दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट लीग और भी अमीर हो गई है। भारतीय उपमहाद्वीप के लिए डिज़नी-स्टार ने टीवी राइट्स को 23,575 करोड़ रुपये में बरक़रार रखा है। जबकि वायकॉम-रिलायंस ने उपमहाद्वीप में, दो श्रेणियों में डिजिटल राइट्स जीतने के साथ-साथ विश्व स्तर पर तीन क्षेत्रों (ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड, यूके और साउथ अफ़्रीका) के लिए 23,758 करोड़ रुपये में डिजिटल राइट्स अपने नाम किए हैं। जबकि टाइम्स इंटरनेट ने दो अन्य विश्व स्तर के क्षेत्रों, मध्य-पूर्व में 205 करोड़ और अमेरिका में 258 करोड़ में मीडिया अधिकार जीते हैं। वैश्विक संख्या के लिहाज़ से आईपीएल अब प्रति-मैच मूल्य में केवल एनएफ़एल से पीछे है।
2023-27 चक्र के लिए आईपीएल के मीडिया अधिकार का कुल सौदा 48,350.9 कोरड़ रुपये में हुआ है। जो कि पिछले चक्र 2018-22 को लेकर हुए कुल 16,347.5 करोड़ से 2.96 गुना और 196 फ़ीसदी अधिक है। पिछले चक्र में पांच साल के लिए प्रति सीज़न 60 मैच शामिल थे। नए पांच साल के चक्र के लिए आईपीएल ने 2023 और 24 में 74 मैचों और 2025 और 26 में 84 मैचों, और अंतिम वर्ष के लिए अधिकतम 94 मैचों की संख्या सूचीबद्ध की है।
अधिकार एक ई-नीलामी के माध्यम से बेचे गए, जो रविवार, 12 जून को शुरू हुआ। अधिकार चार श्रेणियों में बेचे गए: ए (भारतीय उपमहाद्वीप में टीवी अधिकार), बी (उपमहाद्वीप में डिजिटल अधिकार), सी (भारत में डिजिटल अधिकार, हाई-प्रोफ़ाइल गेम्स के एक विशेष पैकेज में प्रति सीज़न 18 से 22 के बीच) और डी (पांच अलग-अलग क्षेत्रों में वैश्विक मीडिया अधिकार)।
यह दूसरी बार है जब बीसीसीआई ने अधिकारों को बेचने के लिए ई-नीलामी का इस्तेमाल किया, 2018 में पहली बार भारत के द्विपक्षीय क्रिकेट अधिकारों की बिक्री के लिए इस माध्यम को उपयोग में लाया गया था। उस समय स्टार इंडिया ने भारतीय क्रिकेट के लिए 6,138 करोड़ रुपये (उस समय लगभग 944 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के पांच साल के सौदे (2018-23) में वैश्विक मीडिया अधिकार हासिल किए थे। प्रति मैच औसत लागत लगभग 60 करोड़ रुपये (उस समय लगभग 9.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर) थी, जो इस चक्र में आईपीएल के प्रति-मैच मूल्य का लगभग आधा है।
बीसीसीआई के अलावा यह ब्लॉकबस्टर सौदा आईपीएल फ्रेंचाइज़ी को एक बड़ा नकद बोनस प्रदान करेगा, जिनके केंद्रीय राजस्व का हिस्सा लगभग 500 करोड़ रुपये तक बढ़ने वाला है।
इस अधिकार चक्र में, डिजिटल अधिकार टीवी के मूल्य से अधिक हो गए हैं और आईपीएल अधिकारों के मूल्य में वृद्धि के सबसे बड़े कारक रहे हैं। अकेले उपमहाद्वीप में डिजिटल अधिकारों के लिए विजयी बोली, 2017 में वैश्विक समेकित अधिकार [टीवी और डिजिटल] जीतने के लिए स्टार इंडिया द्वारा की गई समग्र बोली की तुलना में 13% अधिक थी। भारतीय में डिजिटल पदचिह्न का महत्व और तेज़ी से बढ़ते बाज़ार का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2017 में फ़ेसबुक द्वारा डिजिटल अधिकारों के लिए सबसे ज़्यादा बोली 3900 करोड़ रुपये (लगभग 0.61 अरब अमेरिकी डॉलर) की थी। (उस ऊंची बोली के बावजूद, स्टार ने अपने समेकित प्रस्ताव के साथ फेसबुक को डिजिटल अधिकारों से पछाड़ दिया था।)
उपमहाद्वीप में टीवी अधिकारों के लिए उच्चतम बोली आईपीएल द्वारा निर्धारित 49 करोड़ रुपये (लगभग 6.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के प्रति-मैच बेस प्राइस से 17.3% अधिक थी। इस क्षेत्र में डिजिटल अधिकारों के लिए इसी संख्या में 33 करोड़ रुपये (लगभग 4.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की प्रति-मैच बेस प्राइस की तुलना में 51.5% की भारी उछाल दर्ज की गई। वहीं पैकेज़ सी के तहत हाई-प्रोफ़ाइल मैचों के डिजिटल राइट में क़रीब 108 प्रतिशत का उछाल आया और 16 करोड़ (लगभग 2.05 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की प्रति-मैत बेस प्राइस की तुलना में ये अधिकार लगभग 33.24 करोड़ रूपये (लगभग 4.26 मिलियन अमेरिकी डॉलर) में बिके।
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा कि ये रुझान डिजिटल दर्शकों की संख्या में बदलाव को दर्शाते हैं। उन्होंने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, "2017 में लगभग 560 मिलियन और 2021 में 665 मिलियन डिजिटल दर्शक थे। आप आने वाले वर्षों में इसके और भी बढ़ने की उम्मीद कर सकते हैं। 2024 तक, भारत में 900 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता होंगे। हालांकि टीवी दर्शकों की संख्या भी साथ में बनी रहेगी, लेकिन डिजिटल दर्शकों में बेतहाशा वृद्धि होगी।"
ईएसपीएनक्रिकइन्फ़ो और डिज़नी-स्टार, वॉल्ट डिज़नी कंपनी का हिस्सा हैं
नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं।