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मोंगा : मैक्सी जैसा कोई नहीं

स्पिनर्स के ख़िलाफ़ क़रीब 10 रन प्रति ओवर के स्ट्राइक रेट से रन बनाने वाले मैक्सवेल ने मुश्किल पिचों पर भी आरसीबी को पहुंचाया है पार स्कोर तक

यूएई लेग में ग्लेन मैक्सवेल ने 9.25 रन प्रति ओवर से 350 रन बनाए हैं  •  BCCI

यूएई लेग में ग्लेन मैक्सवेल ने 9.25 रन प्रति ओवर से 350 रन बनाए हैं  •  BCCI

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने 2011 के बाद पहली बार सिर्फ़ 12 मैचों में प्लेऑफ़ में प्रवेश हासिल कर लिया है। यह और भी हैरानी की बात है कि इन 12 मैचों में सात चेन्नई, शारजाह और दुबई में खेली गई हैं जहां कि धीमी पिच परंपरागत रूप से इस टीम की कमज़ोर कड़ी रही है। इन सात मैचों में छः मैच आरसीबी ने जीते हैं और इकलौती हार इन परिस्थितियों में माहिर चेन्नई सूपर किंग्स के हाथ लगी थी।
लगभग हर मैच में खेल इस प्रकार चला है - तेज़ शुरुआत, मिडिल ओवर्स में रन गति में अंकुश और फिर ग्लेन मैक्सवेल की बल्लेबाज़ी। चेन्नई के ख़िलाफ़ हार के दौरान सलामी जोड़ी काफ़ी देर टिकी रही और इसके बाद मैक्सवेल को ज़्यादा समय नहीं मिला। वह नौ गेंदों पर 11 ही कर पाए और आरसीबी हार गया। बाक़ी के छः मैचों में उनका न्यूनतम स्कोर है 39 और पांच मैच में उन्होंने अर्धशतक ठोके हैं। तीन मैं प्लेयर ऑफ़ द मैच मैक्सी ही रहे।
इन सात मैचों में उन्होंने 9.25 रन प्रति ओवर की गति से 350 रन बनाए हैं। मैक्सवेल के स्कोर को मिटा दें तो बाक़ी खिलाड़ियों ने सिर्फ़ 7.42 रन प्रति ओवर से रन बनाए। यह आंकड़े इस लिए महत्वपूर्ण हैं कि यह दर्शाते हैं कि परिस्थितियों को पराजित करके तेज़ी और निरंतरता से रन बनाने में मैक्सवेल का कोई सानी नहीं है। इस सीज़न जॉनी बेयरस्टो, सूर्यकुमार यादव और ऋतुराज गायकवाड़ ने भी आठ रन प्रति ओवर से ज़्यादा की रफ़्तार में रन बनाए हैं लेकिन किसीने 211 से अधिक कुल रन नहीं बनाए। मैक्सवेल के ही टीम की दिग्गज एबी डीविलियर्स ने 10.29 की रन गति से रन तो बनाए हैं लेकिन सिर्फ़ 175 रन।
आप आरसीबी के रणनीति को देखिए। विराट कोहली और देवदत्त पड़िक्कल जब तेज़ शुरुआत देते हैं तो मिडिल ओवर्स में आते-आते वह अधिक सावधानी से बल्लेबाज़ी करते हैं। उनकी मंशा साफ़ है - मैक्सवेल के आक्रमण से पहले एक मज़बूत बुनियादी स्कोर छोड़ना। जब दोनों की साझेदारी प्लान से अधिक लंबी चली तो टीम को हार का सामना करना पड़ा।
मैक्सवेल ने स्पिन के विरुद्ध 9.45 प्रति ओवर से 216 रन बनाए हैं। इस सिलसिले में अधिक रन सिर्फ़ गायकवाड़ ने 9.41 की रफ़्तार से दो और बनाए हैं। यह क्षमता मिडिल ओवर्स में गतिशीलता बनाए रखने के लिए बहुत कारगर है। मैक्सवेल ने स्वयं माना है कि ऑस्ट्रेलिया की ही तरह आरसीबी ने उन्हें चौथे नंबर पर खिलाकर 10 ओवर में प्रहार करने का भरपूर अवसर दिया है।
