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नॉनस्ट्राइक पर हुए रनआउट को 'मांकड़' नहीं कहना चाहिए : एसीए प्रमुख

'इस तरह के भाषाई पूर्वाग्रह को हटाने की मुख्य ज़िम्मेदारी खिलाड़ियों की है'

Adam Zampa and umpire Gerard Abood have a chat, Melbourne Stars vs Melbourne Renegades, Big Bash League 2022-23, Melbourne, January 03, 2023

बिग बैश लीग के एक मैच के दौरान नॉन स्ट्राइक पर किए गए रन आउट पर हुए विवाद के दौरान ऐडम ज़ैम्पा और अंपायर जेरार्ड अबूड  •  Getty Images

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स एसोसिएशन (एसीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टॉड ग्रीनबर्ग ने कहा है कि खेल की भाषा से 'मांकड़' शब्द हटना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि नॉनस्ट्राइक पर हुए रनआउट के प्रति जो पूर्वाग्रह है, उसे हटाने का काम खिलाड़ी ही कर सकते हैं।

ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो इस तरह के रन आउट को 'बैकिंग अप के दौरान रन आउट' कहता है। हाल ही में बीबीएल के एक मैच के दौरान ऐडम ज़ैम्पा ने ऐसा करने की नाकाम कोशिश की थी। इसके अलावा बॉक्सिंग-डे टेस्ट के दौरान मिचेल स्टार्क ने साउथ अफ़्रीकी बल्लेबाज़ थ्यूनिस डी ब्रएन को क्रीज़ से पहले ही बाहर निकलने के लिए चेतावनी दी थी।
ग्रीनबर्ग ने कहा, "मुझे नहीं लगता यह कोई बहस है या इस पर बहस होनी चाहिए। यह मामला पूरी तरह से ब्लैक एंड व्हाइट है। 'मांकड़' शब्द का प्रयोग नहीं होना चाहिए। खिलाड़ियों को इसे समाप्त करने में अहम भूमिका है। यह नॉन स्ट्राइक पर रनआउट है।"

उन्होंने आगे कहा, "इस खेल में मिलीमीटर का भी अंतर बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर गेंदबाज़ को गेंदबाज़ी, क्रीज़ के पीछे से करनी है, तो बल्लेबाज़ों की भी यह ज़िम्मेदारी है कि वे क्रीज़ के पीछे रहें। यह खिलाड़ियों की ज़िम्मेदारी है कि वे सर्वोच्च स्तर के क्रिकेट में इसे लागू करें और युवा खिलाड़ियों के लिए एक उदाहरण स्थापित करें।"

ग्रीनबर्ग ने कहा कि यह खिलाड़ियों की ज़िम्मेदारी है कि वह इस तरह की भाषाई पूर्वाग्रह को भी खेल से हटाए। उन्होंने कहा, "यह सिर्फ़ सर्वोच्च स्तर के क्रिकेट का मुद्दा नहीं है बल्कि अंडर-12 क्रिकेट का भी एक मुद्दा है। अगर हम इसे उच्च स्तर पर लागू नहीं करेंगे तो आगे आने वाली पीढ़ियां भी प्रभावित होंगी। वे सीनियर लेवल क्रिकेट के क्रियाकलापों को ही अपनी क्रिकेट में लागू करते हैं।"

बीबीएल में मेलबर्न स्टार्स के कप्तान ज़ैम्पा ने जब इस तरह के रनआउट की नाकाम कोशिश की थी तो उनके ही कोच डेविड हसी ने कहा था कि यह कोई आउट करने या क्रिकेट खेलने का तरीक़ा नहीं है। हालांकि मैच के बाद भी ज़ैम्पा अपने किए पर कायम थे। ग्रीनबर्ग ने भी माना कि इस तरह के रनआउट में सभी को एक ढर्रे पर लाना बहुत बड़ी चुनौती है।

उन्होंने कहा, "मैं सभी खिलाड़ियों, पूर्व खिलाड़ियों और कोचों से कहना चाहता हूं कि अगर आप क्रीज़ के अंदर बने रहेंगे तो यह कोई मुद्दा ही नहीं बनेगा।"

एमसीसी ने इस तरह के रनआउट के प्रति पूर्वाग्रह को हटाने के लिए इसे हाल ही में खेल के नियमों में शामिल किया है। पहले इसे 'रनआउट के अनुपयुक्त तरीक़े' के रूप में देखा जाता था। हालांकि अभी भी इसमें कई चीज़ें अस्पष्ट हैं, जैसा कि ज़ैम्पा के मामले में हुआ। उन्होंने नॉन स्ट्राइकर को रन आउट करने से पहले अपना बोलिंग ऐक्शन पूरा कर लिया था, बस सिर्फ़ गेंद नहीं फेंकी थी। इसलिए अंपायर ने इसे नॉट आउट दिया था।

ऐंड्रयू मक्ग्लैशन ESPNcricinfo में डिप्टी एडिटर हैं