केकेआर: दूसरी सबसे छोटी टीम, छोटा पर्स
फ़्रैंचाइज़ी कई बार ट्रेड का इस्तेमाल अपना पर्स बढ़ाने के लिए करती हैं। यही कुछ दिल्ली कैपिटल्स ने किया जब उन्होंने ऑलराउंडर
शार्दुल ठाकुर को कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) को ट्रेड किया, जिन्हें उन्होंने 10.75 करोड़ रुपये में ख़रीदा था।
कोलकाता ने हालांकि ट्रेड विंडो को अलग तरह से इस्तेमाल किया। ठाकुर उनको ट्रेड से मिले तीसरे खिलाड़ी हैं। इसके अलावा उनके पास न्यूज़ीलैंड के तेज़ गेंदबाज़
लॉकी फ़र्ग्युसन (10 करोड़) और अफ़ग़ानिस्तान के विकेटकीपर ओपनर
रहमानुल्लाह गुरबाज़ (50 लाख) को गुजरात टाइटंस से ट्रेड किया। तो कोलकाता ने 21.25 करोड़ रुपये ट्रेड में गंवा दिए हैं। उनके इस फ़ैसले पर सवाल उठ सकते हैं क्योंकि नीलामी में वह इतने ही रुपयों में अधिक खिलाड़ियों को ख़रीद सकते थे।
यहां बताते हैं क्यों कोलकाता इससे सहमत नहीं होगी। उन्हें पहले ही पता था कि पैट कमिंस, सैम बिलिंग्स और ऐलेक्स हेल्स आईपीएल 2023 के लिए उपलब्ध नहीं होंगे, तो उन्होंने इन तीनों गैप को भरा है। ये तीनों ही खिलाड़ी कोलकाता की अंतिम 11 का हिस्सा होते। फ़र्ग्युसन सभी फे़ज़ में गेंदबाज़ी कर सकते हैं और वह उनके साथ पहले भी रहे हैं। गुरबाज़ के आने से उनकी टीम में शीर्ष क्रम पर फ़ायर पावर आएगा, कुछ ऐसा जो वे पिछले सीज़न में मिस कर रहे थे। पिछली बड़ी नीलामी में ठाकुर पर बहुत सी फ़्रैंचाइज़ी ने बोली लगाई थी, तो ऐसे में कोई गारंटी नहीं थी कि केकेआर आने वाली नीलामी में उन्हें हासिल कर पाती।
हालांकि यह नीलामी केकेआर के लिए थोड़ा मुश्किल होने वाली है। उनकी मौज़ूदा टीम में 14 खिलाड़ी हैं, तो वे अपनी बेंच को भरना चाहेंगे। लेकिन उनके पास इसके लिए केवल 7.05 करोड़ ही हैं। उनके पास बोली में चुनौती देने के लिए ज़्यादा रकम नहीं है, तो ऐसे में उन्हें रणनीति बनानी होगी कि वे किन्हें चाहते हैं और कैसे वे उन्हें ख़रीदेंगे?
वेक-अप कॉल वेस्टइंडीज़ के लिए?
बहुत से खिलाड़ियों को इनमें से काफ़ी रकम देकर ख़रीदा गया था। देखा जाए तो इनमें से कुछ को टीमें कम रकम देकर भी नीलामी में ख़रीद सकती हैं। हालांकि, क्या यह वेस्टइंडीज़ क्रिकेट के गिरते स्तर का नतीज़ा है? क्या यह उनके खिलाड़ियों के लिए वेक अप कॉल है कि टीमें अब केवल पावरफुल बल्लेबाज़ी को नहीं बल्कि अन्य कौशल और सटीक फ़िटनेस को भी देख रही हैं?
मयंक अग्रवाल के लिए अब क्या?
शिखर धवन को नया कप्तान बनाने से पहले पंजाब किंग्स तय कर चुकी थी कि वे
मयंक अग्रवाल को रिलीज़ करने जा रहे हैं। अग्रवाल को पिछले सीज़न 12 करोड़ देकर रिटेन किया गया था, लेकिन वह केवल 122.5 के स्ट्राइक रेट से 196 रन ही बना पाए। उनकी कप्तानी में पावरफुल बल्लेबाज़ी क्रम होने के बावजूद टीम छठे स्थान पर रही। ऐसे में साफ़ था कि किंग्स अगले साल किसी अन्य कप्तान को तलाशेंगे। हो सकता है कि नीलामी में टीम उन्हें कम रकम में ख़रीद भी सकती है।
हालांकि भारतीय बल्लेबाज़ों की डिमांड बहुत होती है और अब तो उन्होंने टी20 सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में भी 154.2 के स्ट्राइक रेट से 165 रन बना लिए हैं। वह पिछले कुछ सीज़न में भी बहुत प्रभावी बल्लेबाज़ रहे हैं और क्षेत्ररक्षण में भी कमाल के हैं। कई टीमों को अपने शीर्ष क्रम पर भारतीय बल्लेबाज़ की ज़रूरत भी है।
सनराइज़र्स हैदराबाद, चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस क्रमशः आठवें, नौवें और दसवें स्थान पर पिछले साल रही थी और हर टीम ने अलग तरह की रिटेंशन रणनीति अपनाई है।
सनराइज़र्स ने 2022 की अपनी लगभग पूरी टीम को हटाया है। उन्होंने कप्तान
केन विलियमसन और स्टार बल्लेबाज़ पूरन को हटाया, जिनमें भविष्य में कप्तानी की क़ाबिलियत है। विलियमसन का 2021 और 2022 में शानदार प्रदर्शन नहीं रहा था और पूरन ने पिछले सीज़न 144.34 के स्ट्राइक रेट से 306 रन बनाए थे। हालांकि यह उनको दिए गए 10.75 करोड़ की भरपाई नहीं थी क्योंकि वह इस नीलामी में सबसे महंगे वेस्टइंडीज़ के खिलाड़ी थे।
ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को पता चला है कि सनराइज़र्स के नए कोच
ब्रायन लारा नई शुरुआत चाहते हैं और वे बड़े खिलाड़ियों को हटाने से घबरा नहीं रहे हैं। वह ऐसे युवा खिलाड़ी चाहते हैं जो तेज़ी से सुधार का वादा करें। यह कुछ अलग रणनीति है लेकिन इससे उनके पास नीलामी में बड़े खिलाड़ियों को ख़रीदने के लिए बड़ा पर्स हो गया है।
सनराइज़र्स की ही तरह मुंबई भी पिछले दो सीज़न में कुछ ख़ास नहीं कर पाई है। पिछली नीलामी में उनकी रणनीति सवालों के घेरे में थी। उन्होंने कुछ ही खिलाड़ियों पर काफ़ी मोटे रकम ख़र्च कर दिए थे, जबकि उन्हें ध्यान टीम को भरने पर देना चाहिए था। अब मुंबई ने 13 खिलाड़ियों को निकाला है, जो सनराइज़र्स से एक ज़्यादा है।
उन्होंने अधिकतर गेंदबाज़ों को निकाला है, जो प्रभाव नहीं छोड़ सके या जिन्हें अधिक मौक़े नहीं मिल पाए। उन्हें उम्मीद है कि
जोफ़्रा आर्चर फ़िट होकर
जसप्रीत बुमराह और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से ख़रीदे गए
जेसन बेहरनडॉर्फ़ के साथ गेंदबाज़ी की कमान संभालेंगे। हालांकि मुंबई के पास अभी एक अच्छे ऑलराउंडर और एक प्रमुख स्पिनर की कमी है।
सीएसके ने आठ खिलाड़ियों को रिलीज़ किया है, जिसमें रॉबिन उथप्पा और चोट के ख़तरे में रहने वाले ऐडम मिल्न हैं, जो पिछले साल बस एक ही मैच खेले थे। क्रिस जॉर्डन जो 2022 में चार ही मैच खेले थे, उन्हें भी रिलीज़ किया गया है। ब्रावो उनकी टीम में एकमात्र रिलीज़ होने वाले पहली एकादश के सदस्य हैं और अब देखना होगा कि इस 39 वर्षीय ऑलराउंडर को कौन ख़रीदता है।
ब्रावो कम दाम में वापसी कर सकते हैं। सीएसके के नेतृत्व को अपने नए गेंदबाज़ी कोर मुकेश चौधरी, मथीशा पथिराना, सिमरजीत सिंह, ड्वेन और साथ ही
दीपक चाहर से उम्मीदें हैं, जो चोट की वजह से पिछला सीज़न नहीं खेल पाए थे। साथ ही उनके पास रवींद्र जाडेजा होंगे जो सीएसके के लिए नई शुरुआत करने के लिए तैयार हैं। एमएस धोनी की टीम के पास श्रीलंका के महीश थीक्षना के नेतृत्व में कमाल की गेंदबाज़ी है, जो चेपॉक में कमाल कर सकती है।
सनराइज़र्स, मुंबई और सीएसके अपनी टीम की रीढ़ की हड्डी को रिटेन करने की सोचेंगी। वैसे 23 दिसंबर को होने वाली नीलामी में इन टीमों को बहुत काम करना होगा।