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इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर नियम कितना प्रभाव डालेगा ?

नया नियम आईपीएल 2023 की नई ख़ोज है और टीम इंतज़ार कर रही हैं कि यह कैसे काम करता है

MS Dhoni and Stephen Fleming at CSK's pre-match training session, Chennai Super Kings vs Sunrisers Hyderabad, IPL 2021, Delhi, April 28, 2021

क्‍या इस नए नियम में भी बाज़ी मारेंगे धोनी?  •  BCCI/IPL

आईपीएल 2022 के अपने आख़‍िरी लीग मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स को आख़‍िरी ओवर में 21 रन चाहिए थे। मैच में शुरू से ही लखनऊ सुपर जायंट्स पसंदीदा थी जिन्‍होंने बिना विकेट गंवाए 210 रन बनाए थे। केकेआर के पास प्‍लेऑफ़ में पहुंचने का एक मौक़ा था और रिंकू सिंह इस मौक़े को भुनाने में लगे थे। मार्कस स्‍टॉयनिस द्वारा किए गए आख़‍िरी ओवर की पहली तीन गेंद पर रिंकू ने 4, 6, 6 लगाए। दो गेंद बाद एविन लुईस ने आईपीएल इतिहास के सबसे बेहतरीन कैचों में से एक लपककर रिंकू की पारी को समाप्‍त कर दिया। अब आख़‍िरी गेंद पर तीन रन चाहिए थे और स्‍टॉयनिस की गेंद उमेश यादव का ऑफ़ स्‍टंप ले उड़ी।
केकेआर के सीईओ वेंकी मैसूर ने उस मैच को याद करते हुए कहा, "हम लगभग पहुंच गए थे। इसके बाद रिंकू एविन लुईस के एक बेहतरीन कैच पर आउट हो गए। तब भी हमारे पास एक गेंद थी और दो [तीन] रन चाहिए थे। उमेश यादव बल्‍लेबाज़ी के लिए गए थे। अगर इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर नियम होता तो केकेआर के कोच उमेश यादव को उनके चार ओवर पूरे करने के तुरंत बाद एक विशेषज्ञ बल्‍लेबाज़ से बदल सकते थे और यह पूरे समीकरण को बदल सकता था।"

'तो 12 खिलाड़ी होने जा रहे हैं'

