सूर्यकुमार यादव और इशान किशन के बीच मैच-जिताऊ शतकीय साझेदारी हुई • AFP/Getty Images
विश्व कप फ़ाइनल में बड़ी हार से आ रहे भारतीय टीम ने आख़िरी गेंद तक चले रोमांचक मुक़ाबले में ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट के बड़े अंतर से हराकर सीरीज़ में 1-0 की बढ़त ले ली। इस जीत के हीरो भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव और विकेकीपर बल्लेबाज़ इशान किशन रहे। दोनों ने अर्धशतक लगाकर भारत को जीत के मुहाने पर पहुंचाया।
टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने विकेटकीपर बल्लेबाज़ जॉश इंग्लस के शतक और सलामी बल्लेबाज़ स्टीव स्मिथ के अर्धशतक की मदद से निर्धारित 20 ओवरों में तीन विकेट के नुक़सान पर 208 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।
जवाब में भारतीय टीम की शुरुआत ख़राब रही थी, जब दोनों सलामी बल्लेबाज़ तीसरे ओवर में ही पवेलियन में थे। लेकिन इसके बाद इशान (58) और सूर्यकुमार (80) ने तीसरे विकेट के लिए 60 गेंदों में 112 रन की साझेदारी कर भारत को जीत की राह पर मोड़ दिया। अंतिम ओवर में तीन विकेट गिरने के बावजूद फ़िनिशर रिंकू सिंह ने एक बार फिर मैच को बेहतरीन अंदाज़ में फ़िनिश किया। यह लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की सबसे बड़ी जीत है।
इस मैच में भारत के लिए सकारात्मक पक्ष उनकी बल्लेबाज़ी रही। यशस्वी जायसवाल भले ही जल्दी आउट हुए, लेकिन उन्होंने इंटेंट दिखाया। ऋतुराज गायकवाड़ भी रन आउट हुए, नहीं तो उनसे भी अच्छे बल्लेबाज़ी की उम्मीद थी। बाद के सभी बल्लेबाज़ भी बड़े स्कोर के दबाव में कभी नहीं आए और आक्रामक व सकारात्मक बल्लेबाज़ी की।
वहीं भारत युवा गेंदबाज़ी क्रम को अपनी गेंदबाज़ी में बड़ा सुधार करना होगा। अक्षर पटेल और मुकेश कुमार को छोड़कर भारत के सभी गेंदबाज़ों ने निराश करते हुए 10 के ऊपर की इकॉनमी से रन दिए और उन्हें गेंदबाज़ी से सिर्फ़ दो ही विकेट हासिल हुए।
आइए देखते हैं कि भारतीय खिलाड़ियों को 10 में से कितने अंक मिलते हैं
यशस्वी जायसवाल, 8: इस युवा सलामी बल्लेबाज़ ने दो चौके और दो छक्के लगाकर अच्छी शुरुआत की थी। लेकिन पहले वह अपने सलामी साझेदार ऋतुराज को आउट कराने में भागीदार रहे और फिर एक आक्रामक शॉट खेलकर ख़ुद भी पवेलियन लौट गए। आगे के मैचों में उन्हें थोड़ी और ज़िम्मेदारी दिखानी होगी। आउटफ़ील्ड में उन्होंने शतकवीर इंग्लस का एक शानदार कैच लपका, जिसके लिए उन्हें आधे अंक अतिरिक्त दिए जाते हैं।
ऋतुराज गायकवाड़, कोई अंक नहीं: अब इनको कैसे कोई अंक दे सकता है, जब उन्हें बल्लेबाज़ी का मौक़ा ही नहीं मिला। वह दुर्भाग्यशाली थे कि बिना कोई गेंद खेले रन आउट हुए।
