जाफ़र ने ESPNcricinfo टाइम आउट हिंदी में कहा, "बारिश तो बाद में आई, पाकिस्तान ने शुरुआत में ग़लतियां की। USA के ख़िलाफ़ उन्होंने गलती की, वो मैच सुपर ओवर में जाना ही नहीं चाहिए था और सुपर ओवर में भी पाकिस्तान की रणनीति सही नहीं थी। इंडिया के ख़िलाफ़ भी पाकिस्तान के पास मौक़ा था, रन अ बॉल रन बनाने थे, (मोहम्मद) रिज़वान ने (जसप्रीत) बुमराह के सामने ख़राब शॉट मारा। टीम के चयन में भी पाकिस्तान ने ग़लती की। आयरलैंड वाला मैच तो बहुत बाद में रद्द हुआ था, पाकिस्तान ने अपने ऊपर पहले ही काफ़ी दबाव डाल लिया था। जैसा मौसम चल रहा है, आप ऐसी भूल नहीं कर सकते।"
पाकिस्तान पिछले T20 वर्ल्ड कप का उपविजेता था। लेकिन बीते साल भारत में हुए एकदिवसीय विश्व कप के बाद से ही ख़ासकर सीमित ओवरों की क्रिकेट में पाकिस्तान की टीम का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) में अस्थिरता को पाकिस्तानी टीम के प्रदर्शन में आई गिरावट का कारण माना जा रहा है। हालांकि पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर
उरूज मुमताज़ ऐसा मानती हैं कि असली समस्या पाकिस्तानी खिलाड़ियों के माइंडसेट में है और यह समस्या आज की नहीं है।
मुमताज़ ने कहा, "सीधी बात है कि पाकिस्तान के ख़राब प्रदर्शन का संबंध कप्तानी, कोचिंग स्टाफ़ या PCB में चल रहे म्यूज़िकल चेयर से नहीं है। वो चीज़ें अपनी जगह हैं और इन चीज़ों से फ़र्क भी पड़ता है लेकिन पाकिस्तान के साथ यह समस्या सिर्फ़ इस टूर्नामेंट से नहीं है। और यह हर एक खिलाड़ी पर लागू होता है। पिछले दो तीन वर्ल्ड कप से पाकिस्तान इसी तरह का प्रदर्शन कर रहा है। यह आश्चर्यजनक नहीं है।"
T20 वर्ल्ड कप से ठीक पहले
बाबर आज़म को दोबारा पाकिस्तान के सीमित ओवरों का कप्तान नियुक्त किया गया था।
शाहीन शाह अफ़रीदी को सिर्फ़ एक श्रृंखला में ही कप्तानी करने का मौक़ा मिल पाया। वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले पाकिस्तान क्रिकेट में कप्तानी में बदलाव के कारण विवाद भी उभर आया था। वर्ल्ड से पहले कप्तानी में बदलाव के अलावा बोर्ड
मोहम्मद आमिर और
इमाद वसीम जैसे खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापस लेकर आया था। भारत और कनाडा के ख़िलाफ़ आमिर ने बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन USA के ख़िलाफ़ पहले मैच में वह सुपर ओवर में 18 रनों का बचाव नहीं कर पाए।
मुमताज़ ने कहा, "आमिर को डेथ में गेंदबाज़ी करने की उनकी क्षमता को देखते ही वर्ल्ड कप में वापस लाया गया था कि अगर सुपर ओवर जैसी स्थिति पनपती है तो उनका इस्तेमाल किया जाएगा। इमाद वसीम की अगर बात करें तो उन्हें लेट मिडिल ऑर्डर फ़िनिशर के तौर पर लाया गया था। लेकिन भारत के ख़िलाफ़ मैच में वह अक्षर पटेल का महत्वपूर्ण ओवर खेल गए जबकि इमाद ख़ुद अक्षर जैसी ही गेंदें करते हैं। उसी मैच में पता था कि