नई ख़ोज के उद्देश्‍य से आईपीएल में 2023 सीज़न में इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर नियम लाया गया है। यह नियम टॉस के बाद टीम को पारी के किसी भी समय इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर को प्‍लेयिंग इलेवन में शामिल खिलाड़ी की जगह लाने की अनुमति देता है।
वैसे टीम में केवल चार ही विदेशी खिलाड़ी खेल सकते हैं, तो अगर प्‍लेयिंग इलेवन की शुरुआत में चार विदेशी खिलाड़ी हैं तो इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर केवल भारतीय खिलाड़ी ही हो सकता है। इस नए नियम का लक्ष्‍य भारतीय खिलाड़‍ियों को और अधिक मौक़े देना है, ख़ासतौर पर अनकैप्‍ड कौशल से भरपूर खिलाड़ी जो प्‍लेयिंग इलेवन में जगह नहीं बना पाते हैं।
बीसीसीआई ने इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर नियम 2022 सैयद मुश्‍ताक़ अली ट्रॉफ़ी में लाया था लेकिन परिस्थितियां अलग थीं। टीम को टॉस से पहले इम्‍पैक्‍ट खिलाड़ी की घोषणा करनी होती थी और उसको पारी के 14वें ओवर से पहले लाना होता था।
आईपीएल की परिस्थितियों के मुताबिक इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर मैच में नई रणनीति योजनाओं को जोड़ेगा। लेकिन सैयद मुश्‍ताक़ अली ट्रॉफ़ी को देखने वाले कई फ़्रैंचाइज़ी कोच और टैलेंट स्‍काउट्स का माना था कि इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर को क्षति को नियंत्रित करने के लिए इस्‍तेमाल किया गया ना कि रणनीति के औज़ार के रूप में।
यहां तक कि रणनीति क्षमता उस समय ही कम हो गई थी जब आईपीए 2023 के शुरू होने से एक महीने से भी कम समय में फ़्रैंचाइज़‍ियों को बताया गया कि वे टॉस के बाद अंतिम 11 घोषित कर सकती हैं। तो इस सीज़न कप्‍तान टॉस के समय दो अलग-अलग टीम शीट ला सकते हैं, एक यदि वे पहले बल्‍लेबाज़ी कर रहे हैं और दूसरी यदि वे पहले गेंदबाज़ी कर रहे हैं।
फ़्रैंचाइज़ी की वेबसाइट पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के प्रमुख कोच संजय बांगड़ ने कहा, "यह इम्पैक्ट प्लेयर के उपयोग को कैसे प्रभावित करता है? तो यह 12 खिलाड़ी होने जा रहे हैं क्‍योंकि अधिकतर टीम चाहेंगी कि उनके विशेषज्ञ बल्‍लेबाज़ी स्‍लॉट या उनके गेंदबाज़ी स्‍लॉट को लें।"
उनके टीम डायरेक्‍टर माइक हेसन ने कहा कि वह और उनका कोचिंग स्‍टाफ़ उत्‍साहित था जब उन्‍होंने पहली बार इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर नियम के बारे में सुना। उन्‍होंने कहा, "हमने नीलामी से पहले इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर नियम के बारे में सुना था, तो हम इसके बारे में देख रहे थे और सोच रहे थे कि इसका कैसे अधिक से अधिक लाभ उठाया जा सकता है, एक ऑलराउंडर में एक बड़ी भूमिका निभाने की क्षमता है। वास्तव में इसमें कुछ रणनीति शामिल थी। यह कुछ साज़िश लाया। आप किसी भी समय खिलाड़ी को ला सकते हो चाहे बल्‍लेबाज़ आउट हुआ हो या नहीं। तो हां मुझे लगता है कि यह एक अच्‍छा विकास है।"
"मुझे लगता है कि टॉस के बाद XI के नामकरण ने इम्‍पैट नियम को काफ़ी हद तक नकार दिया है। अगर आप पहले बल्‍लेबाज़ी करते हो तो आप बल्‍लेबाज़ को बदल सकते हो और दूसरी पारी के लिए एक अतिरिक्‍त गेंदबाज़ को ला सकते हो। तो टॉस के बाद आपको बस अपनी बल्‍लेबाज़ी इलेवन या गेंदबाज़ी इलेवन देनी है, यह एक तरह से सब्सटीट्यूट है।"

"क्या कोई और रॉकेट साइंस है…?"

