आईपीएल 2021 : ईएसपीएनक्रिकइंफो की टीम ऑफ़ द टूर्नामेंट में चेन्नई सुपर किंग्स के तीन खिलाड़ी
शानदार बल्लेबाज़ी क्रम, गेंदबाज़ी के सात विकल्प, कुछ बेहतरीन क्षेत्ररक्षक... यह है आईपीएल 2021 के लिए हमारी एकादश
ईएसपीएनक्रिकइंफो स्टाफ
17-Oct-2021
ऑरेंज कैप की तालिका में पहले और दूसरे स्थान पर रहे ऋतुराज और डुप्लेसी • BCCI
हमेशा की तरह इस सीज़न के 60 मैचों को देखने के बाद टीम ऑफ़ द टूर्नामेंट चुनने का समय आ गया है लेकिन इससे पहले कि हम वहां पहुंचें, हमारे इलेवन पर एक नज़र डालें, हमें यहां ध्यान में रखना चाहिए कि आईपीएल 2021 को साल की शुरुआत में स्थगित कर दिया गया था। उसके बाद परिस्थितियों में काफ़ी बदलाव आया था। हमारे सभी कर्मचारियों के वोटों को मिलाकर जो टीम चुनी गई है, उसमें चार विदेशी खिलाड़ी भी हैं।
ऋतुराज गायकवाड़ (635 रन, औसत 45.35, स्ट्राइक रेट 136.26, एक 100, चार 50)
जब एक टीम असफलताओं के पलों को देखती है और एक खिलाड़ी पर अपना विश्वास रखती है, जिसे उन्होंने भविष्य के लिए चिह्नित किया है, तो हमें वही मिलता है जो चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) को गायकवाड़ से मिला है। हो सकता है कि 0, 5 और 0 (पिछले साल) के शुरुआती प्रदर्शन के बाद किसी अन्य टीम ने उन्हें शीर्ष क्रम में मौक़ा नहीं दिया होता, लेकिन फिर इस साल उन्होंने उसी स्थान पर बल्लेबाज़ी करते हुए 635 रन बनाए और ऑरेंज कैप जीती। साथ ही सीएसके के ख़िताब जीतने में अहम भूमिका निभाई।
फ़ाफ़ डुप्लेसी (633 रन, औसत 45.21, स्ट्राइक रेट 138.20, छह 50)
अधिकांश आईपीएल टीमें आमतौर पर लगातार, बढ़िया प्रदर्शन वाले सलामी बल्लेबाज़ से खुश होती हैं, लेकिन सीएसके के पास इस साल दो ऐसे बल्लेबाज़ थे। ऑरेंज कैप की दौड़ में डुप्लेसी, गायकवाड़ से सिर्फ़ दो रन पीछे थे। हो सकता है कि दूसरे साथी के अधिक आक्रामक होने से वह कम प्रभावशाली दिखे हों, लेकिन ज़रूरत पड़ने पर डुप्लेसी ने भी बढ़िया प्रदर्शन किया। उनका अनुभव बड़े पैमाने पर सामने आया, फ़ाइनल में जहां उनकी 59 गेंदों में 86 रन की पारी अहम साबित हुई। वह पारी की आख़िरी गेंद पर आउट हुए लेकिन तब तक सीएसके, कोलकाता नाइट राइडर्स की पहुंच से काफ़ी आगे निकल गई थी।
वेंकटेश अय्यर (370 रन, औसत 41.11, स्ट्राइक रेट 128.47, चार 50, तीन विकेट, इकॉनमी 8.11)
इस साल के आईपीएल की कई कहानियों में सबसे अच्छी कहानी को वेंकटेश अय्यर की है। जब वह एक बार ब्रेक के बाद फिर से शुरू होने वाले आईपीएल में केकेआर के लिए पारी की शुरुआत करने उतरे तो अधिकांश लोगों ने उनके बारे में नहीं सुना होगा। केकेआर के सीज़न को फर्श से अर्श तक पहुंचाने में उन्होंने जो भूमिका निभाई, उसके बाद उन्हें सब जान गए होंगे। यह सिर्फ़ रन नहीं थे, बल्कि उनका रवैया और उनका दृष्टिकोण था कि वह गेंद को कहीं भी मार सकते हैं।
