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कैसे सहारन की निरंतरता ने भारत को अंडर-19 विश्व कप के फ़ाइनल तक पहुंचाया

टी20 क्रिकेट के ज़माने में भी भारत के अंडर-19 कप्‍तान को स्‍ट्राइक रेट की चिंता किए ब‍िना आराम से और मैच को गहराई तक ले जाना है पसंद

Uday Saharan paced his innings very well, South Africa vs India, 1st semi-final, Under-19 World Cup, Benoni, February 6, 2024

उदय ने इस टूर्नामेंट में अब तक एक छोर संभाले रखा है  •  ICC/Getty Images

श्री गंगानगर राजस्‍थान का सबसे उत्‍तरी क्षेत्र में बसा एक शहर है जो 225 स्‍क्‍वायर किमी तक बसा है और आबादी भी क़रीब 200,000 है और इस शहर को दिग्‍गज भारतीय ग़ज़ल सिंगर जगजीत सिंह के जन्‍मस्‍थान के तौर पर जाना जाता है।
रविवार की शाम यह शहर भारत को छठा अंडर-19 विश्‍व कप जीतने वाला कप्‍तान दे सकती है।
उदय सहारन ने पिता संजीव के साथ आयु वर्ग क्रिकेट खेलने के लिए श्री गंगानगर से पंंजाब का रूख किया, जो उनके कोच भी हैं।
सिंह का म्‍यूजिक और सहारन की बल्‍लेबाज़ी दोनों में ही निरंतरता का गुण है।
ऑस्‍ट्रेलिया के ख़‍िलाफ़ फ़ाइनल खेलने से पहले सहारन ने अब तक इस टूर्नामेंट में 644 मिनट तक बल्‍लेबाज़ी की है, 493 गेंद खेली हैं और 389 रन बनाए हैं, जो इस टूर्नामेंट के एक संस्‍करण में किसी भारतीय बल्‍लेबाज़ का तीसरा सर्वश्रेष्‍ठ है। शिखर धवन का 2004 में 505 रन अभी भी रिकॉर्ड है। यशस्‍वी जायसवाल ने 2020 में फ़ाइनल में 88 रन बनाए और उन्‍होंने टूर्नामेंट में कुल 400 रन बनाए। सहारन अगर शतक लगाते हैं तो हो सकता है वह शीर्ष पर पहुंच जाएं।
लेकिन यह उनके खुद के रनों के बारे में उतना नहीं है जितना कि सहारन के क्रीज़ पर रहने के दौरान भारत के लिए बने रनों के बारे में है। भारत के लगभग 53% रन सहारन के क्रीज़ पर रहने के साथ आए हैं।
उन्‍होंने हर मैच में 50 से अधिक की साझेदारी की है, जिसमें चार 100 रन से अधिक की और तीन 150 से अधिक रन की हुई। उन्‍होंने नेपाल के ख़‍िलाफ़ सचिन धस के साथ 215 रन की साझेदारी की जो भारत का अंडर-19 विश्‍व कप में एक रिकॉर्ड है।
टूर्नामेंट में भारत के दो सबसे अहम मैच बांग्‍लादेश के ख़‍िलाफ़ और सेमीफ़ाइनल में साउथ अफ़्रीका के ख़‍िलाफ़ जब सहारन आए तो स्‍कोर 31 पर 2 और 8 पर 2 था। जबकि बांग्‍लादेश के ख़‍िलाफ़ आदर्श सिंह और धस ने साउथ अफ़्रीका के ख़‍िलाफ़ मैच जिताने वाले पारी खेली। सहारन उनमें से थे जिन्‍होंने टीम को ढहने नहीं दिया।
भारतीय कप्‍तान को कोई भी टीम 37वें ओवर से पहले आउट करने में असफल रही हैं।
सहारन की बल्‍लेबाज़ी ओल्‍ड स्‍कूल की याद दिलाती है। अपना समय लो और संतुलित रिस्‍क लो, स्‍ट्राइक रेट के बारे में मत सोचो। कुछ ऐसा जो उन्‍होंने अपने पिता से सीखा है।
सहारन ने फ़ाइनल से पहले स्‍टार स्‍पोर्ट्स से कहा, "मेरे पिता ने शुरुआत से ही मुझे समझाया है कि जितना हो सके मैच को गहराई तक ले जाओ। इन दिनों बल्‍लेबाज़ शॉट खेलना और ज़ल्‍दी मैच ख़त्‍म करने को देखते हैं, लेकिन मेरे पिता का तरीक़ा ओल्‍ड स्‍कूल वाला है, जहां वह हमेशा विकेट हाथ में रखने को कहते हैं और मैच को गहराई तक ले जाने को कहते हैं क्‍योंकि अगर आप ऐसी स्थिति में आए तो आप कुछ भी चेज़ कर सकते हैं।"
सहारन के बल्‍लेबाज़ी स्‍टाइल पर सीनियर स्‍तर पर बहस हो सकती है, ख़ासतौर से सफ़ेद गेंद क्रिकेट में। लेकिन विश्‍व कप में जहां पिच बल्‍लेबाज़ी के लिए मुश्किल हैं, जहां 40 मैच में 300 के पार केवल तीन स्‍कोर बने हैं, उनमें से भी दो भारत ने बनाए है, ऐसी पिचों पर यही तरीक़ा टीम के लिए बेहतर है।
उन्‍होंने कहा, "अगर मैं पूरी तरह से ईमानदार हूं तो बेशक मैं वहां जाकर बड़े शॉट खेलना चाहता हूं। हवा में शॉट खेलना, बड़े छक्‍के लगाना क्‍योंकि आजकल लोगों को यही देखना पसंद है। लेकिन हक़ीकत में, मैं अपनी टीम को जीताना चाहता हूं, मैं चाहता हूं कि मेरा देश जीते इससे ही मुझे गर्व होगा। तो अगर मेरे खेल को कुछ अलग की ज़रूरत है जहां मुझे साइड रोल निभाना है जिससे मेरी टीम मैच में बनी रहे तो मैं इसमें अधिक खुश रहूंगा।"
