राजस्थान रॉयल्स 178 पर 6 (जायसवाल 41, पड़िक्कल 39, बिश्नोई 2-31) ने लखनऊ सुपर जायंट्स (हुड्डा 59, बोल्ट 2-18, मकॉए 2-35, प्रसिद्ध 2-32) को 24 रन से हराया
राजस्थान रॉयल्स अपने एकादश में चार पुछल्ले बल्लेबाज़ों का समावेश करने से प्रसन्न है। इस भरोसे पर खरे उतरते हुए इन चारों खिलाड़ियों ने एक महत्वपूर्ण मैच में अपना योगदान दिया और आईपीएल प्लेऑफ़ की दौड़ में एक क़दम और आगे बढ़ाए। उन्होंने टॉप चार में जाती नज़र आ रही लखनऊ सुपर जायंट्स को धूल चटाई और इससे उन्हें काफ़ी आत्मविश्वास मिला होगा।
बड़े शॉट लगाने की क्षमता तो
यशस्वी जायसवाल में थी लेकिन उन्होंने 29 गेंदों पर 41 रन बनाकर इसका पूरा परिचय दिया। एक समय पर आवेश ख़ान की गेंद उनके बल्ले के बाहरी किनारे को बीट कर गई थी। इस पर ज़्यादा ध्यान न देते हुए उन्होंने दुश्मांता चमीरा के एक ओवर में संजू सैमसन के साथ मिलकर 21 रन बटोरे।
इस मैच में हर टीम पलटवार करने को देख रही थी। टी20 मैचों में बल्लेबाज़ी करने वाली टीम कभी पीछे नहीं हटती। ऐसे में गेंदबाज़ी कर रही टीम को या तो अधिक ज़ोर लगाना पड़ता है या विविधता पर निर्भर रहना पड़ता है।
लखनऊ के पास कुल मिलाकर आठ विकल्प थे। रवि बिश्नोई के ओवर में ख़ूब रन बटोरने के पांच गेंदों बाद सैमसन, जेसन होल्डर का शिकार बने। इसके बाद
देवदत्त पड़िक्कल क्रीज़ पर आए और उन्होंने अपनी पहली 10 गेंदों में पांच बाउंड्री लगाई। इस महंगे ओवर के बाद आयुष बदोनी ने जायसवाल को पवेलियन भेजा।
केएल राहुल ने सभी आठ गेंदबाज़ों का इस तरह इस्तेमाल किया कि 17वें ओवर की शुरुआत में विपक्षी टीम के फ़िनिशर जेम्स नीशम आर अश्विन के साथ बल्लेबाज़ी कर रहे थे और चार पुछल्ले बल्लेबाज़ों का आना बाक़ी था।
मदद कर रही पिच पर
ट्रेंट बोल्ट और घातक हो जाते हैं। अपने पहले ओवर में उन्होंने क्विंटन डिकॉक को कैच और फिर बदोनी को इन स्विंग पर पगबाधा किया। प्रसिद्ध कृष्णा ने दूसरे छोर पर राहुल को कैच करवाया और लखनऊ को बैकफ़ुट पर धकेला। लखनऊ इस सीज़न में अपने कप्तान पर अधिक निर्भर कर रही है। जीते गए मैचों में 30 प्रतिशत रन केवल राहुल के बल्ले से निकले है। हालांकि इस मैच में वह 14 ओवर शेष रहते ड्रेसिंग रूम लौट गए थे।
राजस्थान के गेंदबाज़ों ने लखनऊ की बल्लेबाज़ी को जकड़कर रखा था। पावरप्ले के बाद आठ ओवरों में केवल पांच बाउंड्री लगी और इसका श्रेय अश्विन और ओबेद मकॉए को जाता है।
दीपक हुड्डा ने बेड़ियों को तोड़ने का मन बनाया और उन्होंने इस सीज़न के सबसे सफल गेंदबाज़ को अपना शिकार बनाया। 11वें ओवर में
युज़वेंद्र चहल की गेंदबाज़ी पर एक चौका और एक छक्का लगाया गया। हालांकि यह उन गेंदबाज़ों में से नहीं है जो डर जाएगा।
चहल ने धीमी गति की गेंद पर हुड्डा को बड़ा शॉट लगाने का लालच दिया और वह इस जाल में फंस गए। 16वें ओवर में चहलकदमी करते हुए हुड्डा आगे तो निकल आए लेकिन चहल ने गेंद को उनके शरीर के अंदर रखा था और हाथ खोलने का मौक़ा नहीं दिया। परिणामस्वरूप हुड्डा बल्ले का अंदरूनी किनारा लगने के बाद स्टंप आउट हो गए और मैच राजस्थान की तरफ़ झुक गया।