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विदर्भ vs मध्य प्रदेश: काग़ज पर एक बराबर लेकिन मिलेगी कड़ी टक्कर

विदर्भ को अपने घरेलू मैदान का फ़ायदा मिलेगी लेकिन मध्य प्रदेश अब तक इस सीज़न में अजेय रही है

Karun Nair in action for Vidarbha against his former team Karnataka, Vidarbha vs Karnataka, Ranji Trophy 2023-24, 4th day, February 26, 2024

करूण नायर ने इस सीज़न विदर्भ के लिए सबसे अधिक रन बनाए हैं  •  PTI

2017-18 और 2018-19 में चंद्रकांत पंडित ने एक कोच के रूप में विदर्भ की टीम के साथ लगातार दो रणजी ट्रॉफ़ी का ख़िताब जीता था। उसके ठीक पांच साल बाद अब जब चंद्रकांत पंडित मध्यप्रदेश की टीम के कोच हैं और अपने कार्यकाल में मध्यप्रदेश की टीम को दूसरी रणजी ट्रॉफ़ी ख़िताब दिलाने का प्रयास कर रहे हैं।
हालांकि ऐसा करने के लिए उन्हें सेमीफ़ाइनल में उसी टीम को हराना होगा, जिसे उन्होंने एक कोच के रूप में दो बार रणजी चैंपियन बनाया था।
शनिवार को 50वीं बार मध्य प्रदेश और विदर्भ की टीम रणजी ट्रॉफ़ी में आमने-सामने होगी। अब तक 15 जीत, छह हार और 28 ड्रॉ के साथ मध्य प्रदेश का पलड़ा भारी रहा है। हालांकि पुराने रिकॉर्ड के आधार पर मैच से पहले कोई निष्कर्ष निकालना कहीं से भी उचित नहीं है। इसके अलावा एक तथ्य यह भी है कि पिछले 15 वर्ष में दोनों टीमों के बीच सिर्फ़ एक ही मैच (2022-23) खेला गया है। इस मैच में मध्यप्रदेश की टीम ने 205 रनों से विदर्भ को हराया था।
मध्य प्रदेश को उस जीत से एक आत्मविश्वास ज़रूर मिलेगा, लेकिन एक बात यह भी है कि उस मैच में रजत पाटीदार ने शतक लगाया था और अभी वह भारतीय टीम के साथ हैं। हालांकि अभी उनकी टीम के पास वेंकटेश अय्यर ज़रूर हैं, जिन्होंने पिछले महीने कहा था कि वह इस सीज़न में अपनी टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करते हुए रणजी ट्रॉफ़ी जीतना चाहते हैं।
वहीं विदर्भ को अपने घरेलू मैदान पर खेलने का फ़ायदा मिलेगा। इस सीज़न में उन्होंने नागपुर में जो चार मैच खेले हैं, उनमें से उन्होंने तीन मैचों में जीत हासिल की है और एक मैच में उन्हें हार मिली है। फ़िलहाल उनकी टीम के कोच उस्मान ग़नी हैं, जो पर्दे के पीछे रहना पसंद करते हैं लेकिन एज़ ग्रुप क्रिकेट में एक कोच के रूप में उनका रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है। वह भी अपना पहला रणजी ख़िताब जीतने के लिए उत्सुक होंगे।
दोनों टीमें अपने-अपने ग्रुप में शीर्ष पर रहते हुए नॉकआउट में पहुंची हैं। विकेटकीपर बल्लेबाज़ अक्षय वाडकर की कप्तानी में विदर्भ ने लीग चरण में पांच जीत, एक हार और एक ड्रॉ दर्ज करते हुए नॉकआउट में पहुंची थी और फिर क्वार्टर फ़ाइनल में कर्नाटका को 127 रनों से हराया था।
शुभम शर्मा की कप्तानी में मध्य प्रदेश की टीम अब तक इस सीज़न में अजेय रही है। अपने सात ग्रुप मैचों में से उन्होंने चार जीत और तीन ड्रॉ किया है। क्वार्टर फ़ाइनल में उन्होंने आंध्रप्रदेश के ख़िलाफ़ एक रोमांचक जीत दर्ज की थी।
दोनों पक्षों के बीच समानताएं यहीं ख़त्म नहीं होतीं। मध्य प्रदेश और विदर्भ दोनों ही टीम व्यक्तिगत प्रतिभा की तुलना में टीम गेम पर अधिक भरोसा करती हैं। दोनों टीमें तमिलनाडु और मुंबई की मज़बूत दिखने वाली टीमों से काफ़ी अलग हैं। इन दोनों टीमों के बीच दूसरा सेमीफ़ाइनल खेला जाएगा।
इन दोनों टीमों का टीम गेम इस सीज़न के सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों की सूची देखने से साफ़ पता चलता है। शीर्ष 15 बल्लेबाज़ों में दोनों टीमों के एक भी खिलाड़ी का नाम नहीं है। हालांकि इसके बाद के सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले 11 खिलाड़ियों में दोनों टीमों के तीन-तीन खिलाड़ियों का नाम है।
अय्यर 52.80 की औसत से 528 रन बनाकर मध्य प्रदेश के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। वह इस सीज़न में 50 का औसत रखने वाले दोनों टीमों में एकमात्र खिलाड़ी हैं। उनके बाद सलामी बल्लेबाज़ हिमांशु मंत्री (42.75 की औसत से 513 रन) और यश दुबे (36.42 की औसत से 510 रन ) हैं। 11 पारियों में इन दोनों खिलाड़ियों ने एक साथ ओपनिंग की है। हिमांशु और शुभम ने तीन शतकीय साझेदारी और तीन अर्धशतकीय साझेदारी की है।
विदर्भ के लिए उनके दो पेशेवर खिलाड़ी- करुण नायर और ध्रुव शौरी सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। कर्नाटका से आए करूण के नाम 39.61 की औसत से 515 रन हैं, जबकि पिछले सीज़न तक दिल्ली के लिए खेलने वाले ध्रुव के नाम 38.15 की औसत से 496 रन हैं। युवा बाएं हाथ के बल्लेबाज़ अथर्व टाइडे ने 48.80 की औसत के साथ 488 रन बनाए हैं और वह साथ तीसरे स्थान पर हैं।
कुछ इसी तरह का मामला गेंदबाज़ी में भी है। दोनों टीम का कोई भी गेंदबाज़ इस सीज़न टॉप 10 गेंदबाज़ों की फ़ेहरिस्त में नहीं है। कुमार कार्तिकेय ने मध्य प्रदेश की टीम की तरफ़ सबसे अधिक विकेट लिए हैं, वहीं विदर्भ की टीम की तरफ़ से आदित्य सरवटे ने सबसे अधिक विकेट लिए हैं। संयोग से दोनों खिलाड़ी बाएं हाथ के स्पिनर हैं। कुल मिला कर दो ऐसी टीमों के बीच पहला सेमीफ़ाइनल का मुक़ाबला होगा, जो कई मायनों में एक जैसी हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि मुंबई बनाम तमिलनाडु का सेमीफ़ाइनल अधिक हाई प्रोफ़ाइल है, लेकिन नागपुर में भी मुक़ाबला उतना ही कड़ा होगा।