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कोच और खिलाड़ियों के साथ 'रिव्यू' से घरेलू क्रिकेट की चिंता को दूर करना चाहते हैं द्रविड़

"शायद हमें देखना होगा कि हम जिन टूर्नामेंट्स का आयोजन कर रहे हैं, वे वर्तमान समय में जरूरी भी हैं या नहीं"

राहुल द्रविड़ ने घरेलू क्रिकेट को लेकर कही बड़ी बात  •  Getty Images

राहुल द्रविड़ ने घरेलू क्रिकेट को लेकर कही बड़ी बात  •  Getty Images

राहुल द्रविड़ उम्मीद में हैं कि खिलाड़ियों और कोच के साथ मिलकर एक रिव्यू मीटिंग से रणजी ट्रॉफ़ी और पूरे घरेलू क्रिकेट से जुड़ी समस्याओं का हल निकाला जा सके। द्रविड़ उस सवाल का जवाब दे रहे थे कि बोर्ड शार्दुल ठाकुर द्वारा व्यक्त की गई चिंता को लेकर क्या कर सकती है जिसमें उन्होंने कहा था कि केवल तीन दिन का अंतराल होने से खिलाड़ियों के चोटिल होने का खतरा बढ़ जाता है।
"मैंने भी ऐसा ही सुना है। मैंने शार्दुल द्वारा की गई टिप्पणी को देखा और कुछ नए खिलाड़ी जो टीम में आए हैं उनकी बात भी सुनी है। कुछ टिप्पणियां की घरेलू क्रिकेट का शेड्यूल कितना कठिन है, ख़ास तौर से भारत जैसे देश में जहां काफ़ी यात्रा करनी पड़ती है। हमें खिलाड़ियों की बात सुननी होगी।"
"आपको अपने खिलाड़ियों को सुनना होगा क्योंकि वही अपने शरीर को दांव पर लगा रहे हैं और अग़र बहुत से लोग वही बात दोहरा रहे हैं तो इसके बारे में ध्यान देने की जरूरत है। हमें देखना होगा कि हम शेड्यूल कैसे मैनेज कर सकते हैं। भारत में लंबा सीजन होता है और यह कठिन है।"
सीनियर पुरुषों का घरेलू कैलेंडर जून 2023 में दलीप ट्रॉफ़ी के साथ शुरू हुआ था। इसके बाद से सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी अक्तूबर में शुरू हुई थी। जनवरी में शुरू हुई रणजी ट्रॉफ़ी में खिलाड़ियों को असली परेशानी हुई क्योंकि लगातार लंबी यात्रा के बीच उन्हें केवल तीन दिन का गैप मिल रहा था। रणजी फ़ाइनल खेलने जा रही मुंबई और विदर्भ ने 10 सप्ताह के भीतर 10 फर्स्ट-क्लास मैच खेले हैं।
द्रविड़ का बयान ऐसे समय में आया है जब बीसीसीआई ने कप्तानों और कोचों के साथ होने वाली सालाना बैठक को समाप्त कर दिया है जिसमें अंपायरिंग, शेड्यूलिंग, फ़ॉर्मेट, डीआरएस, मैचफीस और सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट जैसे कई अहम मुद्दों पर बात होती थी। कोविड-19 महामारी के बाद जब घरेलू क्रिकेट की वापसी हुई तब बीसीसीआई ने इस चीज को समाप्त कर दिया। इंडिया ए के टूर प्रोग्राम के साथ शेड्यूल टकराने के कारण टॉप खिलाड़ियों के उनकी टीमों के लिए उपलब्ध नहीं हो पाना भी एक बड़ा मुद्दा है।
यह वो चीज़ है जिसका जिक्र बंगाल के पूर्व कप्तान मनोज तिवारी ने भी ESPNcricinfo के साथ बातचीत के दौरान किया था और उन्होंने कहा था कि राज्य की टीमों तथा नेशनल क्रिकेट अकादमी के बीच अच्छा तालमेल होना चाहिए ताकि खिलाड़ियों की उपलब्धता के बारे में सटीक जानकारी मिल सके। उदाहरण के तौर पर इस सीजन बंगाल ने रणजी सीजन के अधिकतर मैच अभिमन्यू ईश्वरन के बिना ही खेले क्योंकि वह इंग्लैंड लॉयंस के ख़िलाफ़ इंडिया ए को लीड कर रहे थे।
द्रविड़ ने कहा, "रणजी ट्रॉफ़ी लंबा सीजन है और यदि आप उसमें दलीप तथा देवधर ट्रॉफ़ी को भी जोड़ दें तो यह और भी लंबा हो जाता है। अग़र मैं गलत नहीं हूं तो पिछले साल IPL के तुरंत बाद दलीप ट्रॉफ़ी जून में शुरू हुई थी और ऐसी परिस्थिति में आपकी समस्या ये है कि आपके बेस्ट खिलाड़ी लगातार क्रिकेट खेलते ही रह जाते हैं। जो खिलाड़ी भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए पुश कर रहे होते हैं उनका चयन हर स्तर पर होता रहता है और उनकी टीम ही टूर्नामेंट्स के सेमीफ़ाइनल या फ़ाइनल खेलती है।"
"यही लोग बहुत अधिक क्रिकेट खेलते हैं और आप ये भी चाहते हैं कि ये लोग इंडिया और इंडिया ए के लिए भी खेलें। खिलाड़ियों के लिए ऐसे में चीज़ें काफ़ी कठिन हो जाती हैं और हमें उनकी बात सुननी चाहिए। हमें देखना होगा कि हम जो टूर्नामेंट्स करा रहे हैं उनमें से कुछ आज के समय में ज़रूरी हैं भी या नहीं।"

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब-एडिटर हैं