एक क़रीबी मुक़ाबले में तीन रनों से जीत दर्ज करते हुए भारत ने वेस्टइंडीज़ दौरे की शुरुआत की।
1-0 से बढ़त लेने के बाद आइए हम करते हैं भारतीय एकादश में हर एक खिलाड़ी के प्रदर्शन का आकलन।
क्या सही और क्या ग़लत?
शिखर धवन की कप्तानी बढ़िया रही। जब अक्षर पटेल महंगे साबित हुए, उन्होंने दीपक हुड्डा की पार्ट-टाइम ऑफ़ स्पिन को काम पर लगाया और किफ़ायती ओवर निकाल लिए। इसके अलावा शीर्ष क्रम में तीनों बल्लेबाज़ों ने अर्धशतक जड़ा। हालिया समय में फ़ॉर्म से जूझने वाले मोहम्मद सिराज का किफ़ायती गेंदबाज़ी करते हुए विकेट निकालना सबसे अच्छी बात रही।
जहां शीर्ष क्रम चमका वहीं मध्य क्रम ने निराश किया। बल्लेबाज़ी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और एक समय 330 के स्कोर की तरफ़ अग्रसर टीम को 300 तक पहुंचने में संघर्ष करना पड़ा। फ़ील्डिंग के दौरान अक्षर पटेल चोटिल नज़र आए और उनकी फ़िटनेस टीम के लिए चिंता का कारण बन सकती है।
प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वश्रेष्ठ रेटिंग)
शुभमन गिल, 8 : केवल अपने चौथे वनडे मैच में गिल ने दूसरी बार पारी की शुरुआत करते हुए आक्रामक बल्लेबाज़ी की। गेंदबाज़ों पर हावी होते हुए गिल ने मात्र 36 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया। वह बढ़िया लय में बल्लेबाज़ी कर रहे थे और पहली विकेट के लिए शतकीय साझेदारी भी निभाई। हालांकि धीमी गति से रन पूरा करने के चक्कर में डायरेक्ट हिट उनका शिकार कर गई।
शिखर धवन, 10 : इस साल टीम की कप्तानी करने वाले सातवें खिलाड़ी बने शिखर ने केवल टॉस पर ग़लती की जब सिक्का उनके पक्ष में नहीं गिरा। इसके अलावा बल्ले के साथ उन्होंने पहले अपना समय लिया, पिच को पढ़ा और फिर अपने हाथ खोले। एक छोर को संभालते हुए उन्होंने सिंगल-डबल के साथ स्कोर को आगे बढ़ाया। शतक से तीन रन पहले उनके आउट होने के बाद विकेटों का सिलसिला शुरू हो गया।
श्रेयस अय्यर, 8 : यह एक ख़ुला रहस्य है कि श्रेयस को छोटी गेंदों पर परेशानी होती है। वेस्टइंडीज़ के तेज़ गेंदबाज़ों ने भी पटकी हुई गेंदों के साथ उनका स्वागत किया। पहले ऐसी ही गेंदों पर श्रेयस अतिआक्रामक होने के प्रयास में अपनी विकेट फेंक देते थे लेकिन आज उन्होंने संयम दिखाया। अपने मज़बूत पक्ष स्पिन के विरुद्ध उन्होंने तेज़ गति से रन बटोरे और मध्य ओवरों में रन रेट को गिरने नहीं दिया। एक्स्ट्रा कवर पर एक अद्भुत ने उनकी पारी का अंत किया।
सूर्यकुमार यादव, 5 : इंग्लैंड में टी20 अंतर्राष्ट्रीय शतक बनाकर शानदार फ़ॉर्म में चल रहे सूर्यकुमार से टीम को काफ़ी उम्मीदें थी। हालांकि वह लड़खड़ा रही पारी को नहीं संभाल पाए और शरीर से दूर जाती गेंद को खेलने के प्रयास में आउट हुए।
