जाडेजा: कभी-कभी लगता था ऐश आएंगे गेंदबाज़ी करने आएंगे, फिर याद आता कि वह टीम में नहीं हैं
जाडेजा ने अश्विन की गैरमौजदगी और अपने फ़िटनेस को लेकर कई अहम बातें कहीं
ESPNcricinfo स्टाफ़
04-Oct-2025
भारत बनाम वेस्टइंडीज़ के बीच खेला गया अहमदाबाद टेस्ट रवींद्र जडेजा का 50वां घरेलू टेस्ट था। लेकिन यह पहला ऐसा टेस्ट था जिसमें वह अपने लंबे समय के स्पिन साथी आर अश्विन के बिना खेल रहे थे। अश्विन ने पिछले दिसंबर में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। हालांकि अश्विन के नहीं होने से जाडेजा के प्रदर्शन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। उन्होंने नाबाद 104 रन बनाए, यह उनका छठा टेस्ट शतक था, और दूसरी पारी में चार विकेट लेकर भारत को वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ आठ सत्रों में पारी और 140 रन की जीत दिलाई।
अश्विन के बिना भी भारत की स्पिन आक्रमण की ताक़त ही उनकी इस शानदार जीत के पीछे एक बड़ा कारण थी, जिसमें जाडेजा ने कुलदीप यादव और वॉशिंगटन सुंदर के साथ गेंदबाज़ी की, और अक्षर पटेल बेंच पर थे।
जाडेजा ने टेस्ट के बाद अश्विन के बारे में कहा, "बेशक हमें उनकी कमी महसूस होती है। ऐश ने भारतीय क्रिकेट में बहुत योगदान दिया है। कई सालों तक मैच-विनर रहे हैं।
"मैं ऐश के बिना पहला टेस्ट खेल रहा था, तो कभी-कभी मुझे लग रहा था कि ऐश आएंगे और गेंदबाज़ी करेंगे, और फिर याद आता कि वह नहीं हैं। लेकिन कुलदीप और वॉशी पहले ही कई मैच खेल चुके हैं। उन्हें युवा नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह एक अलग संयोजन था।
"भविष्य में आप कहेंगे,जड्डू नहीं है। तब कोई और होगा। ऐसा ही हमेशा होता है और आगे भी ऐसा चलता रहेगा, लेकिन टीम में योगदान देना अच्छा लगता है।"
अहमदाबाद में जाडेजा का प्रदर्शन उन्हें टेस्ट क्रिकेट में 4000 रन और 300 विकेट के डबल के बेहद क़रीब ले आया। उन्हें केवल 10 रन और चाहिए ताकि वे इस क्लब के चौथे सदस्य बन सकें। 5000 रन और 400 विकेट वाले क्लब वर्तमान में केवल कपिल देव हैं। अब वहां तक जाडेजा भी पहुंच सकते हैं।
जाडेजा ने इस पर हंसते हुए कहा, "अब आप मुझ पर दबाव डाल रहे हैं। मुझे सोचना पड़ेगा कि कैसे 1000 और रन बनाएं और 60-70 और विकेट लें।
"इस समय मैं अपनी क्रिकेट का आनंद ले रहा हूं। मैं रिकॉर्ड या मील के पत्थर के बारे में नहीं सोच रहा। मैं सिर्फ़ अपनी फ़िटनेस पर काम कर रहा हूं और क्रिकेट का आनंद ले रहा हूं। जब भी मैं घर में होता हूं। हमेशा फ़िटनेस पर काम करता हूं ताकि मैं वही करता रहूं जो इतने सालों से कर रहा हूं।"
36 साल की उम्र में रवींद्र जाडेजा मैदान पर अभी भी सक्रिय हैं•Associated Press
अहमदाबाद में यह शतक जाडेजा के लिए 2025 में बल्ले से एक शानदार साल को और लंबा करता है। इस साल अब तक उन्होंने सात टेस्ट में 82.37 औसत के साथ 659 रन बनाए हैं, जिसमें दो शतक और पांच अर्धशतक शामिल हैं। इसमें से 516 रन इंग्लैंड में आए। वहां उनके न्होंने आठ पारियों में छह 50+ स्कोर शामिल थे।
जाडेजा ने कहा, "मैंने अपनी बल्लेबाज़ी पर काम किया है। मानसिक और तकनीकी दोनों तरह से कुछ बदलाव किए हैं। पहले मेरी बल्लेबाज़ी का माइंडसेट अलग था, लेकिन अब मैंने कुछ बदलाव किए हैं।"
उन्होंने बताया कि इसका एक हिस्सा नियमित रूप से ऊपरी क्रम में बल्लेबाज़ी करने का भी है। 2023 की शुरुआत से उन्होंने 40 पारियों में 22 बार नंबर 5 और 6 पर बल्लेबाज़ी की है।
उन्होंने कहा, "अगर आपको ऊपरी क्रम में बल्लेबाज़ी का मौका मिलता है, तो आप निश्चित रूप से अलग माइंडसेट के साथ बल्लेबाज़ी करते हैं। मैंने पहले टेस्ट में नंबर 8 और 9 पर बल्लेबाज़ी की है, और वह अलग माइंडसेट के साथ आती है। यदि आप उसी माइंडसेट के साथ खेलते हैं तो ढीला शॉट खेलने और आउट होने का जोखिम बढ़ जाता है।
"मैंने नंबर 5 और 6 पर भी बल्लेबाज़ी की है, और यह अलग माइंडसेट के साथ आती है। आप जानते हैं कि जिस बल्लेबाज़ के साथ आप बल्लेबाज़ी कर रहे हैं, उसके साथ साझेदारी बनाने की जिम्मेदारी आपकी है। इससे निश्चित रूप से फर्क पड़ा है।"
36 साल की उम्र में जाडेजा धीमे होने के कोई संकेत नहीं दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, "चोटें कभी भी लग सकती हैं। कोई गारंटी नहीं है, और कोई सावधानी पूरी तरह से काम नहीं करती। अगर आप मैदान पर 100% दे रहे हैं, तो किसी भी समय डाइव लगाना पड़ सकता है।
जाडेजा ने आगे कहा, "भगवान की कृपा से मुझे ज़्यादा चोट नहीं लगी और मैं फ़िटनेस पर बहुत काम करता हूं। सोशल मीडिया पर मैं अपने सभी वर्कआउट नहीं दिखाता, लेकिन मेहनत करता हूं। और इससे मैदान पर फर्क पड़ता है, और अच्छा लगता है कि मैं इस उम्र में 100% दे पा रहा हूं। ऐसा नहीं लगता कि मेरी फ़िटनेस ख़राब हो रही है, जिससे मानसिक रूप से अच्छा लगता है।"
फिटनेस रूटीन और नींद के बारे में पूछे जाने पर जाडेजा हंस पड़े। उन्होंने कहा, "मैं इसे काफ़ी सिंपल रखता हूं। 8-9 घंटे…कभी-कभी ज़्यादा भी सोता हूं, और अगर शाम का आनंद ले रहा हूं तो कम भी सोता हूं। लेकिन जब मैच क़रीब आते हैं, मुझे पता होता है कि कब ट्रेनिंग शुरू करनी है, कब खान-पान बदलना है। मुझे अपने शरीर की अच्छी समझ है और यह किस स्थिति में है।"