लखनऊ सुपर जायंट्स और सनराइज़र्स हैदराबाद के बीच हुए
मैच में लखनऊ ने हैदराबाद को आसानी से छह विकेट से हरा दिया। इस मैच में हैदराबाद की टीम लखनऊ से बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों मामलों में फिसड्डी साबित हुई। आइए डालते हैं मैच के अहम पहलुओं पर एक नज़र-
लखनऊ (A) : निश्चित रूप से लखनऊ के बल्लेबाज़ों ने धीमी और नीची रहती पिच पर हैदराबाद के बल्लेबाज़ों से बेहतर खेल दिखाया। लखनऊ के बल्लेबाज़ों ख़ासकर कप्तान केएल राहुल और ऑलराउंडर
क्रुणाल पंड्या ने दिखाया कि इस पिच पर कैसे बल्लेबाज़ी करनी थी। दोनों बल्लेबाज़ों ने स्पिन की मददगार इस पिच पर संयम का परिचय दिया और ख़राब गेंदों पर ही हाथ खोले।
हैदराबाद (B-) : हैदराबाद के लिए महंगा ही पड़ा। विकेटकीपर बल्लेबाज़ अनमोलप्रीत सिंह और राहुल त्रिपाठी के अलावा कोई भी बल्लेबाज़ 20 के स्कोर तक नहीं पहुंच पाया। 10 में से छह बल्लेबाज़ तो दहाई के अंक तक नहीं पहुंच पाए। कुछ बल्लेबाज़ तो लखनऊ के स्पिनरों को समझने में नाक़ामयाब रहें तो कुछ ने ग़लत शॉट खेल अपना विकेट गंवाया। हैदराबाद के कप्तान मारक्रम तो इस मैच को भूलाना ही चाहेंगे जो गोल्डन डक पर आउट हुए।
लखनऊ (A+) : यहां तो मैं पिघल जाऊंगा और लखनऊ के गेंदबाज़ों को पूरे अंक दूंगा यानी ए+। आवेश ख़ान और मार्क वुड के बिना उतरी लखनऊ की टीम के सभी गेंदबाज़ों ने प्रभावित किया और क़िफ़ायती गेंदबाज़ी करने के साथ-साथ नियमित अंतराल पर विकेट भी लिए। उनके तीनों स्पिनर क्रुणाल पंड्या, अमित मिश्रा और रवि बिश्नोई तो कमाल के ही थे, जिन्होंने हैदराबाद के बल्लेबाज़ों को मददगार पिच पर नचाए रखा।
हैदराबाद (B) : हैदराबाद के गेंदबाज़ों को लखनऊ से सबक लेना था। हालांकि उनके पास प्रभावी स्पिनर्स भी नहीं थे, जो इस पिच पर लखनऊ के बल्लेबाज़ों को रोकते। वॉशिंगटन सुंदर ने सिर्फ़ एक ही ओवर किया और आदिल रशीद जब तक आए, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। हैदराबाद की टीम अपनी तेज़ गेंदबाज़ी के लिए जानी जाती है, लेकिन इस पिच पर उन्हें चार तेज़ गेंदबाज़ों की बजाय एक अतिरिक्त स्पिनर खिलाना चाहिए था। हालांकि उनके पास ड्रेसिंग रूम भी उतने विकल्प नहीं थे।
लखनऊ (A) : लखनऊ के फ़ील्डरों ने अपने गेंदबाज़ों का बख़ूबी साथ दिया और जल्दी से ग़लती करते हुए नहीं दिखे। दूसरी तरफ़ उनकी रणनीति भी साफ़ थी। पहले की मैचों की तरह एक बार फिर पारी के अंत में आयुष बदोनी इंपैक्ट प्लेयर के रूप में आए, ज़रूरत पड़ने पर टीम के लिए बल्लेबाज़ी करते।
हैदराबाद (B) : हैदराबाद की टीम ने भी फ़ील्ड में उतनी ग़लतियां नहीं की, ऊपर से भुवनेश्वर कुमार ने अपनी ही गेंदबाज़ी पर फ़ॉलो थ्रू में एक बेहतरीन कैच लपका। हालांकि उन्हें अनमोलप्रीत सिंह को अगले मैच में एक विकेटकीपर के तौर पर खिलाने के बारे में फिर से सोचना होगा क्योंकि वह नियमित कीपर नहीं हैं और उन्होंने कई फ़ंबल किए, जिससे बाय के कुछ अतिरिक्त रन भी बने। दूसरी ओर रणनीति की बात करें तो वे रशीद को जल्दी ला सकते थे, जिन्होंने अंत में दो विकेट झटके।