भारतीय टीम के प्रमुख कोच
राहुल द्रविड़ ने कहा है कि वह नीदरलैंड्स के ख़िलाफ़ होने वाले अगले मुक़ाबले में कम ही बदलाव करेंगे क्योंकि वह चाहते हैं कि टीम शीर्ष पर रहकर सेमीफ़ाइनल में पहुंचे।
द्रविड़ ने भारतीय टीम के बेंगलुरु में ट्रेनिंग के बाद कहा, "दिल से कहूं तो आख़िरी लीग मैच से पहले हमारे पास छह दिन ट्रेनिंग के थे। तो हां हमें आराम मिल गया है। सेमीफ़ाइनल से पहले हमारे पास एक मैच है और सभी लड़के अच्छा कर रहे हैं।"
द्रविड़ से इस बात का उदाहरण दिया गया कि भारत हार्दिक पंड्या की चोट के बाद शामिल किए गए प्रसिद्ध कृष्णा जैसे खिलाड़ी को कैसे संभालना चाहेगा, ताकि नॉकआउट मैच में ज़रूरत पड़ने पर उन्हें तैयार रखा जा सके। लेकिन द्रविड़ ने इसका आसानी से सीधा जवाब दिया।
उन्होंने कहा, "इस स्थिति को देखा जाए तो यह समय है जहां पर हमारा फ़ोकस प्लेयिंग इलेवन में सही खिलाड़ी को चुनना है, जो मानसिक और शारीरिक तौर पर पूरा तैयार हों, जो सेमीफ़ाइनल में उतरें और फ़ाइनल खेलें तो हमारा ही फ़ायदा है।
"मेरी राय में बड़ी तस्वीर के लिए समय चाहिए है और कम समय के लिए बनाई गई रणनीति के लिए भी समय होता है और इसी सोच के मुताबिक़ सभी खिलाड़ी इस समय पूरी तरह से फ़िट हैं।"
द्रविड़ ने भारत के मध्य क्रम को ठीक करने के लिए काफ़ी प्रयास किए, यह देखते हुए भी कि विश्व कप से पहले दो खिलाड़ी श्रेयस अय्यर और के एल राहुल काफ़ी बड़ी चोट से उबर रहे थे।
द्रविड़ ने मध्य क्रम के प्रदर्शन पर कहा, "हां यह शानदार रहा है। अगर मुझे याद है तो मैंने इस सवाल का जवाब चेन्नई में दिया था। मैंने कहा था कि मध्य क्रम का प्रदर्शन टूर्नामेंट में बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है। कभी-कभी बेहद मुश्किल स्थिति में आपका मध्य क्रम अच्छा करता है और यह वास्तव में तय करता है कि आप कैसा कितना अच्छा प्रदर्शन करते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "हमारे शीर्ष क्रम ने अच्छा प्रदर्शन किया है, मुझे लगता है कि हमारे मध्य क्रम ने भी अहम मौक़े पर प्रदर्शन किया है। कई बार आप उनका नंबरों से आंक नहीं सकते हैं। यह आम है कि जब आप स्कोरकार्ड को देखते हो तो आपको शीर्ष क्रम पर रन बनाने वाले बल्लेबाज़ दिखते हैं। आप अगर किसी भी देश का स्कोरकार्ड खोलकर देखेंगे तो दिखेगा कि शीर्ष तीन ने अच्छा किया है।
"लेकिन इससे आपको केवल आधी तस्वीर दिखती है, क्योंकि ये 30, 40 रन की पारी अहम हैं। मैं इस पूरे अभियान पर नज़र डाल सकता हूं और हमारे मध्य क्रम के योगदान को देख सकता हूं। यहां दिखेगा कि उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया है, एक बार या दो बार। श्रेयस या एक के एल या धर्मशाला में खेली गई सूर्यकुमार की पारी, सभी अहम पारियों में शामिल थी।"
द्रविड़ उन "सिस्टम" और "प्रक्रियाओं" से भी ख़ुश थे जिन्हें वे विश्व कप में लागू करने में सक्षम रहे हैं, ख़ास तौर से आकस्मिकताओं की तैयारी में, जैसे कि उन्हें इसके मद्देनजर प्लान बी पर जाना पड़ा क्योंकि हार्दिक चोटिल हो गए थे। इससे पहले तक भारत नंबर 8 पर ऑलराउंडर को खिलाने का पक्षधर था, जिसका मतलब था कि विकल्प अक्सर शार्दुल ठाकुर और आर अश्विन के बीच होना था।
हार्दिक की चोट ने भारत को पांच गेंदबाज़ों के साथ उतरने के लिए मज़बूर किया और छठे गेंदबाज़ को नहीं खिलाना एक रिस्क था। अभी तक उन्हें इसकी ज़रूरत नहीं पड़ी, क्योंकि मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज ने अच्छा प्रदर्शन किया तो रवींद्र जाडेजा और कुलदीप यादव भी अपने रोल में चमके हैं।
