रूट के साथ ज़ुबानी जंग पर प्रसिद्ध : यह योजना का हिस्सा था
हालांकि प्रसिद्ध ने कहा कि उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि रूट की ओर से उन्हें ऐसी प्रतिक्रिया मिलेगी
नागराज गोलापुड़ी
02-Aug-2025 • 8 hrs ago
"आप बहुत अच्छी लय में नज़र आ रहे हैं।"
प्रसिद्ध कृष्णा को इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि उनके यह शब्द जो रूट की लय बिगाड़ देंगे और रूट को पवेलियन की राह दिखाने की यह एक बड़ी वजह बनेगी जिसके चलते भारत ओवल टेस्ट में ड्राइविंग सीट पर पहुंच जाएगा।
रूट जब बल्लेबाज़ी के लिए आए थे तब इंग्लैंड 129 के स्कोर पर दो विकेट के नुक़साने के साथ अच्छी स्थिति में था। दोपहर में धूप से भरे मौसम के बाद बादल छाने लगे और प्रसिद्ध ने आकाश दीप और मोहम्मद सिराज के साथ मिलकर इंग्लैंड की पारी की रफ़्तार को धीमा करना शुरू किया।
रूट ने पहली गेंद का जब सामना किया तब प्रसिद्ध की गुड लेंथ पर पड़ी गेंद उछाल के साथ उनके दस्ताने पर जा लगी। दो गेंद बाद, एक वोबल सीम गेंद पर वह प्रसिद्ध के ख़िलाफ़ डिफ़ेंस पर बीट हुए और संभवत: तभी प्रसिद्ध ने रूट से यह शब्द कहे थे।
इसकी ठीक अगली गेंद पर रूट ने स्क्वायर ड्राइव पर चौका जड़ते हुए प्रसिद्ध को भी कुछ शब्द कहे और अंपायर कुमार धर्मसेना को बीच-बचाव करना पड़ा और उन्होंने प्रसिद्ध से बात की। धर्मसेना जब प्रसिद्ध से बात कर रहे थे तब के एल राहुल और शुभमन गिल भी वहां पहुंच गए और यह चर्चा दो मिनट से अधिक देर तक चली। अगले कुछ ओवरों तक धर्मसेना ने प्रसिद्ध पर नज़रें जमाई रखीं और इस दौरान अन्य भारतीय खिलाड़ी रूट के साथ उलझते रहे।
प्रसिद्ध ने माना कि रूट के इस तरह घबरा जाने से वह हैरान थे। उन्होंने BBC के टेस्ट मैच स्पेशल को कहा, "मुझे नहीं पता कि रूटी ने ऐसा क्यों किया। मैंने बस इतना कहा, 'आप बहुत अच्छे फ़ॉर्म में दिख रहे हो' और फिर बात गाली-गलौज वगैरह में बदल गई।"
प्रसिद्ध ने स्वीकार किया कि रूट को बहस में उलझाकर उनका ध्यान भटकाने की योजना ओवल टेस्ट से पहले मेहमान टीम ने बनाई थी। उन्होंने मीडिया ब्रीफ़िंग में कहा, "यही योजना थी, लेकिन मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरे कुछ शब्दों पर उनकी इतनी तीखी प्रतिक्रिया होगी।"
प्रसिद्ध ने कहा कि उन्हें "आक्रामक" होने में मज़ा आता है और यह सिर्फ "प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त" लेने के चलते रूट और उनके बीच "मज़ाक" हुआ।
उन्होंने कहा, "जब मैं गेंदबाजी कर रहा होता हूं, जब मैं [अपने खेल का] आनंद ले रहा होता हूं, तो मैं ऐसा ही होता हूं। अगर इसका मतलब है कि मैं बल्लेबाज़ से थोड़ी-बहुत बातचीत कर पाता हूँ... और जब मैं बल्लेबाज़ को परेशान कर पाता हूं और उनसे प्रतिक्रिया प्राप्त कर पाता हूं, तो इससे मुझे मदद मिलती है। लेकिन मुझे वह एक इंसान के रूप में पसंद हैं। वह खेल के दिग्गज हैं और मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छा होता है जब दो लोग किसी ख़ास पल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और विजेता बनने की चाहत रखते हैं।"
इंग्लैंड के सहायक कोच मार्कस ट्रेसकॉथिक, रूट को परेशान करने की भारत की योजना को ज़्यादा गंभीरता से नहीं लेना चाहते थे। रूट इस सीरीज़ में इंग्लैंड के लिए सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे हैं।
ट्रेसकॉथिक ने दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, "मुझे लगता है कि उन्होंने कोई टिप्पणी की है, है ना? ज़ाहिर है कि उन्होंने [प्रसिद्ध] रूट पर दबाव बनाने और उन्हें थोड़ा उत्तेजित करने की कोशिश की। हो सकता है कि उन्होंने पिछले कुछ मैचों में उन्हें इतना अच्छा खेलते देखा हो कि भारत ने एक अलग तरीका अपनाया, और जो ने जवाब दिया, जैसा कि वह कभी-कभी करते हैं। आम तौर पर, वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो बस हंसते-खिलखिलाते रहते हैं और चीज़ों को होने देते हैं, लेकिन आज उन्होंने एक अलग रास्ता चुना। इस तरह के रवैये से निपटने का हर किसी का अपना तरीका होता है, और आज जो ने जवाब दिया।"
एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफ़ी सीरीज़ में दोनों टीमें एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दे रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप खिलाड़ियों के बीच भी कई बार तीखी बहस देखने को मिली है।
लॉर्ड्स में गिल ने मेज़बान टीम की दूसरी पारी की शुरुआत में 90 सेकंड देरी से मैदान पर आए इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज़ों ज़ैक क्रॉली और बेन डकेट पर गिल अपना आपा खो बैठे थे, जबकि इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने ओल्ड ट्रैफ़र्ड में मैच ड्रॉ होने के बावजूद रवींद्र जाडेजा और वाशिंगटन सुंदर के अंतिम सत्र के अंतिम घंटे में शतक बनाने के फ़ैसले पर सवाल उठाकर विवाद खड़ा कर दिया था।
शुक्रवार को एक और घटना घटी, जो किसी बड़ी घटना को जन्म दे सकती थी, अगर डकेट ने आक्रामक प्रतिक्रिया दी होती, जब आकाश दीप ने सलामी बल्लेबाज़ को आउट करने के बाद उसके गले में हाथ डाला था। ट्रेसकॉथिक ने कहा कि आकाश दीप की ओर से यह एक "अजीब" कदम था।
ट्रेसकॉथिक ने कहा, "उन्होंने ज़्यादा कुछ नहीं कहा। अजीब है, सच में। मुझे नहीं लगता कि आपको किसी के गले में हाथ डालने की ज़रूरत है, लेकिन असल में कुछ कहा ही नहीं गया था, है ना? आपको बस यह दिखाई ही नहीं देता। हम वहां बालकनी में बातें कर रहे थे और मुझे पता है कि काउंटी क्रिकेट खेलने वाले कई अच्छे लोग कुछ कहते या कोहनी गड़ा देते, या ऐसा ही कुछ।"