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रोहित : सूर्या का वह कैच फ़ाइनल के सबसे महत्वपूर्ण लम्हों में से एक था

रोहित ने कहा कि जब वह कैच चेक किया जा रहा था, तब सभी भारतीय खिलाड़ियों की जान हलक में थी

ESPNcricinfo स्टाफ़
29-Jun-2025 • 17 hrs ago
भारत को 2024 T20 वर्ल्ड कप जिताने वाले भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा है कि सूर्यकुमार यादव ने आख़िरी ओवर में डेविड मिलर का जो कैच पकड़ा था, वह फ़ाइनल का "सबसे बड़ा पल" था। उन्होंने ये भी माना कि भारत के शुरुआती तीन विकेट गिरने पर वह काफ़ी नर्वस हो गए थे और विराट कोहली की पारी की जमकर तारीफ़ की, जो टीम की जीत में महत्वपूर्ण रही।
साउथ अफ़्रीका को 177 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए आख़िरी ओवर में 16 रन चाहिए थे और मिलर स्ट्राइक पर थे। हार्दिक पंड्या गेंदबाज़ी कर रहे थे, पहली ही गेंद फ़ुलटॉस थी, जिसे मिलर ने लांग ऑफ़ की तरफ़ उड़ा कर मारा। सीमा रेखा पर सूर्यकुमार ने बाईं ओर दौड़कर गेंद को पकड़ा, बाउंड्री के पार जाते हुए हवा में उछाल दिया और खु़द को सीमा रेखा के अंदर वापस लाकर कैच पूरा किया।
रोहित ने जियोहॉटस्टार पर भारत की जीत की सालगिरह पर प्रसारित वीडियो में कहा, "उस कैच को चेक करने के लिए मैदानी अंपायर ने उसे तीसरे अंपायर को रेफ़र किया था और चेक किया जा रहा था कि सूर्या ने कैच सही से पकड़ा है या नहीं। वह एक ऐसा वक़्त था जब सबका दिल कुछ पल के लिए थम सा गया था। "मुझे लगा था कि वो बाउंड्री के बाहर चला गया है। मैं लॉन्ग ऑन पर खड़ा था, सूर्या के ठीक सामने। मैंने सोचा अब तो पांच गेंदों में 10 रन चाहिए। लेकिन फिर देखा कि गेंद सूर्या की तरफ़ आ रही है। ऐसा कैच पकड़ने के लिए कमाल का एथलेटिसिज़्म चाहिए था। हवा की दिशा ने भी गेंद को थोड़ा अंदर की तरफ़ खींचा, शायद तभी उसे कैच कर पाना संभव हो पाया था।"
"जब कैच की जांच हो रही थी, मैं सूर्या के पास खड़ा था। मैंने उससे कहा, 'तू ही बता दे, मैं स्क्रीन नहीं देखना चाहता।' उसने कहा, 'नहीं नहीं, मैंने कैच ठीक से पकड़ा है।' लेकिन फिर मैंने उसे बग़ल में कहते हुए सुना, 'शायद... मुझे नहीं पता, लेकिन मैंने ठीक से पकड़ा है।' फिर जब ज़ूम कैमरे में देखा, तो गेंद या पैर बाउंड्री से टच नहीं कर रहे थे। हमें थोड़ी राहत मिली। लेकिन जब तक बोर्ड पर फ़ैसला नहीं आता, यक़ीन नहीं होता कि तीसरा अंपायर क्या फ़ैसला देंगे।"
साउथ अफ़्रीका आख़िरी ओवर में सिर्फ़ आठ रन बना सका और भारत ने सात रन से जीत दर्ज कर दूसरी बार T20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाई।
फ़ाइनल में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया और तेज़ शुरुआत की। पहले ओवर में कोहली के तीन चौके और दूसरे ओवर में रोहित के दो चौकों से टीम ने पहले आठ गेंदों में ही 23 रन बना लिए।
लेकिन केशव महाराज ने रोहित और ऋषभ पंत को उसी ओवर में आउट कर दिया और कगिसो रबाडा ने सूर्यकुमार को चलता कर दिया। भारत पावरप्ले में ही तीन विकेट गंवा चुका था।
रोहित ने कहा, "जब हमने तीन विकेट जल्दी गंवाए तो ड्रेसिंग रूम में बहुत घबराहट थी। मैं घबरा गया था। मुझे लग रहा था कि हमने उन्हें मैच में वापसी करने का मौक़ा दे दिया है।
"लेकिन दिमाग़ में एक बात थी कि हमारे लोअर मिडिल ऑर्डर ने भले ही ज़्यादा बल्लेबाज़ी न की हो, लेकिन जब भी मौक़ा मिला है, उन्होंने मैच पर असर डाला है।"
अक्षर पटेल नंबर 5 पर बैटिंग के लिए आए और कोहली के साथ 54 गेंदों में 72 रन जोड़े। इसके बाद कोहली और शिवम दुबे ने 33 गेंदों में 57 रन जोड़े और भारत को 176 रन तक पहुंचाया।
"बहुत लोग अक्षर की पारी के बारे में बात नहीं करते, लेकिन वह पारी गेम चेंजर थी। 31 गेंदों में 47 रन उस स्थिति में बहुत अहम थे।"
"हमें एक खिलाड़ी चाहिए था जो टिक कर खेले, और विराट ने वो काम बख़ूबी किया। उन्होंने पूरी पारी खेली, जिससे अक्षर, शिवम, हार्दिक को खुलकर खेलने का मौक़ा मिला।"
कोहली ने पूरे टूर्नामेंट में सात पारियों में सिर्फ़ 75 रन बनाए थे, लेकिन फ़ाइनल में उन्होंने अकेले 76 रन बनाकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई और "प्लेयर ऑफ़ द मैच" बने।
रोहित ने कहा, "अगर पहले ओवर में ही तीन चौके मिल जाएं, तो फिर आप सेट हो जाते हैं। यही हर बल्लेबाज़ चाहता है। भारत के लिए इतने साल खेलने का अनुभव काम आता है। आप अपने जज़्बात और सोच को क़ाबू में रख पाते हैं और वर्तमान में रहकर खेल सकते हैं। मुझे यक़ीन है कि विराट भी यही सोच रहे थे - 'आज का दिन है, मुझे पूरे फ़ोकस से खेलना है, बीते हुए कल पर ध्यान नहीं देना।' और उन्होंने शानदार पारी खेली।"