गांगुली : टेस्ट उपकप्तान के रूप में रहाणे का चयन मेरे समझ से परे है
'सरफ़राज़ और ईश्वरन को भी मौक़े मिलने चाहिए'
पीटीआई
30-Jun-2023

अजिंक्य रहाणे को टेस्ट उपकप्तान बनाया गया है • PA Images/Getty
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली, अजिंक्य रहाणे को फिर से टेस्ट उपकप्तान बनाने के पीछे की सोच को नहीं समझ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीम चयन में निरंतरता होनी चाहिए।
35 वर्षीय रहाणे पिछले डेढ़ सालों से भारतीय टेस्ट टीम से बाहर थे। हालांकि इस महीने की शुरुआत में हुए डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल में उन्होंने वापसी की और दोनों पारियों में क्रमशः 89 और 46 रन बनाकर भारत के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर रहे। डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल से पहले रहाणे ने जनवरी 2022 में अपना आख़िरी टेस्ट खेला था।
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गांगुली का मानना है कि रहाणे की जगह युवा शुभमन गिल या फिर ऑलराउंडर रवींद्र जाडेजा को उपकप्तान बनाया जाना चाहिए था, जो कि देश या विदेश दोनों जगहों पर एकादश का निश्चित हिस्सा हैं।
गांगुली ने कहा, "मैं इसे पीछे हटने वाला क़दम तो नहीं कहूंगा, लेकिन मैं इसके पीछे के सोच और तर्क को ज़रूर समझना चाहूंगा। आप 18 महीने तक टीम से बाहर रहे, फिर आपने एक टेस्ट खेला और अब अचानक से आप उपकप्तान हैं। टीम में रवींद्र जाडेजा जैसा खिलाड़ी है, जो किसी भी परिस्थिति में टीम में फ़िट बैठता है। चयन में निरंतरता और स्थिरता होनी चाहिए।"
वेस्टइंडीज़ दौरे के लिए चयनकर्ताओं ने चेतेश्वर पुजारा को टीम से बाहर कर दिया है। गांगुली चाहते हैं कि भविष्य को लेकर चयनकर्ताओं की पुजारा के साथ स्पष्ट बातचीत होनी चाहिए।
गांगुली ने कहा, "चयनकर्ताओं को पुजारा के बारे में स्पष्ट होना होगा। क्या वे चाहते हैं कि पुजारा भविष्य में टीम में वापिस आए या अब टीम युवाओं के साथ ही जाएगी? ये सब चीज़ें पुजारा को बतानी होंगी। पुजारा या रहाणे जैसे खिलाड़ियों को आप लगातार 'पिक एंड ड्रॉप' नहीं कर सकते।"
'यशस्वी ने ना सिर्फ़ आईपीएल बल्कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में भी ख़ुद को साबित किया है'•Bangladesh Cricket Board
'सरफ़राज़ के लिए दुःख होता है'
कई लोगों को मानना है कि यशस्वी जायसवाल और ऋतुराज गायकवाड़ का चयन कर चयनकर्ताओं ने आईपीएल के प्रदर्शन को घरेलू क्रिकेट के प्रदर्शन से ऊपर रखा है लेकिन गांगुली ऐसा नहीं मानते।
उन्होंने कहा, "यशस्वी ने रणजी ट्रॉफ़ी, ईरानी ट्रॉफ़ी और दलीप ट्रॉफ़ी मैचों में भी ढेरों रन बनाए हैं। इसलिए वह टीम में हैं। हां, मुझे सरफ़राज़ के लिए ज़रूर दुःख होता है। पिछले तीन सालों में उन्होंने जिस तरह से रन बनाए हैं, उन्हें मौक़े ज़रूर मिलने चाहिए। यही बात अभिमन्यु ईश्वरन के लिए भी है, जो कि पिछले पांच-छह साल से लगातार रन बनाए जा रहे हैं। मैं आश्चर्यचकित हूं कि इन्हें मौक़ा नहीं मिला।"
गांगुली ने उन बातों को भी ख़ारिज किया, जिसमें कहा जाता है कि सरफ़राज़ तेज़ गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ कमज़ोर हैं।
गांगुली ने कहा, "अगर आप उन्हें तेज़ गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ नहीं खिलाओगे तो आप कैसे जान पाओगे? अगर उन्हें कोई समस्या होती तो वह पूरे भारत भर में रन नहीं बना पाते। मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि उन्हें तेज़ गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ कोई समस्या नहीं है और उन्हें मौक़ा मिलना चाहिए।"