साउथ अफ़्रीका 210 और 101 पर 2 (पीटरसन 48*, एल्गर 30, शमी 1-22) भारत 223 और 198 (पंत 100*, यानसन 4-36, रबाडा 3-53, एनगिडी 3-21) को हराने के लिए 111 रनों की दरकार है
ऋषभ पंत इस तरह के शॉट मेकर हैं, जहां पर वह केपटाउन में 139 गेंद में नाबाद 100 रनों की पारी खेलकर अंतर पैदा कर देते हैं। इसको साहसी पारी कहा जाएगा तो यह ग़लत नहीं होगा और इस पारी की वजह से ही भारत के पास 211 की बढ़त थी और उनके पास इतिहास बनाने का एक वास्तविक मौक़ा है।
इसके बाद, साउथ अफ़्रीका ने तीसरे दिन का अंत दो विकेट पर 101 रनों पर ख़त्म किया, वह इस लक्ष्य के बेहद ही नज़दीक हैं। हालांकि, जब कोहली मैदान के एक छोर से दूसरे छोर तक दौड़ रहे थे तो उन्होंने डीन एल्गर और कीगन पीटरसन को देखा और कहा "बस आराम करो दोस्तों। मैं तुम्हारे दिल की तेज़ धड़कन सुन सकता हूं।"
ऐसे में अगर कहा जाए कि यहां पर भारतीय गेंदबाज़ों ने 21वें में ओवर में काम शुरू किया और 28.4 ओवर तक यह बेहतरीन लम्हें तक पहुंच गया था। एक मौक़ा आया था जब एल्गर अश्विन की गेंद पर बच गए थे, लेकिन अश्विन पूरी तरह से निराश थे।
दिन की आख़िरी गेंद पर साउथ अफ़्रीका के कप्तान ने अपना विकेट गंवा दिया। ऐसे में यह तीसरा टेस्ट अभी भी बीच मझधार में फंसा हुआ है। पीटरसन ने तो सभी तरह से तारीफ़ कमाई ही हैं और वह अभी भी 48 रन बनाकर नाबाद हैं। मेज़बान टीम के बल्लेबाज़ अब शुक्रवार को मैच के चौथे दिन जितने समय तक टिकेंगे यह मैच उनके पक्ष में जाता रहेगा। मेज़बान टीम के हाथों में अभी आठ विकेट बाक़ी हैं और वे लक्ष्य के करीब़ लगभग पहुंच ही रहे हैं।
इन सब तनाव से पहले तो जादू अगर किसी ने किया था तो वह पंत थे, क्योंकि उन्हें मैदान पर देखना वास्तव में आपको अपने बचपन में वापस ले जाता है, जब आप अपने भाइयों और अपनी बहनों और अपने सबसे अच्छे दोस्तों के साथ गली या छत पर दौड़ा करते थे, लेकिन यह सब गली या छत पर हुआ करता था, स्कूल के छोटे से मैदान पर होता था, लेकिन मैच के तीसरे दिन पंत के बल्ले से जितने भी रन आ रहे थे वह टीम के हर सदस्य को एक खुशी और आत्मविश्वास दे रहे थे और एक युवा होने के नाते पंत इसको अच्छे से समझते हैं।
एक पल वह भी था, जब पंत अपने शतक के क़रीब थे, जब उन्होंने एक गेंद का पीछा किया और वह गेंद ऑफ़ स्टंप से इतनी दूर थी कि वह ओवर बैलेंस करने लगे थे। लेकिन उन्होंने अपना शतक पूरा किया।
ज़वाब में तालियां बजीं, इसमें से अधिकांश भारतीय ड्रेसिंग रूम से थी, लेकिन क्या यह शोर वास्तव में साउथ अफ़्रीकी ड्रेसिंग रूम में भी दिक्कत पैदा कर रहा था? बिल्कुल नहीं। आख़िरकार, जब उन्होंने 6 फुट 8 इंच लंबे मार्को यानसन को रिवर्स स्कूप करने का प्रयास किया और कनेक्ट करने में विफल रहे, तो प्रसारण पर हाशिम अमला ने कहा, "मुझे इस शॉट को सफल होते देखकर खुशी होती।"
यही पंत हैं, वह कभी डरते नहीं हैं और यही चीज़ आपको उनकी बल्लेबाज़ी से प्यार करा देती है। दुनिया को लुत्फ दिलाना एक अलग बात है लेकिन एक बेहतरीन उच्च दर्जे की टीम में खेलना और अपनी टीम को जीत दिलाने के लिए ऐसा प्रदर्शन करना सदियों याद रखा जाता है।
इससे पहले चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे अपनी जिम्मेदारी निभाने में कामयाब नहीं हो पाए थे। पंत ऐसे समय पर आए जब कप्तान विराट कोहली को उनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी। वह खड़े रहे और अपने कप्तान के निर्देशन का पालन करते रहे, लेकिन जैसे ही कोहली 143 गेंद में 29 रनों की संघर्ष से भरी पारी खेलने के बाद आउट हुए तो पंत ने बल्लेबाज़ी क्रम की सारी जिम्मेदारी खुद पर ले ली, वह केवल टिके ही नहीं उन्होंने खुद को विदेशी धरती पर शतक लगाकर तीसरी बार साबित करके भी दिखाया।
कोहली की पारी भी शानदार थी। भले ही उनके पास दिखाने के लिए रन न हों लेकिन क्रीज़ के बीच में उनकी मौजूदगी ने टीम को गिरने से रोक दिया, लेकिन यह भी सच है कि उन्होंने इस बार इस मैच में हर 12 गेंदों में एक बार गलत शॉट खेला। कोहली अच्छे नहीं दिखे लेकिन उनसे ज़्यादा हर मायनों में पंत अच्छे साबित हुए।
अलगप्पन मुथू ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।