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बांग्लादेश को अलग स्तर का क्रिकेट खेलना होगा : एल्गर

मोमिनुल हक़ ने पहले टेस्ट में साउथ अफ़्रीकी टीम के व्यवहार की शिकायत की ख़बरों को ख़ारिज किया

Bangladesh team celebrates the dismissal of Dean Elgar, South Africa vs Bangladesh, 1st Test, Durban, 4th Day, April 3, 2022

पहले मैच में एल्गर के आउट होने के बाद जश्न मनाते बांग्लादेशी खिलाड़ी  •  AFP/Getty Images

साउथ अफ़्रीकी टेस्ट कप्तान डीन एल्गर ने बांग्लादेश टीम को "कमर कसने" और टेस्ट क्रिकेट के कड़े माहौल को स्वीकार करने को कहा है। वहीं मोमिनुल हक़ ने अपनी टीम द्वारा पहले टेस्ट मैच में अत्यधिक स्लेजिंग के विरुद्ध शिकायत दर्ज की जाने की ख़बरों को ख़ारिज किया है।
डरबन में पहले टेस्ट के बाद बांग्लादेश ने अंपायरिंग और विपक्षी टीम के व्यवहार पर औपचारिक शिकायत दर्ज करने की बात की थी लेकिन एल्गर के अनुसार बांग्लादेश की ओर से भी काफ़ी गहमा गहमी देखने को मिली थी और इसीलिए उनकी यह प्रतिक्रिया उचित नहीं थी।
एल्गर ने पोर्ट एलिज़ाबेथ में दूसरे टेस्ट से पहले कहा, "उनके इस प्रतिक्रिया का कोई कारण नहीं हो सकता। हम कठोर क्रिकेट खेलने में विश्वास करते हैं और इस मैच में तो हम सिर्फ़ उन बातों का जवाब दे रहे थे जो हमने बल्लेबाज़ी करते हुए सुना। यह टेस्ट क्रिकेट है और यहां सर्वोच्च स्तर पर कठोर क्रिकेट ही खेली जाती है। हम बांग्लादेशी खिलाड़ियों की इज़्ज़त करते हैं और हमने कोई गाली गलौज नहीं की। मुझे लगता है उन्हें कमर कस लेनी चाहिए और गेम को ऐसे लेवल पर खेलना है जिसके शायद वह आदी नहीं हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरे खिलाड़ियों के प्रति मेरा संदेश हमेशा रहा है कि हम जो भी करेंगे गरिमा के दायरे में करेंगे। मुझे कोई ख़राब स्लेजिंग नहीं दिखी और यह टेस्ट क्रिकेट है। आप हर बात को दिल पर नहीं ले सकते।"
कुछ देर बाद इस बारे में जब मोमिनुल से पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैंने कभी स्लेजिंग पर कुछ नहीं कहा था। क्रिकेट में स्लेजिंग तो आम बात है। मुझे लगता है आप लोगों ने कुछ ग़लत सुना है।"
बांग्लादेशी ख़ेमा का कहना था कि डरबन में मेज़बान ने 21 वर्षीय महमुदुल हसन जॉय को ख़ासा परेशान किया था। इसके बावजूद महमुदुल अपने देश के इतिहास में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पहले टेस्ट शतकवीर बने और इस बारे में एल्गर ने कहा, "हम कभी भी जान बूझकर एक युवा बल्लेबाज़ को डराने की कोशिश नहीं करते। हम कठोर क्रिकेट खेलते ज़रूर हैं लेकिन अगर हम अपने प्रतिभा से विपक्ष पर हावी हो सकते हैं तो शब्दों की ज़रूरत नहीं पड़ती।"
हालांकि एल्गर से बांग्लादेश के खिलाड़ियों को स्लेजिंग के इतिहास पर टिप्पणी करने से नहीं रहा गया। उन्होंने कहा, "जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था तब टेस्ट क्रिकेट में बहुत कुछ कहा सुना जाता था। हम अपने देश के लिए खेल रहे हैं और अगर आप दूसरी टीम पर कुछ मनवैज्ञानिक दबाव बना सकते हैं तो क्यों नहीं?"
एल्गर के अनुसार आख़िर पहले टेस्ट में बांग्लादेश ने साउथ अफ़्रीकी गेंदबाज़ी के प्रतिभा के सामने घुटने टेक दिए थे। उन्होंने कहा, "हमने दूसरी पारी में ज़बरदस्त तीव्रता का परिचय दिया वह भी दो स्पिनरों के ज़रिए। कहीं ना कहीं बांग्लादेश शायद भावनाओं में बह गया था और इससे हमारा काम और आसान बन गया। आपको क्रिकेट में विपक्ष से बेहतर खेलना भी पड़ता है और सोचना भी। क्रिकेट का एक भावनात्मक और मानसिक रुख़ भी होता है। अगर आप उसमें कौशल भी जोड़ दें तो टेस्ट क्रिकेट का यही सार है।"
डरबन टेस्ट में अंपायरिंग पर भी काफ़ी टिप्पणी हुई और कुल आठ निर्णयों को बदलना पड़ा था। इस बात पर एल्गर ने कहा, "उस पिच पर उछाल में दोहरापन था और इसकी वजह से अंपायरिंग काफ़ी कठिन था। मराय इरास्मस साल के सर्वश्रेष्ठ अंपायर थे और एड्रियन होल्डस्टॉक टेस्ट में काफ़ी नए हैं लेकिन आख़िर अंपायर भी इंसान होते हैं और ग़लतियां कर सकते हैं। आख़िरकार हमें अंपायर के फ़ैसले का सम्मान करना पड़ता है।"
बांग्लादेश ने तीन ऐसे अपील पर रिव्यू नहीं लिया जहां बल्लेबाज़ रीप्ले में आउट दिखा लेकिन अंपायर ने नॉट आउट दिया। एल्गर ने कहा, "यह टेकनॉलजी आप के लिए उपलब्ध रहती है। अगर आप उसका उपयोग नहीं करते तो ग़लती आप की ही कहलाई जाएगी।"
दूसरे टेस्ट में अंपायर होंगे इरास्मस और अल्लाहुद्दीन पालेकर जबकि होल्डस्टॉक टीवी अंपायर की भूमिका निभाएंगे।

फ़िरदौस मूंडा ESPNcricinfo की साउथ अफ़्रीकी संवाददाता हैं, अनुवाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के क्षेत्रीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है