मुशीर ख़ान : मैंने तय कर लिया था कि मैं सूझबूझ के साथ बल्लेबाज़ी करूंगा
मुशीर ने कहा कि पंत और सरफ़राज़ ने उन्हें बताया था कि कुलदीप को कैसे खेलना है
हिमांशु अग्रवाल
05-Sep-2024
मुशीर ने कहा कि उन्हें भरोसा था कि इस बार उन्हें दलीप ट्रॉफ़ी खेलने का मौक़ा मिलेगा • PTI
बेंगलुरु में दलीप ट्रॉफ़ी के मुक़ाबले में इंडिया ए के ख़िलाफ़ 105 रनों की नाबाद पारी खेलते हुए अपनी टीम को संकट से उबारने के बाद मुशीर ख़ान ने मीडिया से बात की। एक समय इंडिया बी 94 के स्कोर अपने सात विकेट गंवा चुकी थी लेकिन मुशीर के शतक की बदौलत इंडिया बी दिन के खेल के अंत तक सात विकेट के ही नुक़सान पर 202 के स्कोर तक पहुंच गई। इस मैच से पहले 19 वर्षीय मुशीर ने सिर्फ़ छह प्रथम श्रेणी मैच खेले थे।
मुशीर ने कहा, "जब मैं बल्लेबाज़ी करने गया गेंद स्विंग हो रही थी। मैं जितना संभव हो सके शरीर के पास ही गेंद खेलने का प्रयास कर रहा था। मैंने जोखिम भरे शॉट खेलने से परहेज़ किया। मेरे पिता लाल गेंद क्रिकेट के लिए मेहनत करने में मेरी मदद करते हैं। उन्होंने मुझे यह सीख दी थी कि लाल गेंद क्रिकेट में हर गेंद को मारने का प्रयास करने के बजाय जितना अधिक हो सके क्रीज़ में डटे रहने का प्रयास करना चाहिए।"
मुशीर जब 13वें ओवर में बल्लेबाज़ी के लिए तब गेंद नई ही थी। वह शुरुआत में स्विंग को काटने के इरादे से तेज़ गेंदबाज़ों को काउंटर करने का प्रयास कर रहे थे। जब नौवें नंबर के बल्लेबाज़ नवदीप सैनी बल्लेबाज़ी के लिए आए तब मुशीर ने ख़ुद ज़्यादा गेंदें खेलने का फ़ैसला किया।
उन्होंने कहा, "जब विकेट गिर रहे थे तब मैं यही सोच रहा था कि मुझे सूझबूझ के साथ खेलना होगा। मैंने सोचा अगर मैं कुछ नया करने का प्रयास करता हूं तो मैं आउट भी हो सकता हूं। लेकिन मैं नवदीप भैया के साथ साझेदारी बढ़ाने के बारे में भी सोच रहा था। उन्होंने मुझे आकर कहा, तू टेंशन मत ले, मैं साथ में खेलता हूं।' इससे मुझे काफ़ी आत्मविश्वास मिला और मैंने उन्हें स्ट्राइक देना भी चालू कर दिया।"
एक समय मुशीर ने पहली 52 गेंदों पर सिर्फ़ छह रन बनाए थे और यहां से उन्होंने 227 गेंदें खेलकर 105 रनों तक का सफ़र तय किया। इस बीच में उन्होंने स्पिनर्स के ख़िलाफ़ आक्रामक शॉट खेले जिसमें भारतीय टीम के नियमित गेंदबाज़ कुलदीप यादव भी शामिल थे। मुशीर ने 10 में से पांच चौके कुलदीप के ख़िलाफ़ ही लगाए।
मुशीर ने एक ही ओवर में अपने द्वारा लगाए गए दो छक्कों पर कहा, "मैं सिर्फ़ गेंद की तरफ़ सामान्य रूप से कूदा भर ही था।" हालांकि उन्होंने अपनी पारी को अलग रूप में अलग तरह से परिभाषित किया।
"मैं विकेट और परिस्थिति के हिसाब से खेल रहा था। मेरे बड़े भाई (सरफ़राज़ ख़ान) और ऋषभ (पंत) भैया ने मुझे बताया था कि कुलदीप की कौन सी गेंद प्रभावी होती है या नहीं होती है। तो जो उन्होंने मुझे बताया था मैं उसी के बारे में सोच रहा था। एक बार सेट होने के बाद मैंने सामान्य रूप से खेलना शुरू कर दिया। मुझे टीम के सीनियर खिलाड़ियों से काफ़ी कुछ सीखने को मिला है। जब बारिश का मौसम था तब मैंने अपने पिता के साथ काफ़ी यात्रा की थी। मुंबई में मैं दो अलग अलग अभ्यास शिविरों का हिस्सा भी बना था। मुझे वहां पर अच्छा अभ्यास करने को मिला था। मुझे उम्मीद थी कि मुझे मौक़ा मिलेगा और मैं इसके लिए तैयारी भी कर रहा था।"
हिमांशु अग्रवाल ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर नवनीत झा ने किया है।