सहारन के योगदान की अहम‍ियत उनकी टीम जानती है। सेमीफ़ाइनल में धस की 95 गेंद में 96 रन की पारी के बजाए सहारन को 124 गेंद में 81 रन की पारी में उन्‍हें प्‍लेयर ऑफ़ द मैच मिलना बहस का विषय हो सकता है लेकिन जैसे ही कप्‍तान को प्‍लेयर ऑफ़ द मैच मिलने की घोषणा हुई तो पूरी टीम के जोश और शोर मचाने से पता चलता है कि वे उनके बिना फ़ाइनल में नहीं पहुंच सकते थे।
पिछले मैचों में प्‍लेयर ऑफ़ द मैच रहे आदर्श, मुशीर ख़ान और धस ने साझेदारी के दौरान सहारन की समझ, बातचीत और मैच की परख को श्रेय दिया। यह 19 साल की उम्र में भी उनके पास प्राकृतिक तौर पर मौजूद है।
सहारन ने कहा, "मैंने पहले ही कई दबाव भरे मैच खेले हैं। मैं 19 साल का हूं लेकिन अपने क्रिकेट क्‍लब, जिले और राज्‍य स्‍तर पर मैं पहले ही इस तरह के मैच खेल चुका हूं। इन मैचों ने मुझे सिखाया है कि कैसे अलग-अलग परिस्‍थति में खेलना है। कैसे विरोधी टीम जवाब देने का प्रयास करेगी, कैसे गेंदबाज़ गेंदबाज़ी करने को देखेंगे। मुझे महसूस होता है कि जो मैच मैंने खेले हैं उससे मुझे बहुत सीख मिली है। तो मैं अपनी टीम के साथ यही साझा करता हूं। अगर मेरी दी हुई जानकारी मेरे साथी के काम आती है और वह मैच की परिस्थिति को अच्‍छे से समझता है तो यह मेरी टीम को मदद करेगा।"
फ़ाइनल से पहले सहारन टूर्नामेंट में सबसे ज्‍़यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। सेमीफ़ाइनल से पहले वह किसी भी समय शीर्ष पर नहीं थे। वह अपने 389 रनों में केवल 29 बाउंड्री (27 चौकों और 2 छक्कों) के साथ मुख्य रूप से शीर्ष पर पहुंचे हैं, जो शीर्ष छह में सबसे कम है। यह उनकी फ़‍िटनेस का भी प्रमाण है, जो उनके आदर्श विराट कोहली से प्रेरित है। .
सहारन ने कहा, "विराट कोहली ने फ़‍िटनेस में टीम के लिए एक बेंचमार्क स्‍थापित किया है। यह ऐसी चीज़ है जिसकी मैंने हमेशा प्रशंसा की है। आपके खेल पर फ़‍िटनेस का लाभ बहुत बड़ा है और इससे मुझे प्रेरणा मिली। इसके अलावा, जिस तरह से वह पारी को आगे बढ़ाते हुए लक्ष्य का पीछा करते हैं और उनका जुनून कुछ ऐसा है जिसका मैं अनुसरण करने की कोशिश करता हूं।"
सहारन ने पहले ही अपने रोल मॉडल और भारत के किसी भी अन्य अंडर-19 विश्व कप कप्तान को पछाड़ दिया है। लेकिन 2008 में कोहली के 235 रन 94.75 के स्ट्राइक रेट से बने, जिसने शुरुआती आईपीएल सीज़न से पहले रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का ध्यान आकर्षित किया।
आधुनिक सफे़द गेंद खेल की मांगों के बावजूद सहारन अलग हो सकते हैं। इसकी संभावना नहीं है कि 78.90 की स्ट्राइक रेट से उनके रन ने आईपीएल स्काउट्स को प्रभावित किया होगा जो पूरे विश्व कप में उपस्थित रहे थे।
सहारन केवल 19 वर्ष के हैं और समय के साथ अभी भी अपने खेल में सुधार कर सकते हैं। लेकिन उस टूर्नामेंट में दबाव झेलने और संयम बरतने की उनकी क्षमता ने भारत को उनके छठे खिताब से एक क़दम दूर ला खड़ा किया है।
ऐसे समय में जब वनडे प्रारूप के भविष्य के बारे में बातचीत चल रही है, भारत का 50 ओवर का विश्व कप, चाहे सीनियर हो या जूनियर, जीतना ही इसकी लोकप्रियता को पुनर्जीवित करने में मदद कर सकता है।
जगजीत सिंह को भारत में ग़ज़ल के पुनरुद्धार और लोकप्रियता के लिए व्यापक रूप से श्रेय दिया गया, उन्होंने ऐसी कविता का चयन किया जो जनता के लिए प्रासंगिक थी। उनके काम को शैली-परिभाषित करने वाला माना जाता था। उदय सहारन 50 ओवरों की अपनी शैली में आईसीसी फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराने से एक पारी दूर हैं और भारत की जनता के लिए विश्व कप जीत से अधिक प्रासंगिक कुछ भी नहीं है।

रौनक कपूर ESPNcricinfo डिप्‍टी एडिटर (वीडियो) हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।