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क्या युज़वेंद्र चहल को प्लान बी की ज़रूरत है?

उनकी गेंदबाज़ी अब बल्लेबाज़ों को समझ आने लगी है

पिछले साल यूएई में होने जा रहे टी20 विश्व कप से पहले युज़वेंद्र चहल ने ख़ुद को दोराहे पर पाया था। चयनकर्ताओं का उनकी ललचाती लेगब्रेक पर से विश्वास उठ गया था। नया मंत्र दिया गया कि गेंद में गति होनी चाहिए। अपने कार्यकाल में शायद एकमात्र बार मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा ने एक खिलाड़ी को नहीं चुने जाने के पीछे के कारणों को समझाया था। उन्होंने कहा था, "भारत को एक ऐसे स्पिनर की ज़रूरत थी जो ग्रिप ढूंढ सके और थोड़ी अधिक गति से गेंदबाज़ी कर सके।" इसके बाद वह राहुल चाहर के साथ गए थे।
बारह महीने बाद चाहर ख़ुद को दोराहे पर पातें हैं क्योंकि वह अब इंडिया ए टीम का हिस्सा हैं। वहीं एक शानदार आईपीएल सीज़न के बाद चहल एक बार फिर मुख्य स्पिनर बन गए हैं, जहां उन्होंने 17 मैचों में 27 विकेट हासिल किए और पर्पल कैप हासिल किया। उन्होंने अन्य लेग स्पिनरों वनिंदु हसरंगा और राशिद ख़ान को पीछे छोड़ दिया। चहल का प्रदर्शन राजस्थान रॉयल्स को फ़ाइनल में पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण योगदानों में से एक था।
अब जैसा कि भारत इस साल के टी20 विश्व कप की ओर बढ़ रहा है, चहल का फ़ॉर्म फिर से थोड़ा सा नीचे गया है, उसी अंदाज़ में जहां उन्हें नज़रअंदाज़ किया गया था। एशिया कप में तीन मैचों में 7.75 के इकॉनमी रेट और 93 के स्ट्राइक रेट से उन्हें एक ही विकेट मिला है। इकॉनमी चिंताजनक नहीं है, लेकिन विकेटों की कमी है। चहल जब फ़ॉर्म में होते हैं, तो वह गुच्छों में विकेट लेते हैं।
उनका फ़ॉर्म नीचे जाने का एक कारण उनकी गेंदों का पहले से ही अनुमान लगा लिय जा रहा है। रविवार को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत के
चहल ने गेंदों को लैंड कराने में भी संघर्ष किया। दो मौक़ों पर जब उन्होंने शायद बल्लेबाज़ों को आगे निकल खेलने के लिए इसे और भी धीमा करने की कोशिश की, गेंद फ़ुलटॉस हो गई जो बाउंड्री के बाहर भेजी गई।
चेतेश्वर पुजारा ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के टी20 टाइम आउट शो में चहल की गति को लेकर बात की। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि वह हवा में बहुत धीमा है जिसने पहले उसके लिए काम किया है, लेकिन उसे अपनी गति में थोड़ा और बदलाव करने की ज़रूरत है।"
रविवार को खेले गए मुक़ाबले में चहल, भारत के एकमात्र लेग स्पिनर नहीं थे। रवि बिश्नोई भी थे, जो उनके तरीक़े की गेंदबाज़ी से बिल्कुल विपरीत हैं। चहल जहां फ़्लाइट पर निर्भर हैं, वहीं बिश्नोई तेज़ी और स्किड पर निर्भर हैं। बिश्नोई को भारत ने कुछ कठिन ओवरों में गेंदबाज़ी करने के लिए बुलाया - एक पावरप्ले के ठीक बाद और दूसरा डेथ ओवरों में।
क्या यह चहल के लिए ख़तरनाक संकेत हैं? रॉबिन उथप्पा के अनुसार नहीं। "वह एक ऐसे टूर्नामेंट से गुज़र रहा है जहां वह अच्छी गेंदबाज़ी नहीं कर रहा है, मुझे नहीं लगता कि वह एक गेंदबाज़ के रूप में किसी से कम है, उसके पास कौशल अभी भी है। यह सिर्फ़ एक विकेट हासिल करने की बात है।"
इस साल साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ में चहल एक ऐसे ही दौर से गुज़रे, जहां उनके संघर्ष ने उनकी प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए। हालांकि उन्होंने 20 रन पर 3 विकेट लेकर मैच जिताऊ प्रदर्शन करते हुए उन धारणाओं को पूरी तरह से खारिज कर दिया। एशिया कप में मंगलवार का मैच उनके लिए और भी अधिक महत्व रखता है। भारत उम्मीद करेगा कि उसका लेगस्पिनर एक बार फिर वापसी करे।

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं, अनुवाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांस कुणाल किशोर ने किया है