मैक्सवेल ने टी20 क्रिकेट के एक और चुनौती का ख़ूबसूरती से सामना किया है - कैसे पहले बल्लेबाज़ी करते हुए आप अपनी टीम को पिच के अनुरूप एक मज़बूत टोटल तक ले जाएं।इस सीज़न पहले बल्लेबाज़ी करते हुए केवल दो सलामी बल्लेबाज़ों ने उनसे अधिक रन बनाए हैं लेकिन ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के स्मार्ट स्टैट्स के अनुसार उनके स्मार्ट रन और स्मार्ट स्ट्राइक रेट वास्तव में काफ़ी ज़्यादा हैं। इम्पैक्ट के मापदंड पर एबीडी, सूर्यकुमार यादव और अंबाती रायुडू मैक्सवेल के क़रीब हैं लेकिन सभी ने उनसे 100 से भी कम रन बनाए हैं।
आरसीबी को अगर आईपीएल का ख़िताब आख़िरकार अपने नाम करना है तो उन्हें या तो दो मैच दुबई में जीतना होगा या शारजाह में दो और दुबई में एक। यह ऐसी परिस्थितियां हैं जिनका तोड़ मैक्सवेल निकाल चुके हैं। 2014 में अपने सर्वश्रेष्ठ आईपीएल में पंजाब के लिए मैक्सवेल ने 187.75 के स्ट्राइक रेट से 552 रन बनाए थे। अब और विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने 145.35 के स्ट्राइक रेट से 407 रन बनाए हैं। संभवत: उनके पास तीन से पांच और मैच हैं और इसके बाद इन्ही पिचों पर एक विश्व कप भी।
उनकी क़ामयाबी के दो तरीक़े रहे हैं। जहां दुबई में उन्होंने रिवर्स हिट से बाउंड्री के छोटे छोरों को लक्ष्य बनाया है वहीं शारजाह के छोटे मैदान पर उन्होंने ज़्यादा ताक़त का इस्तेमाल किया है। शायद धीमी पिचों पर उन्हें शॉट लगाने के लिए थोड़ा ज़्यादा वक़्त मिल जाता है।
यह एक ऐसा क्रिकेट दिमाग़ है जो अद्वितीय है। 2014 आईपीएल के एक साल बाद 2015 विश्व कप से पहले त्रिकोणीय श्रृंखला का एक फ़ाइनल वाका के पिच पर खेला गया था। वहां मैक्सवेल ने 98 गेंदों पर 95 रन बनाकर टीम को चार विकेट पर 60 से 278 के स्कोर तक पहुंचाया। बाद में उनसे पूछा गया कि क्या उनके जैसे और बड़े हिटर के होने से उनपर दबाव कम हो जाता है?
मैक्सवेल चौंक कर बोले, "मेरे जैसा तो कोई नहीं है। अगर आप को कोई ऐसा मिले तो ज़रूर बताइएगा।"
उस दिन के क़रीबन छः साल बाद मैक्सवेल के करियर में कई उतार चढाव आए हैं। उन्होंने अपने तकनीक को तोड़ मड़ोड़ कर ख़ुद को पुनर्जीवित किया है। लेकिन इस आईपीएल में वह फिर अनोखे अंदाज़ में खेल रहे हैं - कभी ऑफ़ स्पिनर को स्विच हिट तो कभी तेज़ गेंदबाज़ को छक्के के लिए रिवर्स रैंप। और एक बार फिर वह 2015 की आत्मविश्वास के साथ कह सकते हैं, "मेरे जैसा कोई नहीं।"

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।