बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी : बॉल ट्रैकिंग और कंट्रोल डाटा हमें क्या बताता है
बुमराह अंतर पैदा कर सकते थे लेकिन वह अंत में नहीं थे। इसके बजाय, यह लेंथ और पुजारा मॉडल था जिसमें सीरीज़ जीती और हारी गई
सिद्धार्थ मोंगा
11-Jan-2025

सीम मूवमेंट सीरीज़ का अहम हिस्सा रहा • AFP/Getty Images
ऊंची सीम और नीचा बाउंस पर्थ में भारत के लिए आदर्श संयोजन साबित हुआ। वे अपनी 6 से 8 मीटर की गुड लेंथ पर बने रहकर गेंदबाज़ी कर सकते थे और स्टंप्स को हिट कर सकते थे। ऑस्ट्रेलिया अपनी ड्राइव वाली पारंपरिक 5 से 7 मीटर की गुड लेंथ के साथ गए और बदले में उन्होंने काफ़ी छोटी गेंद की। ऑस्ट्रेलिया के पहली सुबह भारत को 150 रनों पर ढेर करने के बाद भी उन्होंने 5 मीटर से आगे 35 गेंद फुलर की, जो कुछ गेंदबाज़ी का 20 प्रतिशत था।
या तो भारत ने जो देखा उससे सीख ली या फिर वे अपनी स्वाभाविक अच्छी लेंथ पर ही अड़े रहे, जो इन परिस्थितियों के लिए सबसे अच्छी साबित हुई। ऑस्ट्रेलिया दो ओवर में एक बार से भी कम बार स्टंप पर बना रहा। भारत ने हर ओवर में एक बार विकेट पर आक्रमण किया। भारत के तेज़ गेंदबाज़ों ने जो 18 विकेट लिए, उनमें से आठ या तो बोल्ड हुए या पगबाधा।