मैच (15)
आईपीएल (3)
BAN v IND (W) (1)
PAK v WI [W] (1)
SL vs AFG [A-Team] (1)
NEP vs WI [A-Team] (1)
County DIV1 (4)
County DIV2 (3)
Pakistan vs New Zealand (1)
फ़ीचर्स

पानी पूरी, डांस, एक कोहली फ़ैन का अथक परिश्रम : उभरती सितारा श्रेयांका पाटिल की कहानी

WPL में RCB के लिए खेलने वाली ऑलराउंडर हरमनप्रीत कौर और नेथन लायन के खेल की बड़ी प्रशंसक रहीं हैं

रविवार रात, 2 जुलाई को, जब बांग्लादेश दौरे के लिए भारतीय महिला टीम घोषित हुई, तो कर्नाटका की प्रतिभाशाली ऑलराउंडर श्रेयांका पाटिल के शामिल ना होने से काफ़ी आश्चर्य हुआ। आख़िर इससे ठीक दो दिन पहले कैरिबियन प्रीमियर लीग 2023 के ड्राफ़्ट में गयाना ऐमज़ॉन वॉरियर्स ने अपने दल में उन्हें शामिल किया। वह सीपीएल में शामिल होने वालीं पहली भारतीय महिला क्रिकेटर हैं। उनके हालिया फ़ॉर्म को ध्यान में रखते हुए भारतीय टीम तक का रास्ता श्रेयांका के लिए दूर नहीं दिखता। यह साल उनके वाक़ई यादगार रहा है।

पानी पूरी पसंद करने वाली श्रेयांका ने विमेंस प्रीमियर लीग (WPL) के ऑक्शन के दिन भी कुछ ऐसे ही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) में अपने चयन का जश्न मनाया था, हालांकि आप ऐसा भी कह सकते हैं कि पानी पूरी खाते हुए 20-वर्षीय श्रेयांका को अंदाज़ा नहीं था कि उनकी ज़िंदगी किस तरह बदलने वाली है।

एक बड़ा टर्निंग प्वाइंट



13 फ़रवरी के दिन श्रेयांका के परिवार के सदस्य चाहते थे कि वह उनके साथ WPL ऑक्शन देखें, लेकिन उन्हें ख़ुद अपने दिनचर्या को स्वाभाविक रखने का मन था। श्रेयांका कहती हैं, "जब ऑक्शन शुरू हुआ और कई बड़े खिलाड़ियों का चयन नहीं हुआ तो मुझे लगा कि मेरा भी कोई चांस नहीं है। मैंने सुबह जिम किया और फिर प्रैक्टिस के लिए गई।" इसके बाद उन्होंने लंच करके अपने कोच अर्जुन देव के साथ ऑक्शन देखना शुरू किया। वह याद करती हैं, "कुछ देर बाद जब 45 मिनट से एक घंटे के लिए ब्रेक था तब मैंने अर्जुन सर से कहा कि चलो बाहर जा कर पानी पूरी खाते है। जब हम वापस आ गए और ऑक्शन देखना शुरू कर दिया, तो मेरा नाम पुकारा गया और मुझे चुना गया।"

श्रेयांका को RCB में स्मृति मांधना और एलिस पेरी, सोफ़ी डिवाइन, हेदर नाइट जैसे दिग्गजों के साथ खेलने का मौक़ा मिला। वह कहती हैं, "मैं बस प्रार्थना कर रही थी और फिर जब RCB ने मुझमें दिलचस्पी दिखाई, तो मुझे बहुत ख़ुशी हुई। मैं ख़ुद को व्यक्त नहीं कर पा रही थी। मेरे हाथ में पसीना आ रहा था। मैं कांप रही थी। और मुझे नहीं पता था कि इसका आनंद कैसे लें या इसे कैसे मनाएं। मुझे इससे बाहर आने में कुछ मिनट लगे और आखिरकार मैंने अपनी सफलता का जश्न मनाया।"
लोग चिल्ला रहे थे, 'श्रेयांका, श्रेयांका, पाटिल, पाटिल।' मुझे नहीं पता था कि उन्हें कैसे जवाब देना है। मैंने पेरी को देखा, उन्होंने मुझे बदले में ताली बजाने या हाथ दिखाने के लिए कहा। अंत में, बहुत शरमा के मैंने भीड़ को हाथ दिखाया।
श्रेयांका पाटिल

