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T20 World Cup Final: इतिहास को भूलाकर इतिहास बदलना चाहती हैं दोनों टीमें

भारत और साउथ अफ़्रीका दोनों का नॉकआउट रिकॉर्ड बहुत ख़राब रहा है, लेकिन अभी दोनों टीमों का ध्यान वर्तमान पर है

T20 वर्ल्ड कप 2024 का फ़ाइनल साउथ अफ़्रीका का पहला फाइनल होगा। वहीं भारत 2014 से अधिकतर विश्व कप के नॉकआउट में पहुंचा है, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। पिछले साल जब भारत वनडे विश्व कप के फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारा, तो कहा गया कि भारत अपने से कठिन टीम से मानसिक लड़ाई में हार गया। लेकिन दोनों टीमें ऐसा नहीं मानती हैं कि उन पर इस इतिहास का कोई बोझ होगा।
भारत के कोच राहुल द्रविड़ ने फ़ाइनल की पूर्व संध्या पर कहा, "1991 से साउथ अफ़्रीका के लिए वही खिलाड़ी नहीं खेल रहे हैं। कई खिलाड़ी आए और चले गए। मुझे नहीं लगता कि इससे कुछ फ़र्क़ पड़ता है। मुझे नहीं लगता कि खिलाड़ी इतिहास का बोझ लेकर मैदान में उतरते हैं। मुझे लगता है कि यह एक नया दिन होगा और दोनों टीमें नई शुरुआत करेंगी।"
द्रविड़ ने आगे कहा, "आजकल खिलाड़ी इन सब चीज़ों से जल्दी आगे बढ़ते हैं। हम भी अहमदाबाद (वनडे विश्व कप फ़ाइनल) से मूव ऑन कर गए हैं। मुझे लग रहा है कि वे भी इतिहास के बारे में नहीं सोच रहे होंगे। यह एक नया दिन होगा। दो अच्छी टीमें, टूर्नामेंट की दो शीर्ष टीमें अच्छा क्रिकेट खेलने फ़ाइनल में उतरेंगी।"
साउथ अफ़्रीका के कप्तान एडन मारक्रम भी कुछ ऐसा ही मानते हैं। उन्होंने कहा, "एक पेशेवर खिलाड़ी के रूप में हम बहुत ही प्रतिस्पर्धी हैं और कोई भी हारना नहीं चाहता। विशेष रूप से फ़ाइनल में तो कोई भी नहीं हारना चाहता। इसलिए हम यह नहीं कह सकते कि कल का परिणाम कुछ भी हो, हम संतुष्ट हैं। हमारे अंदर अभी बहुत भूख है और हम कल जीतना ही चाहते हैं।"
साउथ अफ़्रीका का सेमीफ़ाइनल एक दिन पहले हुआ और वे भारत से एक दिन पहले फ़ाइनल में पहुंचे। तकनीकी रूप से उनके पास एक अतिरिक्त दिन था, लेकिन उनका अधिकतर समय एयरपोर्ट पर बीता क्योंकि उनकी फ़्लाइट लेट थी। मारक्रम ने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा कि जब आपकी फ़्लाइट लेट हो तो आप इतिहास से अधिक अपने सामान के बारे में सोचते हैं। आपको फ़ाइनल की चिंता कम होती है, क्योंकि आपको एयरपोर्ट के किसी कोने पर समय गुजारना पड़ता है।
उन्होंने कहा, "ऐसी प्रतियोगिताओं में चीज़ें तेज़ी से बदलती हैं। आप एक मैच खेलते हो, हवाई जहाज लेते हो, उड़ते हो, एक नए होटल में चेक इन करते हो और फिर अगले दिन मैच खेलने उतर जाते हो। इसलिए आपके पास इतिहास को सोचने का अधिक वक़्त नहीं रहता है। लेकिन यह फ़ाइनल है और फ़ाइनल को लेकर हम उत्साहित ज़रूर हैं।"
वहीं द्रविड़ ने इस व्यस्त शेड्यूल के बारे में कहा, "कुछ चीज़ों पर हमारा नियंत्रण नहीं रह सकता। हम बस यही सुनिश्चित कर सकते हैं कि हम मैच के लिए शारीरिक, रणनीतिक और मानसिक रूप से पूरी तरह से तैयार रहें। हमने अपनी रणनीति तैयार कर ली है, हम मानसिक रूप से तरोताज़ा हैं और फ़ाइनल के लिए उत्साहित और तैयार हैं।"

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में वरिष्ठ लेखक हैं