आईपीएल में टॉस के बाद टीम घोषणा का एक ही मक़सद है कि टॉस के एडवांटेज को कम किया जाए। ख़ासतौर पर भारत के मैदानों पर जहां दूसरे हाफ़ में ओस आती है और गेंदबाज़ों को मुश्किल होती है।
एसए20 पहली फ़्रैंचाइज़ी लीग थी जहां पर टॉस के बाद टीम फ़ाइनल होती थी। इससे मेहमान टीमों को विरोधी टीमों के घर की एडवांटेज को कम करने में मदद मिली और ओस से बेहतर तरीके़ से निपटने के लिए लक्ष्य का बचाव करने वाली टीम की मदद करें। और हुआ यह कि एसए20 मैदानों पर अधिक ओस नहीं थी।
लेकिन ऐसा आईपीएल में होने की उम्‍मीद नहीं है जहां पर सभी 12 मैदानों में ओस एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है। खिलाड़ी और कोच दोनों सहमत हैं कि परिस्थितियां न केवल शुरुआती एकादश को प्रभावित करेंगी बल्कि इम्पैक्ट प्लेयर की पसंद को भी प्रभावित करेंगी। एक मज़बूत शुरुआत के केस में एडवांटेज लेने के उद्देश्‍य से पावर-हिटर को जल्‍द भेजा जा सकता है। अगर पिच स्पिन के मुफ़ीद हुई और यदि प्‍लेयिंंग इलेवन में शुरुआत में तीन तेज़ गेंदबाज़ हैं तो किसी एक की जगह स्पिनर को लाया जा सकता है।
एक फ़्रैंचाइज़ी के एनालिस्‍ट ने कहा, "अगर आप चेपॉक में खेल रहे हो तो आप तीन स्पिनर के बारे में सोच सकते हो। तीन विदेशी खिलाड़‍ियों के साथ शुरुआत करें। इस आधार पर कि आप पहले बल्लेबाज़ी कर रहे हैं या क्षेत्ररक्षण, आप किसी भी विकल्प को ले सकते हैं। अगर आप पहले गेंदबाज़ी कर रहे हो तो आप तीन स्पिनरों के साथ जा सकते हो। अगर पहले बल्‍लेबाज़ी कर रहे हो तो एक विदेशी बल्‍लेबाज़ को स्पिनर की जगह बदल सकते हो।"
अन्‍य टीम के एक प्रमुख कोच ने माना और कहा कि शुरुआती इलेवन का निर्णय के संबंध में उनका काम आसान हो जाएगा। उन्‍होंने कहा, "उन्‍होंने हमारी ज़‍ि‍ंंदगी आसान बना दी है। आपको टॉस से पहले अपनी इलेवन देने की भी ज़रूरत नहीं है। आपको 11 + 5 टॉस के बाद देने होंगे। अगर आप पहले बल्‍लेबाज़ी कर रहे हो तो आप एक अति‍रिक्‍त बल्‍लेबाज़ का इस्‍तेमाल कर सकते हो। अगर आप पहले गेंदबाज़ी कर रहे हो तो 100 प्रतिशत आपके नंबर नौ, 10 या 11 की जगह एक बल्‍लेबाज़ लेगा। तो क्‍या इसमें कोई अन्‍य रॉकेट साइंस है?"
कोच का प्‍वाइंट यह है कि जब लक्ष्‍य का बचाव करते हुए एक टीम अति‍रिक्‍त गेंदबाज़ को रखेगी तो लक्ष्‍य का पीछा करने वाली टीम अतिरिक्‍त बल्‍लेबाज़ को रखेगी। हर टीम प्‍लेयिंग इलेवन में कम से कम पांच गेंदबाज़ रखेगी। लेकिन अब आप डेथ ओवर विशेषज्ञ या ऐसे गेंदबाज़ को लाएंगे जो पावरप्‍ले में आपकी गेंदबाज़ी को मज़बूत करने में सफल रहा है।"

क्‍या अब शुरुआती इलेवन में अधिक तीन विदेशी खिलाड़ी दिखेंगे?