RCB का अनुभव



श्रेयांका ने RCB के लिए एक भुलाने लायक सीज़न में सात मैच खेले। बल्ले से उनका सर्वाधिक योगदान 23 का रहा और उन्होंने अपनी स्पिन गेंदबाज़ी से छह विकेट लिए। हालांकि मैदान पर खेल से कहीं ज़्यादा उन्होंने अपने सीनियर खिलाड़ियों से मैदान के बाहर सीखा। स्मृति की कप्तानी पर उनका कहना है, "एक कप्तान के रूप में, वह मेरे खेल को समझने में सक्षम थी। वह जानती थी कि मैं मैदान पर क्या चाहती हूं। विदेशी खिलाड़ी भी बहुत अच्छे थे। यदि आपको किसी भी समय कुछ भी चाहिए था तो वे वहां थे। विशेष रूप से पेरी से, मुझे बहुत सारे फ़िटनेस टिप्स मिले, वह सीज़न और प्री-सीज़न के दौरान कैसे प्रशिक्षण लेती है। सोफ़ी डिवाइन से मैंने सीखा कि खेल का आनंद कैसे लिया जाता है।"


RCB से मिला एक और बड़ा फ़ायदा



अगर आप श्रेयांका को खेलते हुए देखेंगे तो विकेट लेने के बाद उनका उस्ताह और जश्न मनाने के तरीक़े काफ़ी उत्साहित होते हैं। वह कहती हैं, "बचपन से मैं विराट कोहली को देखते आई हूं। मुझे उनकी आक्रमकता पसंद है। इसलिए मैं अपने खेल में वही लाने की कोशिश करती हूं। T20 में, किसी भी गेंदबाज के लिए विकेट लेना मुश्किल होता है। जब आप विकेट लेते हैं तो यह एक इनाम की तरह होता है, इसलिए आपको वो मनाना चाहिए।

"2013 में पहली बार जब मैं विराट कोहली से मिली, तो यह एक फ़ैनगर्ल की तरह था। मेरे लिए वह भगवान की तरह हैं। तब मुझे बस एक तस्वीर लेने का मौक़ा मिला। 2023 में जब मैं RCB टीम का हिस्सा थी, तो उनसे फिर से मिलना एक विशेष क्षण था। वह हमारी टीम से बात करने आए थे। हमने लगातार पांच मैच गंवाए थे। हम बहुत निराश थे। उनके शब्दों ने हम में विश्वास जगाया। उन्होंने RCB टीम के साथ अपनी यात्रा के बारे में बात की। उन्होंने हमें एक वक़्त में एक मैच के बारे में सोचने के लिए कहा। उन्होंने यह भी कहा कि RCB के लिए खेलना आसान नहीं है, बस अपना सर्वश्रेष्ठ खेलें और जब आप मैदान पर कदम रखें तो अपना 120% दें; यदि आप अपना 120% दे रहे हैं तब आपको कोई नहीं रोक सकता। वह सलाह का पालन करके मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करती हूं।"

असली हरफ़नमौला



श्रेयांका का क्रिकेट प्रेम स्वाभाविक था, क्योंकि उनके पिता बेंगलुरु में एक क्रिकेट अकादमी चलाते थे। आठ या नौ साल की उम्र में वह भी सप्ताहांत को अकादमी जाया करती थीं। वह कहती हैं, "तब मुझे नहीं पता था कि लड़कियां भी क्रिकेट खेलती हैं। उस समय मैंने क्रिकेट को ज़्यादा गंभीरता से नहीं लिया। शुरू में मेरे पिता ने मुझे कभी बल्लेबाज़ी या गेंदबाज़ी करने के लिए नेट्स में नहीं जाने दिया। वह मुझे कुछ कैच लेने या हैंगिंग बॉल के साथ खेलने के लिए कहते थे। धीरे-धीरे मुझे फ़ील्डिंग से प्यार होने लगा। जब मैं लगभग 11 साल कि थी, तो मेरे एक दोस्त के पिता ने मुझे बताया कि मुझे क्रिकेट को गंभीरता से लेना चाहिए। उनको लगा कि मेरे पास बहुत प्रतिभा है। खेलने के साथ-साथ, मैं बहुत सारा क्रिकेट देख भी रही थी। जब मैं 12 साल कि थी तब मुझे कर्नाटक अंडर-16 के लिए चुना गया। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि यही मेरा जीवन है और मुझे क्रिकेट में कुछ बड़ा करना है।"

वह आगे कहती हैं, "मैंने तेज़ गेंदबाज़ के रूप में शुरुआत की, फिर विकेट-कीपिंग करने की कोशिश की, फिर लेग स्पिन, और आख़िरकार जब कुछ भी काम नहीं किया, तो मैंने ऑफ़ स्पिन चुना। स्पिन गेंदबाज़ी एक कला है। धीरे-धीरे मुझे ऑफ़ स्पिन से प्यार होने लगा। मैंने अपने रन अप और ऐक्शन पर काम किया। हालांकि मेरी कलाई की स्थिति और पकड़ समान रही। मुझे प्राकृतिक टर्न और उछाल मिल रहा था।"


