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रोहित शर्मा : हम केवल उन खिलाड़ियों को मौक़ा देंगे जिनके भीतर सफलता की भूख है

रोहित ने बताया कि ड्रेसिंग रूम में उन्होंने और कोच राहुल द्रविड़ ने कैसा माहौल तैयार किया है

Yashasvi Jaiswal, Rohit Sharma and Shubman Gill get their game faces on, Ranchi, February 21, 2024

अभ्यास के दौरान रोहित, जायसवाल और गिल  •  Getty Images

इंग्लैंड के ख़िलाफ़ भारत की यह सीरीज़ जीत उस टीम ने हासिल की है जिसके पास इंग्लैंड की तुलना में काफ़ी कम अनुभव था। टीम के कप्तान रोहित शर्मा ख़ुद युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन से ना सिर्फ़ संतुष्ट हैं बल्कि ख़ुश भी हैं।
रोहित ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा, "यह (टेस्ट क्रिकेट) सबसे कठिन प्रारूप है। और अगर आप इसमें सफलता चाहते हैं और बेहतर करना चाहते हैं तो आपके भीतर उसकी भूख होनी चाहिए। हम सिर्फ़ उन्हीं खिलाड़ियों को मौक़ा देंगे, जिनके भीतर वो भूख है। हम बहुत जल्दी यह समझ जाते हैं कि किन खिलाड़ियों के भीतर वो भूख नहीं और यह भी कि कौन टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना चाहता। इसलिए हम प्राथमिकता सिर्फ़ उन्हीं को देंगे जो कठिन परिस्थितियों में खेलना चाहते हैं और अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं। जिनके भीतर अच्छा करने की भूख नहीं है उन्हें खिलाने का कोई मतलब नहीं है।"
पोस्ट मैच प्रेज़ेंटेशन में रोहित ने कहा, "बिना किसी संदेह के इस सीरीज़ को जीतने के लिए हमें काफ़ी कठिन परिस्थितियों से गुज़रना पड़ा। चार मैच बाद सीरीज़ जीतना बेहद सुखद अनुभव है। हर टेस्ट में हमें अलग तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा और हमने उन सभी चुनौतियों से पार पाया। ड्रेसिंग रूम में मौजूद हर व्यक्ति पर मुझे गर्व है।"
भारत ने रांची में पांच विकेट के नुकसान पर 192 का लक्ष्य हासिल कर लिया। हालांकि एक ऐसा मौक़ा भी आया था जब भारत के लिए जीत आसान नहीं नज़र आ रही थी। शुभमन गिल और ध्रुव जुरेल संयम का परिचय देते हुए क्रीज़ पर डटे रहे और 31 ओवर तक भारतीय पारी में एक भी चौका नहीं आया।
रोहित ने युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अतीत में घरेलू क्रिकेट और क्लब क्रिकेट में खेलकर उन्होंने जो प्रदर्शन किया है, उसी मेहनत के चलते वे सभी यहां हैं। टेस्ट क्रिकेट खेलना आसान नहीं होता, लेकिन जब मैं उनसे बात करता हूं और जिस तरह से वे रिस्पॉन्स देते हैं वह काफ़ी प्रेरित करने योग्य है।"
"मेरा और राहुल (द्रविड़) भाई का काम है कि हम उन लोगों को ऐसा माहौल दें जहां उन्हें प्रदर्शन करने और अन्य किसी भी तरह का दबाव ना झेलना पड़े। वे ख़ुद अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं लेकिन उन्हें लगातार इन बातों को याद दिलाने का कोई तुक नहीं है। जैसे ध्रुव की ही बात करें तो वो काफ़ी शांत स्वभाव के हैं। अपने दूसरे मैच में उन्होंने जिस तरह का प्रदर्शन किया है वो काफ़ी प्रशंसनीय है। उनके पास शॉट्स हैं, वो विकेट के सभी ओर शॉट खेल सकते हैं। पहली पारी में उनके 90 रन हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण थे। फिर दूसरी पारी में भी उन्होंने गिल के साथ मिलकर परिपक्वता का परिचय दिया।"