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बढ़िया प्रदर्शन के बावज़ूद टीम को एक प्रमुख आलराउंडर की कमी खल सकती है

ऑस्ट्रेलिया को निर्णय लेना होगा कि वह चार या फिर पांच विशेषज्ञ गेंदबाज़ों के साथ मैदान पर उतरे

Ashton Agar celebrates a wicket with his team-mates, Australia vs India, T20 World Cup warm-ups, Dubai, October 20, 2021

देखना होगा कि ऐश्टन एगार को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ महत्वपूर्ण सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले में मौक़ा मिलता है या नहीं  •  Aamir Qureshi/AFP/Getty Images

विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ साउथ अफ़्रीका के पहले मैच में अफ़्रीकी टीम के चार विकेट, 10 ओवर के भीतर ही गिर गए थे। उस वक़्त क्रीज़ पर डेविड मिलर थे, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पांचवें गेंदबाज़ ग्लेन मैक्सवेल को निशाना बनाया और उन पर आगे बढ़कर मिडविकेट पर छक्का लगा दिया।
श्रीलंका के ख़िलाफ़ भी मैच में लंकाई बल्लेबाज़ों ख़ासकर चरिथ असलंका ने ऑस्ट्रेलिया के पांचवें गेंदबाज़ी विकल्प मैक्सवेल और स्टॉयनिस को निशाना बनाया और उनके चार ओवरों में 51 रन बटोरे।
कुल मिलाकर कहा जाए तो भले ही ऑस्ट्रेलिया ने इस टूर्नामेंट में अब तक बेहतरीन प्रदर्शन किया है लेकिन उनका टीम संतुलन अभी भी सवालों के दायरे में है। उन्हें पांचवें गेंदबाज़ की कमी महसूस हो रही है, जो कि नॉकआउट जैसे महत्वपूर्ण मुक़ाबले में उन पर भारी पड़ सकती है।
इस विश्व कप में कॉमेंट्री कर रहे पूर्व ऑस्ट्रेलियाई हरफ़नमौला शेन वॉटसन पांचवें गेंदबाज़ के साथ-साथ एक आतिशी बल्लेबाज़ की भूमिका निभाते थे, लेकिन 2016 में उनके संन्यास लेने के पांच सालों के बाद भी यह कमी नहीं पूरी की जा सकी है। जस्टिन लैंगर के कोचिंग कार्यकाल में ऑस्ट्रेलियाई टीम पांच विशेषज्ञ गेंदबाज़ों के साथ खेलने लगी। ऐश्टन एगार वह पांचवें गेंदबाज़ थे, जो सातवें नंबर पर आकर ठीक-ठाक बल्लेबाज़ी भी कर लेते थे।
लेकिन विश्व कप में इस संतुलन को ख़त्म कर ऑस्ट्रेलिया ने पांच में से चार मैचों में एगार को बाहर रखा और पांचवें गेंदबाज़ के कोटे को मैक्सवेल, स्टॉयनिस और मिचेल मार्श से पूरा करवाया। इन तीनों को वैसे हरफ़नमौला बोला जाता है, लेकिन किसी का भी सामर्थ्य वॉटसन की बराबरी पर नहीं है।
वॉटसन ने औसतन हर टी20 अंतर्राष्ट्रीय में कम से कम 17.3 गेंदें खेली हैं तो 16.0 गेंदें (लगभग तीन ओवर) फेंकी भी हैं। जबकि मैक्सवेल के लिए यह आंकड़ा (15.0/9.0), मार्श के लिए (18.7/6.7) और स्टॉयनिस के लिए (9.3/8.2) हो जाता है। मतलब इन तीनों में से किसी ने भी नहीं हर मैच में औसतन डेढ़ ओवर से अधिक गेंदबाज़ी की है।
पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले के पहले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ऐरन फ़िंच ने कहा, "यह एक कठिन टीम संतुलन है। मैक्सवेल, मार्श और स्टॉयनिस के रूप में हमारे पास तीन हरफ़नमौला हैं, जिनसे चार ओवर निकलवाना हमारे लिए लाभप्रद ही है। मैक्सवेल पावरप्ले में अच्छी गेंदबाज़ी करते हैं और बीच के ओवरों में भी मैच-अप आने पर उनसे गेंदबाज़ी करवाई जा सकती है। यह हमें चार प्रमुख गेंदबाज़ों और आलराउंडर्स के साथ खेलने का विकल्प देता है।"
फ़िंच ने आगे कहा कि निश्चित रूप से यह कठिन निर्णय था, लेकिन यह टीम चयन में लचीलापन देता है। हालांकि फ़िंच ने यह भी संकेत दिए कि पाकिस्तानी बल्लेबाज़ी क्रम में पांच दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों की मौजूदगी के कारण बाएं हाथ के स्पिनर एगार को टीम में फिर से मौक़ा दिया जा सकता है।
अगर टीम एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ को खिलाती है तो उनके पांचवें गेंदबाज़ पर आक्रमण हो सकता है, वहीं अगर टीम पांच गेंदबाज़ों के साथ जाती है तो जल्द विकेट गिरने पर उनके लिए बड़ा स्कोर खड़ा करना मुश्किल हो जाएगा, जैसा इंग्लैंड के ख़िलाफ़ हुआ था और टीम 125 रन ही निर्धारित 20 ओवरों में बना सकी थी। इस मैच का नतीजा कुछ भी हो, लेकिन इतना तो तय है कि ऑस्ट्रेलिया शेन वॉटसन जैसे विशेषज्ञ आलराउंडर को अब भी ढूंढ रही है।

मैट रोलर ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के दया सागर ने किया है