थानीय कोचों को प्रभावित किया। कराची क्रिकेट में तीसरा ज़ोन सबसे कमज़ोर माना जाता है लेकिन अबरार ने 2016 में 53 विकेट लेते हुए उन्हें अपना पहला स्थानीय टूर्नामेंट जितवाया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
राशिद लतीफ़ क्रिकेट अकादमी में उनकी गेंदबाज़ी बेहतर होती चली गई और शहर के एक प्रसिद्ध कोच मोहम्मद मसरूर की छत्रछाया में वह फूले-फले।
साल
2017 में पाकिस्तान सुपर लीग में पहली बार अबरार की प्रतिभा लोगों तक पहुंची जब कराची किंग्स ने उन्हें अपने इमर्जिंग खिलाड़ी के तौर पर चुना। दो मैचों में उन्हें विकेट तो नहीं मिली लेकिन तब इंग्लैंड के कप्तान ओएन मॉर्गन के विरुद्ध उन्होंने
16 गेंदों पर मात्र 17 रन दिए। इस पारी में मॉर्गन ने कुल मिलाकर 57 गेंदों पर नाबाद 80 रन बनाए थे और केवल अबरार उन्हें शांत रखने में सफल रहे।
टीम के कोच मिकी आर्थर तथा कुमार संगकारा और महेला जयवर्दना, अबरार के इस प्रदर्शन से प्रभावित हुए।
मॉर्गन के साथ जंग के बाद अबरार ने एक और मैच खेला जिसके बाद पीठ की चोट ने उन्हें क्रिकेट से दूर कर दिया। साल 2020 में उन्होंने क्रिकेट में वापसी की और क़ायद-ए-आज़म दूसरी एकादश ट्रॉफ़ी में
57 विकेट लेकर टूर्नामेंट के तीसरे सबसे सफल गेंदबाज़ रहे।
इस प्रदर्शन ने अबरार को पहली एकादश में स्थान दिलाया। भले ही उन्होंने सभी मैचों में हिस्सा नहीं लिया है, विकेट निकालने की उनकी कला साफ़ नज़र आई है। 2020-21 में 16 और 2021-22 में 17 विकेट लेने के बाद उन्होंने
वर्तमान सीज़न में 43 विकेट अपने नाम किए हैं।
कोच मसरूर के अनुसार, अबरार को "रेड-बॉल क्रिकेट में बहुत कम आंका गया है, अन्यथा पूरी फ़िटनेस पर वह हमेशा क्रिकेट के सभी प्रारूपों के लिए एक पूर्ण पैकेज रहा है। वह केवल गेंदबाज़ी करने के लिए गेंद नहीं करता है बल्कि वह विकेट लेने की कला जानता है। उसकी गेंदबाजी में विविधता है, और जिस तरह का नियंत्रण है, वह पाकिस्तान के लिए प्रमुख गेंदबाज़ बन सकता है।"
अगर वह ऐसे ही बल्लेबाज़ों को अपनी धुन पर नचाते रहे तो शायद कोच मसरूर की बात सच हो जाएगी और अबरार तीनों प्रारूपों में पाकिस्तान के लिए कमाल कर दिखाएंगे।