इतिहास बताता है कि आईपीएल टीमों ने चार विदेशी खिलाड़‍ियों को अंतिम एकादश में रखा है, लेकिन 2019 से नया ट्रेंड चला है। 2008 से केवल 52 बार ऐसा हुआ है जब अंतिम एकादश में तीन या उससे कम विदेशी खिलाड़ी को रखा गया और इनमें से 37 पिछले चार सीज़न में हुए हैं।
इस साल और अधिक ऐसा देखने को मिल सकता है, इसके लिए इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर नियम को धन्‍यवाद करना होगा। मज़बूत विदेशी खिलाड़‍ियों की बेंच वाली टीम तीन विदेशी खिलाड़‍ियों के साथ शुरुआत कर सकती है और चौथे का इस्‍तेमाल ज़रूरत के हिसाब से कर सकती है। उदाहरण के तौर पर जब मुंबई इंडियंस पहले गेंदबाज़ी कर रही है तो वे तीन विदेशी गेंदबाज़ों के विकल्‍प : जोफ़्रा आर्चर, जेसन बेहरनडॉर्फ़ और कैमरन ग्रीन के साथ जा सकती है। लक्ष्‍य का पीछा करते हुए वे बेहरनडॉर्फ़ की जगह टिम डेविड या किसी अन्‍य विदेशी बल्‍लेबाज़ को इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर के रूप में ला सकती है।
गुजरात टाइटंंस, जिनके पास कम मध्‍य क्रम के विदेशी बल्‍लेबाज़ हैं वे भी तीन विदेशी बल्‍लेबाज़ों के साथ शुरुआत कर सकते हैं और अधिक भारतीय ऑलराउंडर जैसे विजय शंकर और राहुल तेवतिया को चुन सकते हैं जो उनकी गेंदबाज़ी और बल्‍लेबाज़ी में गहराई लाएंगे। फ‍िर दूसरी पारी में मैथ्‍यू वेड (लक्ष्‍य का पीछा करते हुए) या जॉश लिटिल (लक्ष्‍य का बचाव करते हुए) को इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर के तौर पर ला सकते हैं।

क्‍या इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर पुराने सुपरसब नियम की तरह है?

