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पीसीबी का प्रस्ताव: भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के साथ हर साल एक टी20 अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट

लगभग 5000 करोड़ रुपए की आमदनी वाली इस प्रस्ताव को अगले हफ़्ते आईसीसी के सामने रखा जाएगा

Shaheen Shah Afridi accounted for Virat Kohli, India vs Pakistan, Men's T20 World Cup 2021, Super 12s, Dubai, October 24, 2021

शाहीन शाह अफरीदी और विराट कोहली की प्रतिस्‍पर्धा अब लगातार देखने को मिल सकती है  •  Getty Images

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के साथ चार देशों की एक टी20 अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट का प्रस्ताव रखा है जिसके अनुसार चार प्रतियोगी देशों के साथ साथ आईसीसी के लिए लगभग 5000 करोड़ रुपयों की आमदनी की आशा जताई गई है। इस प्रस्ताव के तहत चरों देश की टीमें हर साल एक सिंगल लीग टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगीं और यह प्रस्ताव अगले हफ़्ते आईसीसी बोर्ड मीटिंग में रखा जाएगा।
पीसीबी ने यह दावा भी किया है कि इस टूर्नामेंट के लिए उन्होंने सितंबर और अक्तूबर के बीच का समय निकाला है जब ऑस्ट्रेलिया, भारत और पाकिस्तान में सीज़न की शुरुआत होने वाली होती है और इंग्लैंड के लिए उनके सीज़न का अंत।
प्लान के अनुसार शुरुआत में सिंगल लीग में छह मैच खेले जाएंगे (एक टीम बाक़ी के तीन टीमों से एक बार खेलेगी) और फिर एक फ़ाइनल होगा या बेस्ट ऑफ़ थ्री फ़ाइनल खेले जाएंगे। सारे मैच दो सप्ताहांत के बीच ख़त्म होंगे और मेज़बानी हर साल अलग अलग देश के बोर्ड को मिलेगी। प्रतियोगिता का पूरा नियंत्रण आईसीसी को दिया जाएगा।
हालांकि इस टूर्नामेंट के मीडिया और व्यावसायिक राइट्स से 5000 करोड़ रुपयों की आमदनी का अनुमान किया गया है फ़िलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इस पैसे को चार प्रतियोगियों और आईसीसी के बीच कैसे विभाजित किया जाएगा। समझा गया है कि एक बड़ा हिस्सा अप्रतियोगी फ़ुल सदस्य और एसोसिएट देशों में बांटा जा सकता है।
एक पीसीबी अधिकारी ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया, "यह एक मौक़ा है क्रिकेट की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विताओं का व्यावसायिक उपयोग करते हुए नई पीढ़ी के क्रिकेटरों को प्रोत्साहित करने का और सदस्य देशों में क्रिकेट के विकास को बढ़ावा देने का। इससे मैचों को केवल संदर्भ ही नहीं मिलेगा, बल्कि भारत बनाम पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड और भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े मैचों को एक मंच पर प्रदर्शित करने का अवसर देगा।"
पीसीबी अध्यक्ष बनने के बाद से रमीज़ राजा ने कई बार ऐसे प्रतियोगिता की बात की है। इस प्रस्ताव को आईसीसी के सामने पेश करने में उनका साथ देंगे बोर्ड सीईओ फैज़ल हसनैन। यह मीटिंग और भी अहम है क्योंकि यहां अगले आगामी टूर कार्यक्रम (एफ़टीपी) का गठन भी होगा।
इस प्रस्ताव के रज़ामंदी में कुछ चुनौतियां ज़रूर हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक कारणों से 2012-13 सत्र के बाद किसी द्विपक्षीय क्रिकेट का आयोजन नहीं हो पाया है। साथ ही दोनों बोर्ड के रिश्तों में भी कोई सुधार नहीं आया है और आजकल यह दोनों देश सिर्फ़ आईसीसी के टूर्नामेंट में ही भिड़ते हैं। आईसीसी के बाक़ी सदस्यों के लिए भी इस प्रस्ताव को मानना मुश्किल हो सकता, ख़ासकर क्योंकि इससे एक जटिल कार्यक्रम में एक और टूर्नामेंट जुड़ जाता है। 2023 और 2031 के बीच पुरुष क्रिकेट में चार टी20 विश्व कप आयोजित होने हैं और अधिकतर देशों में लीग के चलते पूरे कार्यक्रम में एक और प्रतियोगिता फ़िट तभी हो सकता है अगर द्विपक्षीय क्रिकेट को कम किया जाए।
पीसीबी का मानना है कि इस टूर्नामेंट से आईसीसी के किसी प्रतियोगिता पर असर नहीं पड़ेगा। उनके अधिकारी ने कहा, "आईसीसी ने 2005 में सुपर सीरीज़ आज़माया था। यह भी एक देश बनाम देश प्रतियोगिता है और इससे बढ़ते घरेलू लीग से उत्पन्न अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की अहमियत में इज़ाफ़ा होगा।"

उस्मान समिउद्दीन ESPNcricinfo में सीनियर एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo में स्‍थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।