एक तय जगह पर खेलने की वजह से जुदा दिखे मैक्सवेल•BCCI
ग्लेन मैक्सवेल (513 रन, औसत 42.75, स्ट्राइक रेट 144.10, छह 50, तीन विकेट, इकॉनमी 8.43)
पिछले कुछ वर्षों में ख़राब प्रदर्शन करने के बाद आख़िरकार इस बार मैक्सवेल ने लड़ाई जीत ली और काफ़ी बढ़िया प्रदर्शन किया। इस बार, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु ने मैक्सवेल को बहुत बड़ा मौका दिया और उन्हें नंबर चार पर बल्लेबाज़ी कराई, जो स्पष्ट रूप से सही कॉल था, यकीन नहीं है तो नंबरों को देखें! वह पहले चरण में अच्छा खेल दिखा रहे थे, लेकिन संयुक्त अरब अमीरात में 56, 50*, 57, 40 और 51* के स्कोर ने उनके योगदान को एक पायदान ऊपर उठा दिया।
संजू सैमसन (484 रन, औसत 40.33, स्ट्राइक रेट 136.72, एक 100, दो 50)
यह टूर्नामेंट सैमसन के लिए उतार-चढ़ाव से भरा हुआ रहा। सैमसन ने पंजाब किंग्स के ख़िलाफ़ शतक के साथ (हार में) शुरुआती चरण में टूर्नामेंट में एक शानदार आगाज़ किया, लेकिन उसके बाद उन्होंने बल्ले के साथ कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं किया, हालांकि उन्होंने पहले चरण को 42 *, 42 और 48 के स्कोर के साथ समाप्त किया। दूसरे दौर में जब राजस्थान रॉयल्स की आगे बढ़ने की उम्मीद धूमिल हो रही थी तब सैमसन ने एक बार फिर अपना कमाल दिखाया। ख़ासकर जब उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स के ख़िलाफ़ 53 गेंदों में 70 * रन बनाए (एक हार में, फिर से) और सनराइज़र्स हैदराबाद के ख़िलाफ़ 57 गेंदों में 82 रन (हार में)।
शिमरन हेटमायर (242 रन, औसत 34.57, स्ट्राइक रेट 168.05, एक 50)
इस आईपीएल में हेटमायर जिस बल्लेबाज़ी क्रम पर बढ़िया प्रदर्शन करने सक्षम हैं, उससे काफ़ी नीचे बल्लेबाज़ी कर रहे थे, लेकिन हेटमायर ने फ़िनिशर होने और अंत के ओवरों में काफ़ी रन बनाए। उनकी सभी पारियां बड़ी नहीं थीं, लेकिन जब भी वह बल्लेबाज़ी करने के लिए उतरे तो उन्होंने बड़ी आसानी से बड़े शॉट लगाएं। यदि डेथ ओवर चल रहा हो और आपको अधिक से अधिक रन बनाने हों तो वह सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों में से एक रहे।
बल्ले, गेंद और क्षेत्ररक्षण तीनों में कमाल किया जाडेजा ने•BCCI
रवींद्र जाडेजा (227 रन, औसत 75.66, स्ट्राइक रेट 145.51, एक 50, 13 विकेट, औसत 26.61, इकॉनमी 7.06)
75.66 बल्लेबाज़ी औसत और गेंद के साथ 7.06 की इकॉनोमी दर, उनकी टीम के लिए वह अहम गेंदबाज़ों में से एक थे, लेकिन बल्लेबाज़ी के इस कमाल ने उन्हें मूल्यवान बना दिया। यह नहीं भूलना चाहिए कि जाडेजा ने आउटफील्ड में किस तरह का योगदान दिया है। वह इस क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं और उनका टीम में होना जरूरी है।
सुनील नारायण (16 विकेट, औसत 22.56, इकॉनमी 6.44; 62 रन, औसत 7.75, स्ट्राइक रेट 131.91)