इशान किशन, 9.5: जब इशान बल्लेबाज़ी के लिए क्रीज़ पर आए, तो भारत के दो विकेट कम अंतराल में ही गिर गए थे। शुरुआत में उनके ऊपर इसका दबाव दिखा और उनके शॉट नहीं लग रहे थे। हालांकि बाद में उन्होंने अपने खेल के स्तर को ऊपर किया और सूर्यकुमार से पहले अपना अर्धशतक पूरा किया। हालांकि वह निराश होंगे कि वह मैच को फ़िनिश नहीं कर पाए।
सूर्यकुमार यादव, 10: इस मैच में सूर्यकुमार यादव कप्तान थे और 200 रन के ऊपर का पीछा करते हुए उन पर कप्तानी पारी खेलने का दबाव भी था। उन्होंने ऐसा ही किया और मैदान के चारों ओर सीधे और आड़े बल्ले से शॉट लगाकर अपनी टीम को जीत के काफ़ी क़रीब लाकर खड़ा कर दिया।
तिलक वर्मा, 6: तिलक ने एक स्विच हिट सहित दो चौके लगाकर अच्छी शुरुआत तो की थी, लेकिन वह अपनी पारी को बड़ा नहीं कर पाए और एक ख़राब शॉट खेलकर आउट हुए।
रिंकू सिंह, 9.5: रिंकू को आईपीएल में फ़िनिशर के तौर पर जाना जाता है और जब इशान और तिलक कम अंतराल पर आउट हुए तो उनका काम अपने कप्तान के साथ टीम को जीत तक ले जाना था। सूर्यकुमार के आउट होने के बाद यह ज़िम्मेदारी और बढ़ गई। रिंकू ने यह ज़िम्मेदारी समझी भी और अंतिम ओवर में स्ट्राइक अपने पास रखते हुए टीम को आख़िरी गेंद पर जीत दिला दी।
अक्षर पटेल, 5: जहां भारत के अधिकतर गेंदबाज़ बहुत महंगे साबित हो रहे थे, वहीं अक्षर न कसी हुई गेंदबाज़ी करते हुए चार ओवरों में सिर्फ़ 32 रन दिए। हालांकि उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। हालांकि वह निराश होंगे कि जब बल्लेबाज़ी में उन्हें मैच ख़त्म करना था, तब वह ख़राब शॉट खेलकर आउट हुए, जो कि शायद उनको नहीं खेलना चाहिए था, क्योंकि इसके बाद भारतीय टीम मुश्किल में फंस गई थी।
रवि बिश्नोई, 6: बिश्नोई ने अपने पहले ही ओवर में गुगली गेंद पर विकेट लेकर अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन वह इसे बरकरार नहीं रख सके। उन्होंने ख़राब लाइन और लेंथ पर गेंदों को पटका, जिसे फटका देने में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ पीछे नहीं रहे। बिश्नोई ने चार ओवर में 54 रन दिए, जो कि मैच का सबसे महंगा स्पेल बना।
अर्शदीप सिंह, 6.5: अर्शदीप सिंह पिछले दो साल में भारतीय टी20 गेंदबाज़ी का नियमित हिस्सा रहे हैं, लेकिन वह अनुभव कहीं नहीं दिखा। वह पूरे मैच के दौरान अपना लाइन और लेंथ ही तलाशते रहे। चार वाइड गेंदें इसका जीता-जागता सबूत है।
मुकेश कुमार, 9: मुकेश को नई गेंद नहीं मिली थी और वह पावरप्ले के बाद गेंदबाज़ी करने आए। लेकिन उन्होंने अपने यॉर्कर और स्लोअर गेंदों से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों को परेशान किया और अंतिम ओवर में सिर्फ़ पांच रन दिए।
प्रसिद्ध कृष्णा, 6: प्रसिद्ध के लिए भी यह मैच ख़राब रहा और वह लगातार दिशा से भटकते रहे। उन्हें एक विकेट ज़रूर मिला, लेकिन उन्होंने इसके लिए 50 रन ख़र्च कर डाले।