कई का नज़‍रिया है कि आईपीएल का इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर नियम सुपरसब की ही तरह है जिसे आईसीसी 2005 में ट्रायल के रूप में लाई थी, जहां टीमों को मैच के दौरान 12वें खिलाड़ी के इस्‍तेमाल की इजाजत थी। लेकिन प्रमुख अंतर यह था कि टीमों को टॉस से पहले अंतिम एकादश और सुपरसब का नाम देना होता था।
सुनील गावस्‍कर की अगुवाई वाली आईसीसी क्रिकेट कमेटी सुपरसब नियम लाई थी, जिसका मक़सद ऑलराउंडरों का इस्‍तेमाल के लिए प्रोत्‍साहित करना था, लेकिन टीमें सुपरसब में विशेषज्ञों का इस्‍तेमाल करने लगी। इससे टॉस जीतने का एडवाइंटेज और बढ़ गया क्‍योंकि टीम जो टॉस जीतती और बल्‍लेबाज़ी या गेंदबाज़ी चुनती वो सुपरसब का अधिक फ़ायदा उठाने लगी और विरोधी टीम के सुपरसब का असर कम होने लगा।
आईसीसी ने सुपरसब नियम ख़त्‍म कर दिया। आईसीसी के जनरल मैनेजर डेव रिचर्डसन ने कहा, "टीमें सब्‍स्‍टी्टयूट के तौर पर विशेषज्ञों को चुनने लगी और इससे टॉस की अहम‍ियत और बढ़ गई। इसमें ऐसी परिस्थिति लाने की कोई मंशा नहीं थी कि 11 का काम 12 खिलाड़ी करें। तो हमने तब टॉस के बाद सब्‍स्‍टीट्यूट की घोषणा के विकल्‍प पर विचार नहीं किया।"
जहां एक ऑलराउंडर सुपरसब के लिए सटीक बैठता, वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि टॉस के बाद इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर और इलेवन का फ़ैसला होने से दो आकार के खिलाड़‍ियों की ज़रूरत भी कम हो जाएगी।
मैसूर ने कहा, "कई तरह से देखा जाए तो इससे ऑलराडंरों से चमक दूर हो जाएगी और टीमों को अपने संसाधनों को बहुत अलग तरीके़ से प्रबंधित करने की अनुमति मिलेगी।"
ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो एक्‍सपर्ट टॉम मूडी ने आईपीएल नीलामी के बाद सबसे पहले बताया कि उन्हें डर था कि इम्पैक्ट प्लेयर नियम से पार्ट-टाइम ऑलराउंडरों की भूमिका कम हो जाएगी। दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच रिकी पोंटिंग ने भी हाल ही में कहा था कि इम्पैक्ट प्लेयर नियम "बिट्स-एंड-पीस" खिलाड़ियों को बाहर कर देगा और ऑलराउंडर की भूमिका को लगभग "नकारात्मक" कर देगा, जब तक कि वह "विश्व स्तरीय" न हो और एक विशेषज्ञ बल्लेबाज़ या गेंदबाज़ के रूप में अपनी जगह बनाए रख सके।
बांगड़ के अनुसार, आईपीएल को टॉस के बाद टीमों को अंतिम एकादश के नाम की अनुमति देने की आवश्यकता नहीं थी। उन्‍होंने कहा, "यह उन खिलाड़‍ियों के लिए थोड़ा मुश्किल होने जा रहा है जो दोनों विभाग में अपना योगदान देना चाहते हैं या दोनों ही विभागों में खेलने की क्षमता रखते हैं, ख़ासतौर पर निचले क्रम नंबर सात पर खेलने वाले खिलाड़ी। उनका उतना उपयोग भले ही न हो, लेकिन उनकी जगह विशेषज्ञ बल्लेबाज़ या विशेषज्ञ गेंदबाज़ के पास जा सकती है। मेरे लिए यह अधिक दिलचस्‍प तब होता जब टॉस के नियम को नहीं लाया जाता, क्‍योंकि इससे अब यह देखने का मज़ा चला गया है कि कैसे टीम अपने इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर का इस्‍तेमाल करती हैं।"
विभ‍िन्‍न टीमों के कई विशेषज्ञों का मानना है कि रणनीति तौर पर इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर नियम को इस्‍तेमाल करने की क्षमता घटी है। एक टीम के कोचिंग स्‍टाफ़ के सदस्‍य ने कहा कि जब आईपीएल ने इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर नियम की घोषणा की थी तो वह इसको इस्‍तेमाल करने के कई तरीके़ सोच रहे थे। उन्‍होंने कहा, "अगर आप नौ ओवर में एक विकेट पर 90 रन पर हो तो आपके पास इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर को इस्‍तेमाल करने की खुली छूट है जहां उसको सकारात्‍मक रोल निभाने और मूमेंटम देने के लिए कहा जा सकता है कि जाओ और छह गेंद में 18-20 रन बनाओ और वह अगले तीन ओवर में हमें 130 तक पहुंचा देता है और अभी भी हमारे पास बचे आठ ओवर में अच्‍छे बल्‍लेबाज़ हैं।" "अब आप अगर पहले बल्‍लेबाज़ी कर रहे हो तो आप बिना इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर के भी ऐसा कर सकते हो क्‍योंकि आपके पास सात बल्‍लेबाज़ हैं और बाद में दूसरी पारी में गेंदबाज़ी करते समय इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर ला सकते हो।"
तो अब बहुत जिज्ञासा है कि कैसे इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर का इस्‍तेमाल होगा। सीधी-सादी भविष्यवाणी यह ​​है कि टीमों के पास बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी में बेहतर गहराई वाले लाइन-अप दोनों होंगे। लेकिन जल्द ही, जैसा कि एक फ़्रैंचाइज़ी प्रमुख कहते हैं, इम्पैक्ट प्लेयर के बारे में कोई अनिश्चितता नहीं होने वाली है।
हो सकता है कि आईपीएल इस सीज़न के बाद इम्‍पैक्‍ट प्‍लेयर नियम का रिव्‍यू करे और टीमों से फ़ीडबैक ले। मैसूर के पास पहले ही एक सुझाव है कि "इस नियम को विदेशी खिलाड़ियों पर भी लागू करने पर विचार किया जा सकता है और इसे केवल भारतीय खिलाड़ियों तक ही सीमित नहीं रखा जाए।"

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्‍यूज एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।