वह पहले जैसे धारदार गेंदबाज़ नहीं थे और अब वह अब शीर्ष क्रम पर पिंच हिटर की भूमिका में भी नहीं थे। लेकिन नारायण ने न केवल अपने एक्शन को फ़िर से तैयार किया है, बल्कि उन्होंने खुद को फ़िर से एक बेहतर क्रिकेटर बनाया और अभी भी उनकी गेंदबाज़ी के दौरान मध्य ओवरों में उन गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ रन बनाना सबसे मुश्किल है। हर बार एक वह एक ऐसा प्रदर्शन करने में सक्षम हैं जो हमेशा दिमाग में रहती है, जैसे एलिमिनेटर में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के ख़िलाफ़, उन्होंने किया । 21 रन देकर 4 विकेट, जिसमें विराट कोहली, एबी डीविलियर्स और मैक्सवेल के विकेट शामिल थे। इसके बाद उन्होंने मुश्किल समय में 15 गेंदों में 26 रन बनाए, उनमें से 18 रन पहली तीन गेंदों पर आए थे।
हर्षल पटेल (32 विकेट, औसत 14.34, इकॉनमी 8.14, सर्वश्रेष्ठ 5-27)
टूर्नामेंट के अपने आख़िरी ओवर की पहली गेंद पर, हर्षल लेग स्टंप पर की गई धीमी गेंद पर नारायण का विकेट लेने से चूक गए। अगर यह कैच हो जाता तो हर्षल का सीज़न 33 विकेट के साथ खत्म होता, जो एक रिकॉर्ड होता, लेकिन, रिकॉर्ड हो या न हो, यह 30 वर्षीय सीमर के लिए एक शानदार सीज़न था, जो यकीनन, अपने सर्वश्रेष्ठ फ़ॉर्म में था। वह घरेलू सर्किट में हरियाणा के लिए गेंद और बल्ले से कमाल दिखा चुके हैं।
केकेआर को फाइनल में पहुंचाने में वरुण चक्रवर्ती ने निभाई अहम भूमिका•BCCI
वरुण चक्रवर्ती (18 विकेट, औसत 24.88, इकॉनमी 6.58, सर्वश्रेष्ठ 3-13)
चक्रवर्ती को आईपीएल के माध्यम से बड़ा मौका मिला। लगातार दूसरे आईपीएल में उन्होंने नारायण के साथ मिलकर बीच के ओवरों में एक सनसनीखेज़ जोड़ी बनाई, दनों गेंदबाज़ो ने विपक्षी टीमों में रनों का सूखा लाकर केकेआर को जीत के मौके दिए, एक के बाद एक। चक्रवर्ती ने कुछ नियमितता के साथ विकेट चटकाए, लेकिन इकॉनमी रेट को कम रखना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि थी।
आवेश ख़ान (24 विकेट, औसत 18.75, इकॉनमी 7.37, सर्वश्रेष्ठ 3-13)
आवेश ने इस साल टूर्नामेंट का सफलतापूर्वक आनंद लिया। सबसे ज़्यादा विकेट लेने वालों गेंदबाज़ों के लिस्ट में हर्षल के बाद वह दूसरे स्थान पर थे। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अभी भी अनकैप्ड आवेश ने दिखाया कि पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने कैसे सुधार किया है। वह हमेशा से कमाल के गेंदबाज़ रहे हैं लेकिन अब वह अधिक नियंत्रण के साथ गेंदबाज़ी कर रहे हैं।, उनके पास ढेर सारी धीमी गेंदें भी हैं और पावरप्ले और डेथ दोनों में गेंदबाज़ी करने का हुनर भी है।
नोट: गायकवाड़ और मैक्सवेल ईएसपीएनक्रिकइंफो के प्रत्येक कर्मचारी से वोट पाने वाले एकमात्र खिलाड़ी थे जिन्होंने अपनी पसंद में भेजा था।
जगह बनाने से चूके : पृथ्वी शॉ, ऋषभ पंत, आंद्रे रसल, युज़वेंद्र चहल, अनरिख़ नॉर्खिये
अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।