बुमराह को क्यों लाया गया है लेकिन इसके बाद भी रिज़वान ने गैर ज़िम्मेदाराना शॉट खेला। आप एक मिस्ट्री स्पिनर (अबरार अहमद) को टूर्नामेंट में ले गए लेकिन आपने उसे भी बाहर बैठाए रखा। मिडिल ऑर्डर को मज़बूती देने वाला आपके पास कोई बल्लेबाज़ नहीं था। वेस्टइंडीज़ में टर्निंग ट्रैक मिलने की संभावनाओं को देखने के बावजूद आप PSL में बढ़िया प्रदर्शन करने वाले उसामा मीर को लेकर नहीं गए। पांच ओपनर लेकर गए और आपको समझ नहीं आया कि किसे कहां खिलाया जाना चाहिए। तो यह समस्याएं आज की नहीं हैं और अब यह इतनी उजागर हो चुकी हैं कि इन्हें छुपाया नहीं जा सकता।"
विशेषकर टी20 प्रारूप में पाकिस्तान के अप्रोच की हो रही लगातार आलोचनाओं से ख़ुद इमाद भी सहमति रखते हैं।
आयरलैंड के ख़िलाफ़ टूर्नामेंट के अंतिम मैच से पहले इमाद ने प्रेस वार्ता में कहा, "मुझे लगता है कि हमें उस तरह की क्रिकेट खेलनी चाहिए, जैसी आज के दौर में बाक़ी दुनिया खेल रही है। किस तरह हमें चेज़ करना चाहिए, गेम के प्रति हमारा अप्रोच कैसा होना चाहिए, हमें इन सभी पहलुओं पर काम करने की ज़रूरत है। हम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों के ख़िलाफ़ खेल रहे हैं। समय के साथ इन टीमों के माइंडसेट में काफ़ी बदलाव आया है। मुझे लगता है कि हमने पीछे की ओर देखना शुरू कर दिया है। एक समय था जब हम टी20 क्रिकेट में राज किया करते थे।"
मुमताज़ का मानना है कि पाकिस्तान क्रिकेट में सुधार लाने के लिए बड़े बदलावों की ज़रूरत है। हालांकि बदलाव से उनका आशय सिर्फ़ खिलाड़ियों को बदलने से नहीं बल्कि उस माइंडसेट से भी है जिसकी कमी के चलते पाकिस्तान टी20 क्रिकेट में अन्य देशों की तुलना में काफ़ी पिछड़ गया है। मुमताज़ ने बोर्ड में भी योग्य अधिकारियों को पदस्थापित करने की वकालत की।
उन्होंने कहा, "बोर्ड में ऐसे लोगों की ज़रूरत है जो क्रिकेट के जानकार हों, उन्हें पता हो कि आधुनिक युग में क्रिकेट को किस तरह संचालित किया जाना चाहिए। उसके हिसाब से कोचिंग स्टाफ़ नियुक्त होना चाहिए। हालांकि मुझे लगता है कि जेसन गिलेस्पी और गैरी कर्स्टन इसका हल निकालेंगे और खिलाड़ियों को स्पष्ट तौर पर उनके लचर प्रदर्शन से अवगत कराएंगे। सबसे बड़ी दुविधा है कि क्या पाकिस्तान इन्हीं खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार लाने की कोशिश करेगा यह नई प्रतिभाओं की खोज की ओर अग्रसर होगा? घरेलू सर्किट कैसा होना चाहिए? और उसकी क्वालिटी कैसी होनी चाहिए ताकि बाबर आज़म के पीछे भी दो तीन खिलाड़ी हों। व्यक्तिगत तौर पर सभी का प्रदर्शन बेहतर होना चाहिए। ठीक है प्रयोग करने में छह आठ महीने लगेंगे लेकिन हमें ऐसे खिलाड़ियों की ज़रूरत है जिनके पास नए दौर की क्रिकेट की स्किल सेट हो। पाकिस्तान टी20 क्रिकेट में दूसरे देशों से काफ़ी पीछे है और मुझे लगता है कि इसमें सुधार लाना कोई रॉकेट साइंस नहीं है।"