द्रविड़ ने इसको लेकर कहा, "मुझे लगता है कि जब आप इस तरह का बड़ा टूर्नामेंट खेल रहे होते हैं तो आप चाहते हो कि आपके सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी खेलें। दुर्भाग्यवश पिछले टी20 विश्व कप में हमें थोड़ा लक नहीं मिला क्योंकि बुमराह और जाडेजा जैसे खिलाड़ी नहीं थे। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भी हमने कई अहम खिलाड़ी खोए हैं। यहां पर भी हम कुछ अहम खिलाड़ियों को मिस कर रहे हैं, लेकिन हमने इसके बाद भी अभी तक अच्छा प्रदर्शन किया है। यह कुछ ऐसा है जिस पर मैं गर्व कर सकता हूं।
"हमारे पास संतुलन था। हम जानते थे कि हमें किस तरह का संतुलन चाहिए। हमने इसी के इर्द गिर्द अपनी टीम बनाई, लेकिन जब ऐसा नहीं हो पाया तो हमने अपनी क़ाबिलियत, कौशल और मानसिकता पर ध्यान दिया जिससे हम वापसी कर पाए। तो हां श्रेय लड़कों को जाता है। एनसीए और स्टाफ़ को भी जिन्होंने बहुत मेहनत की है।
"हमारा बहुत सारा काम पर्दे के पीछे है। लोगों को यह देखने को नहीं मिलता। कभी-कभी लोग सोचते हैं, ओह, घायल खिलाड़ियों को खिलाना आसान है। आप जानते हैं, सामान्य जीवन में चोट लगने पर लोगों का खेलना आसान होता है और पार्क में वापस आना और सामान्य कार्यालय के काम में वापस आना आसान होता है, लेकिन लोगों को पेशेवर खेल में वापस लाना आसान नहीं होता है। तो अभी तक सभी ने बेहतर किया है।"
द्रविड़ ने आगे कहा, "हम इससे प्रभावित हैं जिस तरह से उन्होंने अभी तक टूर्नामेंट खेला है। मैं जानता हूं कि इस स्तर तक आने के लिए एसोसिएट टीमों ने कितनी मेहनत की है। मैंने भी सन 2000 की शुरुआत में स्कॉटलैंड में समय बिताया है।"
"यह देखना काफ़ी प्रेरणादायक है कि चुनौतियों का सामना करने के बावजूद वे इस स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हैं। मैं जानता हूं कि वे एक अच्छी टीम है और वह प्रशिक्षित भी है। हम उनके ख़िलाफ़ खेलने के लिए उत्साहित हैं।"
द्रविड़ : नियमों का ख़्याल रखें खिलाड़ी
बांग्लादेश के ख़िलाफ़ विश्व कप मुक़ाबले में एंज़ेलो मैथ्यूज़ पहली बार अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में टाइम आउट होने वाले खिलाड़ी थे और यहीं से स्प्रिट ऑफ़ क्रिकेट की बहस शुरू हो गई थी। इस पर भारतीय कोच राहुल द्रविड़ ने शनिवार को कहा है कि अगर खिलाड़ी ऐसा चाहता है तो उसको खेल के नियमों का पालन करना चाहिए।
बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन की अपील के बाद मैथ्यूज़ को टाइम आउट घोषित किए जाने के बाद बहुत विचार-विमर्श शुरू हुआ, क्योंकि मैथ्यूज़ सदीरा समाराविक्रमा के आउट होने के बाद अपनी पहली गेंद का सामना करने के लिए समय पर तैयार नहीं हो सके थे।
द्रविड़ ने इस पर कहा, "हर कोई अलग तरह से सोचता है। हर किसी का दिमाग़ और सोच अलग है। यहां कोई सही या ग़लत नहीं है। इन अलग विचारों का होना भी सही है।"
"अगर कोई व्यक्ति नियम को अंतिम डिग्री तक ले जाना चाहता है तो मुझे नहीं लगता है कि इसके बाद शिकायत हो क्योंकि सही मायने में नियमों का पालन होना चाहिए। हो सकता है कि आप इसे स्वयं न करें, लेकिन आप इसका पालन करने के लिए किसी को दोषी नहीं ठहरा सकते।"
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।