मैच (7)
आईपीएल (2)
Pakistan vs New Zealand (1)
WT20 Qualifier (4)
फ़ीचर्स

रेटिंग्स : भारत की ऐतिहासिक सीरीज़ जीत में हरमनप्रीत और रेणुका ने बटोरे पूरे अंक

दूसरे वनडे में मिली शानदार जीत में भारत के कई खिलाड़ियों ने प्रभावित किया

शतक के बाद हरमनप्रीत ने आख़िरी के 43 रन केवल 11 गेंदों पर बनाए  •  Getty Images

शतक के बाद हरमनप्रीत ने आख़िरी के 43 रन केवल 11 गेंदों पर बनाए  •  Getty Images

भारत ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ कैंटरबरी में दूसरा वनडे अंतर्राष्ट्रीय 88 रनों से जीतकर सीरीज़ में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली है। इस सीरीज़ में शायद तेज़ गेंदबाज़ झूलन गोस्वामी अपने 20 साल के अंतर्राष्ट्रीय करियर की समाप्ति करेंगी, और भारत के लिए यह जीत कितनी ख़ास है, आप इस बात से अंदाज़ा लगा लीजिए कि जब भारत ने पिछली बार इंग्लैंड में सीरीज़ जीता था, तब झूलन का डेब्यू भविष्य में तीन साल दूर था।
आइए देखते हैं इस जीत में भारतीय एकादश के प्रदर्शन पर किसको कितने अंक मिलते हैं।

क्या सही और क्या ग़लत?

भारत के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि कहलाएगी इस मैच में टॉस हारने के बावजूद बड़ी जीत दर्ज करना। बल्ले के साथ भारत ने निरंतरता के साथ सकारात्मक सोच दिखाई और कप्तान हरमनप्रीत कौर के 143 रनों की नाबाद पारी उनकी आधारशिला रही । स्मृति मांधना से बड़े रन नहीं बनने के बावजूद मध्यक्रम में नियमित योगदानों के चलते भारत ने 333 का विशाल स्कोर खड़ा किया। गेंद से रेणुका सिंह ने ख़ासा प्रभावित किया और हरमनप्रीत की कप्तानी में आज वह जादू था कि उन्होंने लगभग जब भी परिवर्तन किए तो गेंदबाज़ों ने उन्हें विकेट का भेंट दिया।
अगर ग़लती निकालनी ही हो तो कहा जा सकता है भारत की फ़ील्डिंग और बेहतर हो सकती है। इंग्लैंड की पारी में जहां दो रन आउट और दो स्टंपिंग्स काफ़ी प्रभावशाली थे, भारत ने कई अतिरिक्त रन मिसफ़ील्ड के ज़रिए लुटाए।

प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वाधिक)

