युज़वेंद्र चहल की शानदार गेंदबाज़ी ने विज़य हज़ारे ट्राफ़ी में हरियाणा की टीम को सेमीफ़ाइनल में पहुंचा दिया है, जहां उनकी भिड़ंत पांच बार की चैंपियन तमिलनाडु की टीम से होगी। चहल ने बंगाल के ख़िलाफ़ अपने 10 ओवर के स्पेल में 37 रन देकर चार विकेट लिए।
वहीं दूसरी तरफ़ तमिलनाडु की टीम ने अजिंक्य रहाणे सहित कई मंझे हुए खिलाड़ियों से भरपूर मज़बूत मुंबई की टीम को हरा कर सेमीफ़ाइनल का टिकट हासिल किया है। अन्य दो क्वार्टर फ़ाइनल मैचों में राजस्थान और कर्नाटका की टीम ने जीत हासिल की है।
बंगाल की टीम इस मैच से पहले काफ़ी संतुलित नज़र आ रही थी लेकिन क्वार्टरफ़ाइनल में चहल के चार विकेटों ने उन्हें सिर्फ़ 225 के स्कोर पर ही रोक दिया। बंगाल के स्टार ऑलराउंडर शहबाज़ अहमद ने भले ही टीम को एक मुश्किल स्थिति से बाहर निकालने के लिए बढ़िया शतकीय पारी खेली लेकिन वह काफ़ी नहीं था।
शहबाज़ जब बल्लेबाज़ी करने आए तो बंगाल की टीम 18वें ओवर में 70 रन पर तीन विकेट गंवा कर संघर्ष कर रही थी। हालांकि इसके बाद शाहबाज़ ने 118 गेंदों में अपना दूसरा लिस्ट ए शतक लगाते हुए टीम को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने का प्रयास किया लेकिन उन्हें अन्य बल्लेबाज़ों का साथ नहीं मिला।
हरियाणा की तरफ़ से चहल के अलावा राहुल तेवतिया ने भी गेंद के साथ अच्छा प्रदर्शन करते हुए दो विकेट चटकाए, जिसमें शाहबाज़ का विकेट भी शामिल था। कुल मिलाकर आज के मैच में हरियाणा के स्पिनरों ने 89 रन देकर कुल सात विकेट लिए, जो इस मैच में काफ़ी महत्वपूर्ण साबित हुआ।
बंगाल के 225 रनों के जवाब में अनिकेत कुमार ने अपना पहला लिस्ट ए शतक लगाया और टीम को सेमीफ़ाइनल में पहुंचने में मदद की। उन्होंने अशोक मनेरिया के साथ 126 रनों की अहम साझेदारी भी निभाई।
पांच बार की चैंपियन तमिलनाडु की टीम ने मुंबई की टीम को काफ़ी आसानी से हराते हुए सेमीफ़ाइनल में जगह बना ली है। इस जीत में मिस्ट्री स्पिनर वरूण चक्रवर्ती और आर साईं किशोर ने अहम भूमिका निभाई। दोनों गेंदबाज़ों ने तीन-तीन विकेट हासिल किए। इन दोनों गेंदबाज़ों के बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर तमिलनाडु की टीम मुंबई की टीम को सिर्फ़ 227 के स्कोर पर आउट करने में सफल रही।
मुंबई के विकेटकीपर प्रसाद पवार ने सबसे अधिक 59 रन बनाए, जबकि शिवम दुबे, जो हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ घरेलू टी20आई सीरीज़ का हिस्सा थे, उन्होंने 45 रन बनाए। वहीं कप्तान रहाणे केवल 1 रन बनाकर ही पवेलियन लौट गए। उनके लिए यह टूर्नामेंट कुछ ख़ास नहीं रहा है।
मुंबई के इस स्कोर के जवाब में तमिलनाडु की तरफ़ से बाबा इंद्रीजीत ने नाबाद 103 रनों की पारी खेली और विजय शंकर के साथ एक शतकीय साझेदारी भी निभाई। विजय ने भी नाबाद 51 रनों की पारी खेली और टीम को 40 गेंद शेष रहते ही लक्ष्य तक पहुंचा दिया।
कर्नाटका के मुख्य तेज़ गेंदबाज़ विदवथ कवरेप्पा फ़िलहाल इंडिया ए के साउथ अफ़्रीका दौरे पर हैं। उनकी अनुपस्थिति में विजयकुमार वयस्क ने धाकड़ गेंदबाज़ी करते हुए चार विकेट लिए, जिसके कारण विदर्भ की टीम सिर्फ़ 173 के स्कोर पर ऑलआउट हो गई। विजयकुमार के इन चार विकेटों में करूण नायर का भी विकेट शामिल था, जो पहले कर्नाटका की टीम से ही खेलते थे।
विदर्भ को किसी भी तरह का पलटवार करने का मौक़ा नहीं देते हुए, मयंक अग्रवाल और आर समर्थ ने ठोस जवाब देते हुए 82 रन जोड़े। मयंक ने 51 और समर्थ ने 72 रनों की नाबाद पारी खेली। दोनों बल्लेबाज़ों की इस बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर कर्नाटका की टीम सात विकेट से जीत हासिल करने में सफल रही।
राजस्थान ने 2006-07 के बाद से कभी भी विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी के सेमीफ़ाइनल में जगह नहीं बनाई थी। तब इस टूर्नामेंट को रणजी वनडे ट्रॉफ़ी के नाम से जाना जाता था। हालांकि इस बार केरला के ख़िलाफ़ एक बड़ी जीत दर्ज कर के राजस्थान की टीम अब सेमीफ़ाइनल में हरियाणा के ख़िलाफ़ खेलेगी।
टॉस जीत कर पहले गेंदबाज़ी करने का फ़ैसला करने के बाद, केरला के गेंदबाज़ों ने सुबह की परिस्थितियों का अच्छा उपयोग करते हुए, राजस्थान की टीम के तीन विकेट सिर्फ़ 73 के स्कोर पर गिरा दिए थे। हालांकि इसके बाद महिपाल लोमरोर और कुणाल सिंह राठौर के बीच 116 रनों की साझेदारी हुई। लोमरोर ने 114 गेंदों में नाबाद 122 रनों की पारी खेली और कुणाल ने 66 रन बनाए। इन पारियों की वजह से राजस्थान की टीम 267 के स्कोर तक पहुंचने में क़ामयाब रही ।
केरला की टीम में आज संजू सैमसन उपलब्ध नहीं थे और उनकी कमी साफ़ झलक रही थी। इसके अलावा अनिकेत चौधरी की धारदार गेंदबाज़ी का केरला के बल्लेबाज़ों के पास कोई जवाब नहीं था। अनिकेत ने सिर्फ़ 26 रन देकर चार विकेट हासिल किए। अंत में केरला की टीम सिर्फ़ 67 के स्कोर पर ऑलआउट हो गई।
शशांक किशोर ESPNcricinfo के सीनियर सब एडिटर हैं