नैचुरल लीडर



श्रेयांका को कर्नाटका की अंडर-16 टीम की कप्तानी करने का मौक़ा भी मिला है। अपने स्टेट के लिए क्रिकेट खेलना उन्हें बहुत पसंद है और शायद इसी बात ने उनके लिए RCB के साथ बिताया सीज़न और भी यादगार बनाया। अपने कप्तानी के दिनों को याद करते हुए श्रेयांका कहती हैं, "जब मैं 15 साल कि थी तब मुझे कर्नाटका U-16 का नेतृत्व करने का अवसर मिला। हमारी टीम मिटींग्स काफ़ी मज़ेदार हुआ करती थीं। मीटिंग के बाद हम डांस करते थे। यह उन चीज़ों में से एक था जो सभी खिलाड़ी मेरे बारे में पसंद करते थे। हम सब बहुत छोटे थे। हमारे लिए खेल का आनंद लेना ही ज़रूरी था। मौज मस्ती के अलावा मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला।"

शायद श्रेयांका के इसी चुलबुले स्वभाव और ज़बरदस्त फ़ील्डिंग ने मुंबई में खेले गए WPL सीज़न के दौरान उन्हें क्राउड फ़ेवरिट बनाया था। वह कहती हैं, "लोग चिल्ला रहे थे, 'श्रेयांका, श्रेयांका, पाटिल, पाटिल।' मुझे नहीं पता था कि उन्हें कैसे जवाब देना है। मैंने पेरी को देखा, उन्होंने मुझे बदले में ताली बजाने या हाथ दिखाने के लिए कहा। अंत में, बहुत शरमा के मैंने भीड़ को हाथ दिखाया।"

चयन से पहले एक बड़ा प्रदर्शन



हाल ही में हॉन्ग कॉन्ग में खेले गए एमर्जिंग टीम्स टी20 एशिया कप में इंडिया ए के ख़िताबी जीत में श्रेयांका ने बड़ा योगदान दिया और प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ विजेता भी रहीं। उन्होंने बताया, "यह बहुत अच्छा लगता है। भारत ए के लिए पहले मैच में, मैंने पांच विकेट लिए। यह एक सपने के सच होने जैसा था। किसी भी खिलाड़ी के लिए डेब्यू गेम में पांच विकेट लेना बहुत कम होता है।" अपने ऑफ़ स्पिन को ज़्यादा असरदार बनाने के पीछे वह एक रणनीति बतातीं हैं, "मैं राउंड द विकेट गेंदबाज़ी करना पसंद करती हूं क्योंकि मुझे बहुत टर्न और उछाल मिलता है। मैं एक अच्छा कोण भी बना सकती हूं। ओवर द विकेट से मुझे ज़्यादा विकेट नहीं मिलते हैं क्योंकि इम्पैक्ट ज़्यादातर स्टंप के बाहर होता है।"

भारतीय टीम के लिए सफल होने के इरादे से एक समय पर अपने स्टेट टीम के लिए 10 या 11 पर बल्लेबाज़ी करने वाली श्रेयांका इस पहलू पर भी ज़बरदस्त मेहनत कर रही है। इनोवेटिव शॉट्स मारने के लिए उन्होंने अच्छे प्रेरणास्रोतों को चुना भी है। वह कहती हैं, "मैंने दिनेश कार्तिक और सूर्यकुमार यादव को देखकर कुछ अभिनव शॉट्स सीखे हैं। मैंने बहुत सुधार किया है और अब मैं अपनी राज्य टीम के लिए नंबर पांच या छह पर और RCB के लिए छह या सात पर बल्लेबाजी करती हूं।"

हरमनप्रीत कौर और नेथन लायन को अपने रोल मॉडल मानने वाली श्रेयांका भारत को सीनियर लेवल पर आईसीसी ट्रॉफ़ी दिलाने के सपने को साकार करने में एक मज़बूत कड़ी बन सकतीं हैं। अगर ऐसा नहीं भी हुआ तो भी वह अपनी स्पिन गेंदबाज़ी, साहसी बल्लेबाज़ी और बेहतरीन फ़ील्डिंग से दर्शकों का मनोरंजन करती रहेंगी।

जुईली बल्लाल मुंबई की पूर्व क्रिकेटर हैं