नए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) चक्र में भारत का पहला मुक़ाबला जुलाई में वेस्टइंडीज़ से होना है। 2025 में इस चक्र का फ़ाइनल लॉर्ड्स में खेला जाएगा, तब तक कप्तान रोहित शर्मा और आर अश्विन 38; चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे 37; विराट कोहली और रवींद्र जाडेजा 36 और मोहम्मद शमी 34 साल के हो जाएंगे। तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारतीय टीम प्रबंधन के पास भविष्य का रोडमैप है?
फ़िलहाल कोहली के नाम 8479 टेस्ट रन है और वह इस साल कभी भी वीवीएस लक्ष्मण के 8781 रनों को पार कर सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सुनील गावस्कर के बाद भारत के लिए चौथे सबसे ज़्यादा टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बन जाएंगे। वह इसी चक्र में 10,000 टेस्ट रनों की संख्या को भी पार कर सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या भारतीय टीम प्रबंधन उन्हें 2025 के बाद भी टेस्ट योजना में देखता है? अगर नहीं, तो उनके पास क्या विकल्प हैं?
पहला विकल्प श्रेयस अय्यर हैं। लेकिन जिस तरह से उन्हें लगातार चोट लग रही है और वह सर्जरी से गुज़र रहे हैं, उनकी टेस्ट वापसी दिसंबर में होने वाले साउथ अफ़्रीका दौरे से पहले होना संभव नहीं दिख रहा है। यह भी बात चल रही है कि टीम प्रबंधन में कुछ लोग शुभमन गिल को नंबर चार पर खेलते देखना चाहते हैं। अगर ऐसा है तो देखने वाली बात होगी कि क्या वेस्टइंडीज़ दौरे पर उन्हें मध्य क्रम में टेस्ट किया जाएगा? लेकिन इससे पहले टीम प्रबंधन को कोहली से बात करना चाहिए कि क्या वह अपने सीमित ओवर क्रिकेट के वर्कलोड को कम कर अपना टेस्ट करियर लंबा करना चाहते हैं?
यही सवाल रोहित के लिए भी उठता है, जिनका टेस्ट करियर फ़ॉर्म और फ़िटनेस की वजह से कुछ अधिक लंबा नहीं हो पाया। सवाल यह भी है कि क्या रोहित सभी फ़ॉर्मेट में कप्तानी और ओपन करना जारी रखेंगे या उन्हें टेस्ट और वनडे पर फ़ोकस करना चाहिए ताकि कोई एक ओपनर और कप्तान कम से कम एक फ़ॉर्मेट में खड़ा हो जाए।
भारत के भविष्य के कप्तान- विकल्प क्या हैं?
आईपीएल में गुजरात टाइटंस की सफलतापूर्वक कप्तानी करके कम से कम टी20 और संभवतः वनडे में भी हार्दिक पंड्या, रोहित के सबसे प्रबल उत्तराधिकारी बनकर उभरे हैं। हालांकि टेस्ट में कौन रोहित का विकल्प होगा, यह प्रश्न अब भी अनुत्तरित है।
कार दुर्घटना से पहले ऋषभ पंत एक प्रबल दावेदार थे। गिल भी एक दावेदार हैं, लेकिन उन्हें विदेश में अपने आपको साबित करना बाक़ी है। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ बर्मिंघम टेस्ट में जसप्रीत बुमराह ने टीम की कप्तानी की थी और वह भी एक दावेदार थे, लेकिन हाल में हुई पीठ की सर्जरी के बाद तीनों फ़ॉर्मेट में अब उनका भी वर्कलोड कम किया जा सकता है। भारत को एक ऐसे खिलाड़ी को टेस्ट उपकप्तान बनाना चाहिए जो युवा हो और धीरे-धीरे कप्तान के तौर पर विकसित हो सके।
शमी और बुमराह के लिए क्या विकल्प हैं?
बुमराह फ़िलहाल सिर्फ़ 29 साल के हैं और उनमें अभी काफ़ी क्रिकेट बाक़ी है। हालांकि उन्होंने 2022 टी20 विश्व कप से ही कोई क्रिकेट नहीं खेला है और वह जल्द ही वापसी करना चाहेंगे। पीठ की लगातार उठती समस्या के कारण उन्हें मार्च में एक बार फिर सर्जरी से गुज़रना पड़ा। भारतीय टीम प्रबंधन चाहेगी कि उनकी वापसी एहतियातन धीरे-धीरे हो और वह अक्तूबर में होने वाले विश्व कप के लिए उपलब्ध रहें। लेकिन बुमराह टेस्ट गेंदबाज़ का क्या?
नवंबर में समाप्त हो रहे विश्व कप के बाद भारत को 2 टेस्ट, 3 वनडे और 3 टी20 मैचों के लिए तुरंत साउथ अफ़्रीका का दौरा करना है। इसके बाद पांच टेस्ट मैचों की लंबी श्रृंखला के लिए इंग्लैंड की टीम भारत आएगी। फिर इसके बाद आईपीएल और टी20 विश्व कप है। अपने गैर-परंपरागत ऐक्शन के कारण बुमराह भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए उनके वर्कलोड मैनेजमेंट पर टीम को महत्वपूर्ण रूप से ध्यान देना होगा।
बुमराह के विपरीत शमी चोटों से तो मुक्त हैं, लेकिन 32 साल की उम्र में चुनौतियां उनके लिए भी वही हैं। वह आने वाले वनडे और टी20 विश्व कप के लिए भारत के लिए महत्वपूर्ण तो हैं लेकिन क्या उसके बाद टीम प्रबंधन को उन्हें सिर्फ़ टेस्ट स्पेशलिस्ट के रूप में देखना चाहिए? जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड उनके लिए एक सफल उदाहरण हैं।
रहाणे और पुजारा का क्या?
भारत के लिए टेस्ट मैचों में कई मैच-जिताऊ और मैच बाचाऊ पारी खेलने वाले रहाणे और पुजारा पर लगातार तलवार लटकी रहती है। पिछले डब्ल्यूटीसी चक्र के दौरान उन्हें टीम से बाहर भी किया गया, लेकिन क्रमशः घरेलू और काउंटी क्रिकेट में रन बनाने के बाद उन्होंने वापसी की। इतना तो तय है कि ये दोनों जुलाई में वेस्टइंडीज़ का दौरा करेंगे, लेकिन कई युवा खिलाड़ी भी हैं जो मध्य क्रम में अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे हैं। उन्हें भारतीय टीम में फ़िट होने के लिए पर्याप्त मौक़ों की ज़रूरत है, जिसको टीम प्रबंधन को ध्यान देना होगा।
जाडेजा और अश्विन के बाद स्पिन विकल्प कौन?
अश्विन ने हाल ही में बताया है कि घुटने के दर्द के कारण उन्होंने अपना ऐक्शन बदला है, जिससे उनको कुछ राहत है। उनके स्पिन जोड़ीदार जाडेजा की भी पिछले सितंबर में घुटनों की सर्जरी हुई थी। अब देखना होगा कि इन दोनों गेंदबाज़ों का शरीर कब तक साथ देता है और उनके विकल्प क्या हैं? अक्षर पटेल तो एक विकल्प हैं, लेकिन कुलदीप यादव, सौरभ कुमार और राहुल चाहर का क्या, जो लगातार इंडिया ए का हिस्सा रहे हैं, लेकिन उन्हें भारतीय टेस्ट टीम में सिर्फ़ बेंच सेंकने का मौक़ा मिला है।