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ICC के इस फ़ैसले से पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड का ओलंपिक खेलने का सपना रह सकता है अधूरा

2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक में भाग लेने वाली छह टीमों के चयन करने के लिए महाद्वीपीय योग्यता प्रणाली को मंज़ूरी देना लगभग तय

Cricket has been included in the Los Angeles Olympics in 2028, Mumbai, October 16, 2023

क्रिकेट को 2028 के लॉस एंजिलिस ओलंपिक में शामिल किया गया है  •  AFP via Getty Images

ICC का 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक में भाग लेने वाली छह टीमों का चयन करने के लिए महाद्वीपीय योग्यता प्रणाली को मंज़ूरी देना लगभग तय है। इसका मतलब यह हो सकता है कि पाकिस्तान, न्यूज़ीलैंड और श्रीलंका जैसे पूर्ण सदस्य देश एक सदी से भी ज़्यादा समय बाद ओलंपिक में क्रिकेट की वापसी से चूक जाएंगे।
ESPNcricinfo को मिली जानकारी के मुताबिक़ हाल ही में हुई वार्षिक आम बैठक (AGM) में उस प्रस्ताव पर चर्चा की गई, जिसके तहत प्रत्येक महाद्वीप से एक टीम को ही ओलंपिक में शामिल करने की बात चल रही है। हालांकि कुछ विवरणों को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाक़ी है, लेकिन क्षेत्रीय योग्यता वाली इस प्रणाली के लिए बहुमत की स्वीकृति मिल चुकी है। हालांकि कुछ सदस्यों ने इस पर असहमति भी व्यक्त की है।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) द्वारा 1904 के बाद पहली बार क्रिकेट को ओलंपिक खेलों की सूची में शामिल करने की अनुमति मिलने के बाद, पुरुष और महिला वर्ग में छह-छह टीमें 2028 में 14 से 29 जुलाई के बीच ओलंपिक पदक के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी। हालांकि ICC की शुरुआती सोच यह थी कि वह एक पूर्व-निर्धारित कट-ऑफ़ तिथि पर शीर्ष छह रैंक वाली टीमों को शॉर्टलिस्ट करेगी, लेकिन कई पूर्ण सदस्य देशों का मानना था कि इस तरह के दृष्टिकोण से दुनिया भर के देशों का व्यापक प्रतिनिधित्व नहीं हो पाएगा।
जिसके बाद इसे बदलकर प्रति महाद्वीप एक देश की योग्यता प्रणाली कर दिया गया है, और इसे ही अब ओलंपिक में भाग लेने की नीति के अनुरूप माना जा सकता है। किन देशों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा, यह तय तारीख़ पर रैंकिंग के आधार पर तय होगा। लेकिन अगर ICC की योजना लागू हो जाती है, तो इसका मतलब होगा कि ओलंपिक में वैश्विक खेलों में सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले मुकाबलों में से एक, भारत बनाम पाकिस्तान, शायद नहीं होगा। मौजूदा ICC T20I रैंकिंग के अनुसार, भारत (नंबर 1) एशिया से, ऑस्ट्रेलिया (नंबर 2) ओशिनिया से, इंग्लैंड (नंबर 3) यूरोप से, अमेरिका या कैरिबियन के किसी एक द्वीप से, जबकि साउथ अफ़्रीका (5) अफ़्रीका से क्वालीफ़ाई करेगा। हालांकि, ESPNcricinfo को मिली जानकारी के मुताबिक़ ICC अभी भी अमेरिका की भागीदारी पर चर्चा कर रहा है, जिसे मेज़बान होने के नाते सीधे प्रवेश मिल सकता है।
लेकिन अमेरिकी पुरुष टीम के गठन को लेकर अभी भी सवाल बने हुए हैं, क्योंकि उनमें से ज़्यादातर खिलाड़ियों के पास अमेरिकी नागरिकता नहीं है। ICC इस बात को लेकर भी चिंतित है कि अमेरिकी महिला टीम इस समय शीर्ष 20 रैंकिंग वाली टीमों में भी नहीं है। अक्तूबर में होने वाली ICC की अगली तिमाही बैठक में इस पर अंतिम फ़ैसला लिए जाने की संभावना है।
ECB ने क्रिकेट स्कॉटलैंड और क्रिकेट आयरलैंड के साथ मिलकर ग्रेट ब्रिटेन क्रिकेट नामक एक संस्था का गठन किया है, जो इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड के खिलाड़ियों को खेलों में ग्रेट ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व करने में मदद करेगी।
वेस्टइंडीज़ के मामले में, मई में, CWI ने ICC को दो सुझाव दिए थे जिनसे क्षेत्रीय देशों में से एक को ओलंपिक में कैरेबियाई देश का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति मिल सकती थी। एक सुझाव यह था कि कैरेबियाई देशों के बीच एक आंतरिक क्वालीफ़ाइंग टूर्नामेंट आयोजित किया जाए, जिसके विजेता को ओलंपिक में भेजा जाए। दूसरे सुझाव में एक वैश्विक क्वालीफ़ाइंग मार्ग का आयोजन शामिल था जिसमें ICC के पांच विकास क्षेत्रों के देशों को वेस्टइंडीज़ के देशों के साथ प्रतिस्पर्धा में शामिल किया जाए।
छठी टीम के लिए ICC वैश्विक क्वालीफ़ायर के विकल्प पर विचार कर रहा है, जिसके ढांचे को अभी भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। गुरुवार को BBC के टेस्ट मैच स्पेशल से बात करते हुए ECB के अध्यक्ष रिचर्ड थॉम्पसन ने कहा कि IOC प्रत्येक महाद्वीप से एक ऐसी टीम चाहता है जो ओलंपिक चार्टर को पूरा करती हो।
थॉम्पसन ने कहा, "IOC की प्राथमिकता 'पांच रिंग' सिद्धांत पर काम करना है, जिसमें प्रत्येक महाद्वीप की टीमें अपने महाद्वीप का प्रतिनिधित्व करती हैं।"
ICC अगले दो ओलंपिक में भाग लेने वाली टीमों की संख्या बढ़ाने को लेकर भी आशावादी है - 2032 ओलंपिक ब्रिसबेन में होना है जबकि 2036 में ओलंपिक की मेज़बानी किसको मिलेगी, इसपर IOC द्वारा अंतिम फ़ैसला नहीं लिया गया है। थॉम्पसन ने कहा कि भारत द्वारा 2036 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेज़बानी के लिए कड़ी दावेदारी पेश किए जाने की उम्मीद है, जिससे क्रिकेट को भारी बढ़ावा मिल सकता है।
"उम्मीद है कि जब हम ब्रिसबेन पहुंचेंगे, तो शायद 8 या 10 टीमें होंगी, और 2036 में, कतर, सऊदी अरब और भारत के बीच त्रिकोणीय मुक़ाबला होगा, और ज़ाहिर है असली उम्मीद यही है कि भारत 2036 में इसमें शामिल हो, और उस स्थिति में, क्रिकेट सबसे आगे और केंद्र में होगा। कौन जाने? उस समय तक 10 या 12 टीमें हो सकती हैं।"

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं।