रायपुर में आज भारतीय टीम पहली बार कोई मैच खेल रहा था। ऐसे में इस माहौल में भारतीय प्रशंसकों अपना 100 प्रतिशत दिया तो भारतीय टीम कैसे पीछे रह सकती थी।
रिंकू सिंह और
जितेश शर्मा इस चैलेंज़ के लिए तैयार थे तो बाद में
दीपक चाहर और
अक्षर पटेल ने अपना पूरा रोल निभाकर भारत को पांच मैचों की टी20 सीरीज़ में 3-1 से अजेय बढ़त दिला दी।
क्या सही क्या ग़लत?
सबसे पहले ग़लत की बात करते हैं। तीन गेंद पर तीन डबल आ चुके थे। यह ऐसा समय था जब श्रेयस अय्यर को संभालकर खेलना था, क्योंकि यशस्वी जायसवाल पवेलियन पहुंच चुके थे लेकिन लांग ऑन पर एक ग़लत शॉट खेलने के प्रयास में वह आउट हुए और वहां से भारतीय पारी बिखरती चली गई।
अच्छा यह रहा कि आज इतने सालों बाद में दो नए खिलाड़ी एक साझेदारी को बनाते दिखे। रिंकू सिंह और जितेश शर्मा ने हल्की सी भी आत्मविश्वास की कमी नहीं दिखाई और भारतीय टीम ऐसे स्कोर तक पहुंच गई जिसकी उनको बहुत ज़रूरत थी।
रेटिंग्स ( 1 से 10, 10 सर्वाधिक)
यशस्वी जायसवाल, 6 : शुरुआती तीन ओवरों में तो ऐसा लगा, जैसे यह मैच यशस्वी बनाम ऑस्ट्रेलिया है, लेकिन उन्होंने इसका सामना अच्छे से किया। जब पाले में गेंद आई तो उस पर आक्रमण किया गया लेकिन ऐसा लगता है कि यशस्वी की शॉर्ट गेंद की दिक्कत अब सभी के सामने आने लगी है।
ऋतुराज गायकवाड़, 6 : ऋतुराज को पहले तीन ओवर तो बल्लेबाज़ी ही नहीं करने को मिली। इसके बाद जब उन्हें गेंदों का सामना करने मौक़ा मिला तो उन पर दबाव और जिम्मेदारी दोनों थी। यह दबाव और तब बढ़ गया जब श्रेयस अय्यर भी आउट हो गए। हालांकि अपनी पारी को उन्होंने अच्छी तरह से आगे बढ़ाया लेकिन तेज़ी से रन बटोरने के प्रयास में वह आउट हो गए।
सूर्यकुमार यादव, 6 : ग़ैर ज़िम्मेदाराना तरीक़े से अपना विकेट कैसे खोया जाता है उसका उदाहरण आज सूर्यकुमार में देखने को मिला। एक लेंथ गेंद पर चलते हुए ड्राइव करना हमेशा अपने विकेट की बलि के तौर पर देखा जाता है। बिना बैलेंस के ड्राइव लगाना उनको भारी पड़ गया और गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेकर कीपर के हाथों में पहुंची। चलिए आपको बताते हैं कि उनको यह छह अंक क्यों मिले, ओस का डर था इसी वजह से सूर्यकुमार ने अपने स्पिनरों के ओवर जल्दी ही ख़त्म करा दिए जिसमें उनको कुछ अतिरिक्त मिलने ही चाहिए। इसके बाद भी उन्होंने अपनी कप्तानी के दौरान कई बेहतरीन फ़ैसले लिए।
रिंकू सिंह, 9 : रिंकू ऐसे बल्लेबाज़ हैं जिनका बल्ला शांत नहीं रखा जा सकता है। आज के मैच में भारत जब लगातार अपने विकेट गंवाए जा रहा था तो रिंकू न सिर्फ़ एक तरफ़ से विकेट बचा रहे थे, बल्कि तेज़ी से रन भी बटोर रहे थे। जितेश के साथ उनकी साझेदारी, इस मैच के लिए काफ़ी अहम थी।
जितेश शर्मा, 8 : नाम जरूर पुराने ज़माने का है लेकिन उनका वह स्लॉग स्वीप नए ज़माने के क्रिकेटरों की याद दिलाता है। वह क्या कर सकते हैं यह तो उन्होंने पंजाब किंग्स के लिए करके दिखा ही दिया है। आज पहला मौक़ा था जब उनको कुछ ख़ास करना था। साथ ही अपनी टीम को मुश्किल से बाहर निकालना था और इस काम में आज वह लगभग सफल हो गए थे। उनका आक्रामक अंदाज़ आज भारतीय टीम के काफ़ी काम आया।
अक्षर पटेल, 9 : चाहे ट्रेविस हेड का विकेट हो या फिर ऐरन हार्डी का विकेट या बेन मैक्डरमॉट। उन्होंने दिखाया कि रवींद्र जाडेजा की अनुपस्थिति में वह कैसे उनका रोल अदा कर सकते हैं। एक समय जब ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया इस मैच में बढ़त ले रहा है तो उन्होंने पहले हेड का विकेट निकाला और फिर दो विकेट और लिए।
रवि बिश्नोई, 7 : यह कहा जा सकता है कि आज शायद मैक्डरमॉट क़सम खाकर आए थे कि रवि की गुगली पर विकेट नहीं देंगे। वह दो बार अंपायर्स कॉल में बचे लेकिन तीसरी बार जब अंपायर ने आउट दिया तो गेंद विकेट को मिस कर रही थी। हालांकि उन्होंने अपनी सधी गेंदबाज़ी से स्वीप करने वाले ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों को बांधे रखा।
दीपक चाहर, 7 : दीपक लंबे समय बाद वापसी कर रहे थे। ऐसे में उनको लय में आने में समय लगा। पहले ओवर में उनकी लेंथ बॉल ने हेड को हाथ खोलने का मौक़ा दे दिया लेकिन वह अपने दूसरे ओवर में भी नहीं संभल सके। अगले दो ओवरों में उनको दो महत्वपूर्ण विकेट मिले जिसने मैच को भारतीय टीम की झोली में डाल दिया।
आवेश ख़ान, 7 : आवेश ख़ान अपनी हार्ड लेंथ गेंदबाज़ी के लिए जाने जाते हैं जिसमें उनको यहां भी मदद मिली। लेकिन वह अब चतुर भी हो गए हैं। वह जानते हैं कि कैसे उलझाकर फुलर गेंद डालकर विकेट निकाले जाते हैं। बेन ड्वारश्विस का विकेट उसी का उदाहरण है।
मुकेश कुमार, 5 : मुकेश कुमार की सटीक गेंदबाज़ी आज उनके काम नहीं आई क्योंकि पहले हेड उन पर प्रहार करते दिखे और बाद में मैथ्यू वेड उन पर हावी हो गए। ऐसे में कहा जा सकता है कि यह उनका बुरा दिन था।
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26