शेफ़ाली वर्मा, 6 : इस मुक़ाबले के शुरुआती क्षणों में ऐसा लग रहा था कि शेफ़ाली क्रीज़ पर टिके रहने के उद्देश्य से मैदान पर उतरी हैं, हालांकि एक छोटी पारी में भी एक दो चौकों में एक बाहरी किनारे से लगते हुए गया था। आख़िरकार उन्हें केट क्रॉस के एक धीमी गति की ऑफ़ कटर ने छकाया। हालांकि संयोग से उन्होंने क्रॉस को ही बाद में आउट करके बदला भी ले लिया और साथ ही वनडे क्रिकेट में अपना पहला विकेट भी।
स्मृति मांधना, 7 : स्मृति आज अपने प्रवाहमय रूप में नहीं दिखीं। नई गेंद के ख़िलाफ़ उन्होंने कुछ ऐसे शॉट लगाए जो किसी और दिन कैच के लिए जा सकते थे। उन्होंने कुछ बेहतरीन शॉट भी इस बीच लगाए और वनडे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 3000 रन भी पूरे कर लिए। जब ऐसा लगा कि शायद वह अपनी आंखें जमा चुकीं हैं तब एक स्वीप मारने के प्रयास में वह पगबाधा आउट हुईं।
यास्तिका भाटिया, 8 : लगातार मैचों में भारत का पहला विकेट जल्दी गिरा और लगातार दूसरी बार तीसरे नंबर पर यास्तिका बल्लेबाज़ी करने आईं और उन्होंने पारी को गतिशीलता दिलाई। तेज़ गेंदबाज़ी के विरुद्ध उन्होंने ऑफ़ साइड में कुछ आकर्षक शॉट लगाए और क़दमों का भी अच्छा इस्तेमाल किया। ऑफ़ स्पिनर चार्ली डीन की गेंद पर ज़ोरदार ड्राइव लगाने के बावजूद वह रिटर्न कैच दे बैठीं अन्यथा वह एक और बड़ी पारी की ओर अग्रसर दिख रहीं थीं। इस मैच में उनकी कीपिंग भी काफ़ी साफ़ सुथरी नज़र आई।
हरमनप्रीत कौर, 10 : हरमनप्रीत के आंकड़ों को अगर आप देखेंगे तो आप सोचेंगे कि भारतीय कप्तान ने क्या ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी की होगी! वास्तव में यह एक वनडे पारी को कैसे पेस किया जाए इस बात का मास्टरक्लास था। हरमनप्रीत ने शुरुआत में अपना समय लिया और इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ों को पूरा सम्मान दिया। अपना अर्धशतक लगाने के बाद उन्होंने पारी को थोड़ी गति दिलाई और स्लॉग स्वीप के सहारे कुछ बाउंड्रीयां बटोरीं। शतक के बाद उन्होंने आख़िरी के 43 रन केवल 11 गेंदों पर बनाए। अगर आख़िरी वनडे में वह शून्य पर भी आउट होतीं हैं तो उनका सीरीज़ औसत 217 पर जाकर थमेगा।
हरलीन देओल, 9: आज जब हरलीन भारत के लिए पांचवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करने आईं तो इंग्लैंड मैच में अच्छी वापसी कर रहा था। शुरुआत में उन्हें धैर्य के साथ खेलना पड़ा लेकिन सेट होने के बाद उन्होंने कुछ आकर्षक शॉट लगाए और वनडे क्रिकेट में पहला अर्धशतक पूरा किया। यह बात भी अच्छी थी कि वह आक्रमण करते हुए ही आउट हुईं और उन्होंने कुछ कारगर ओवर भी डाले और शायद डीआरएस के फ़ेल ना होने पर उन्हें डैनी वायट का विकेट भी मिल जाता।
पूजा वस्त्रकर, 6 : पूजा ने हरमनप्रीत के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी में कुछ अच्छे शॉट लगाए। हालांकि आज उनके लिए गेंद के साथ यह भुलाने लायक मैच रहा। कैप्सी के आक्रामक तेवर देखते हुए वह अपनी दिशा और लंबाई भूलती नज़र आई और हर ओवर में कुछ ख़राब गेंदें डालीं। हालांकि मैच के अंत के तरफ़ उन्होंने केंप को रन आउट करवाने में चपलता का परिचय दिया।
दीप्ति शर्मा, 7 : दीप्ति ने भारतीय पारी के अंत में कुछ अच्छे शॉट ज़रूर लगाए और कुछ महंगे ओवर डालने के बावजूद उन्होंने कैप्सी का महत्वपूर्ण विकेट लेकर इंग्लैंड के आशाओं पर पानी फेर दिया था।
दयालन हेमलता, 8 : हेमलता को मूलतया बल्लेबाज़ी के लिए एकादश में शामिल किया गया था, और शायद शुरुआती विकेट गिरने पर उन्हें शीर्ष क्रम में भी मौक़ा मिलता। दूसरी पारी के 30 ओवर तक उन्हें केवल एक या दो बार फ़ील्डिंग करने का अवसर मिला लेकिन फिर उन्होंने अपने ऑफ़ स्पिन का जादू बिखेरा। केंप कैच आउट हो सकतीं थीं, जोंस स्टंप आउट हुईं भी और फिर केंप के रन-आउट में उन्होंने तेज़ी दिखाई। मैच का आख़िरी विकेट भी रहा उन्हीं के नाम।
झूलन गोस्वामी, 6 : भारत की अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ ने अच्छी शुरुआत की लेकिन कैप्सी के क़हर से भला वह भी कैसे बचतीं? ऐसे में उन्होंने अपने बाद के स्पेलों में अपने अनुभव का परिचय देते हुए किफ़ायती गेंदबाज़ी की, और फ़ील्ड पर भी हर गेंद का ऐसे पीछा किया जैसे कोई 19 साल की खिलाड़ी अपने पहले अंतर्राष्ट्रीय दौरे पर हों।
रेणुका सिंह, 10 : रेणुका को वनडे सीरीज़ में पहली बार मौक़ा मिला और उन्होंने उसे अच्छी तरह भुनाया। उनकी अंदर आती गेंद पर सोफ़िया डंकली और एमा लैंब फंसे और उन्होंने ठीक ऐसी ही गेंद पर डैनी वायट को बोल्ड करके इंग्लैंड की आख़िरी उम्मीद को भी बुझा दिया था। उनकी गेंदबाज़ी की ख़ासियत यही थी कि जब भी हरमनप्रीत को विकेट की ज़रुरत पड़ती, तब रेणुका ने अपनी टीम के लिए यह कारनामा कर दिखाया।
राजेश्वरी गायकवाड़, 7 : जब इंग्लैंड को धमाकेदार शुरुआत मिली थी तो ऐसा लग रहा था कि मेज़बान टीम की गहराई रंग लाएगी। हालांकि स्पिन के आते ही इस रन गति पर अवरोध लगा, और इसकी मुख्य निर्माता थीं राजेश्वरी। उन्होंने विकेट टु विकेट गेंदबाज़ी करते हुए बाउंड्री मारने के सारे रास्ते बंद कर दिए और इसी दबाव के सहारे उनके साथी गेंदबाज़ों को विकेट मिलते रहे।

देबायन सेन ESPNcricinfo हिंदी के सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा लीड हैं।