संजू सैमसन, 5 : पहली पसंद के खिलाड़ियों को आराम दिए जाने के कारण सैमसन को एकादश में खेलने का अवसर मिला। हालांकि वह इस मौक़े को भुना नहीं पाए और केवल 12 रन बना पाए। एक शानदार छक्के के अलावा उनकी पारी में कुछ विशेष नहीं था। वह इस बात ने नाराज़ होंगे कि अंपायर्स कॉल के कारण उन्हें पवेलियन लौटना पड़ा। विकेटों के पीछे कैच लपकने के बावजूद कई मौक़ों पर गेंद उनके हाथों से छिटक गई।
दीपक हुड्डा, 6 : सूर्यकुमार की तरह दीपक भी इस साल बढ़िया लय में नज़र आए हैं। जब लगातार अंतराल पर विकेट गिरे तब दारोमदार उन पर था कि वह बढ़िया शुरुआत को अच्छे अंत तक लेकर जाए। हालांकि उन्होंने अपनी पारी की शुरुआत में संघर्ष किया और डॉट गेंदों के कारण दबाव में नज़र आए। अंतिम ओवरों में एक छक्का और एक चौका लगाकर उन्होंने अपने स्ट्राइक रेट को सुधारा ज़रूर लेकिन उनके धीमे होने से टीम को 15-20 रनों का घाटा हुआ। गेंद के साथ दीपक ने कप्तान को महत्वपूर्ण ओवर डालकर दिए जब अक्षर महंगे साबित हुए तब उन्होंने ज़िम्मेदारी उठाई और बल्लेबाज़ों को बांधे रखा।
अक्षर पटेल, 6 : चोटिल रवींद्र जाडेजा की जगह खेलने का अवसर पाने वाले अक्षर ने भारत को वह तेज़ रन दिए जिसकी टीम को आवश्यकता था। जहां दूसरे छोर पर दीपक बल्ले और गेंद का मिलन करावने में संघर्ष कर रहे थे वहीं अक्षर ने आक्रामक रुख़ अपनाया और अपनी छोटी पारी से स्कोर को 300 की दहलीज़ पर पहुंचाया। गेंद के साथ पहले ओवर में महंगे साबित होने के बाद वापसी करते हुए किफ़ायती गेंदबाज़ी की और आवश्यक रन रेट को बढ़ाया।
शार्दुल ठाकुर, 7.5 : बल्ले के साथ शार्दुल की बारी केवल 49वें ओवर में आई। पहले स्पेल में महंगे साबित हुए लेकिन दूसरे स्पेल के पहले ही ओवर में शतकीय साझेदारी को तोड़ा और भारत को मैच में वापसी करवाई। दो ओवरों के भीतर दोनों सेट बल्लेबाज़ को चलता किया।
मोहम्मद सिराज, 8 : इंग्लैंड के विरुद्ध अंतिम वनडे की तरह सिराज ने यहां पर भी नई गेंद के साथ बढ़िया गेंदबाज़ी की। स्विंग का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने शे होप को आउट किया। इसके बाद अपने दूसरे स्पेल में उन्होंने ख़तरनाक लग रहे विपक्षी कप्तान को आउट किया। अंतिम ओवर में 15 रनों का बचाव करते हुए उन्होंने भारत को जीत दिलाई।
युज़वेंद्र चहल, 7 : छठे गेंदबाज़ के रूप में गेंदबाज़ी पर लाए जाने के बाद चहल ने गति में बदलाव करते हुए सेट बल्लेबाज़ों को अपनी स्पिन से तंग किया। अर्धशतक बनाकर खेल रहे मेयर्स उनके सामने बिल्कुल भी सहज नहीं नज़र आए और यही कारण था कि छठे गियर में चल रही वेस्टइंडीज़ की पारी तीसरे गियर में लौट आई।
प्रसिद्ध कृष्णा, 4 : पहले स्पेल में एक मेडन डालकर अच्छी शुरुआत करने वाले प्रसिद्ध ने दूसरे स्पेल में निराश किया। जब भारत मैच में आगे था तब उन्होंने ख़राब गेंदें डालकर निकोलस पूरन को सेट होने का मौक़ा दिया। इस मैच में प्रसिद्ध बिल्कुल भी रंग में नहीं नज़र आए और ऐसा लगा कि ट्रिनिडैड की गर्मी ने उन्हें परेशान किया।
अफ़्ज़ल जिवानी(@ jiwani_afzal) ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं | @jiwani_afzal