आईपीएल 2021 : दिल्ली कैपिटल्स, सीएसके, आरसीबी और मुंबई इंडियंस को दूसरे चरण में क्या अलग करना होगा?
लीग के पहले चरण में अंक तालिका की टॉप चार टीमों के फ़ॉर्म और आने वाली चुनौतियों पर एक नज़र
क्या दिल्ली कैपिटल्स अपना पहला आईपीएल ख़िताब जीत पाएंगे? • BCCI
दिल्ली कैपिटल्स
अंक तालिका में पहला स्थानमैच: 8, जीत: 6, हार:2, प्वाइंट: 12
अंदर: श्रेयस अय्यर, बेन ड्वारश्विस
बाहर: अनिरुद्ध जोशी, क्रिस वोक्स
पहले चरण में एक शानदार शुरुआत ने लगातार तीसरे सीज़न में दिल्ली कैपिटल्स की प्लेऑफ़ में जाने की राह को आसान कर दिया है। दो मैचों में जीत प्लेऑफ़ में उनकी जगह पक्की कर सकती है। कंधे की चोट के कारण बाहर रहे अपने कप्तान श्रेयस अय्यर (जो अब उस चोट से उबर चुके हैं) की ग़ैर मौजूदगी में, पृथ्वी शॉ और शिखर धवन की सलामी जोड़ी ने 9.25 के रन रेट से 512 रन जोड़कर बल्लेबाज़ी का भार संभाला। कई मौक़ों पर कैपिटल्स ने पावरप्ले में ही मैच को अपनी तरफ़ मोड़ दिया था। उन्होंने चेन्नई, मुंबई और अहमदाबाद में जीत दर्ज कर यह दिखाया कि वह अलग-अलग परिस्थितियों में मैच जीतने में सक्षम हैं। पहले चरण में उनके पास सबसे बढ़िया स्पिन गेंदबाज़ी आक्रमण था।
पिछले साल उनकी गेंदबाज़ी उनका सबसे बड़ा हथियार थी। अनरिख़ नॉर्खिये और कगिसो रबाडा ने तेज़ गेंदबाज़ी का भार संभाला जबकि आर अश्विन और अक्षर पटेल की स्पिन जोड़ी ने विपक्षी बल्लेबाज़ों को बांधे रखा।
जहां एक तरफ़ पहले चरण में आवेश ख़ान मैच विनर बनकर उभरे वहीं बाक़ी सभी तेज़ गेंदबाज़ों ने निराश किया। उन्होंने 11.17 की इकॉनमी से केवल नौ विकेट झटके जो पूरे टूर्नामेंट में दूसरा सबसे ख़राब प्रदर्शन है। आवेश के फ़ॉर्म के कारण कैपिटल्स नॉर्खिये को बाहर रखने के बारे में सोच सकते थे लेकिन यूएई में उनके टीम में वापस आने की पूरी उम्मीद है। चिंता का विषय यह भी होगा कि टीम मध्य क्रम में अय्यर की वापसी के बाद शुरुआती एकादश में स्टीवन स्मिथ और शिमरॉन हेटमायर में से किसे टीम में जगह मिलती है। पिछले साल यूएई में शॉ और ऋषभ पंत ने संघर्ष किया था। इस साल उनका प्रदर्शन यह तय करेगा कि क्या दिल्ली अपना पहला आईपीएल ख़िताब जीत पाएगी।
चेन्नई सुपर किंग्स
अंक तालिका में दूसरा स्थानमैच: 7, जीत: 5, हार:2, प्वाइंट: 10
अंदर: जॉश हेज़लवुड
बाहर: जेसन बेहरनडॉर्फ़
अगर दिल्ली में कायरन पोलार्ड वह आतिशी पारी नहीं खेलते तो चेन्नई सुपर किंग्स इस समय सात मैचों में छह जीत के साथ अंक तालिका के शीर्ष स्थान पर विराजमान होते। 2020 में प्लेऑफ़ में जगह बनाने की रेस से काफ़ी पीछे छूट जाने के बाद महेंद्र सिंह धोनी की टीम ने आक्रामक बल्लेबाज़ी करते हुए सभी को चौंकाया। अपनी बल्लेबाज़ी की गहराई के कारण सुपर किंग्स ने बीच के ओवरों में 9.47 के रन रेट से बल्लेबाज़ी की। इसका बड़ा श्रेय जाता है ऋतुराज गायकवाड़ और फ़ाफ़ डुप्लेसी की सलामी जोड़ी को जिन्होंने एक मज़बूत नींव रखी जिससे मोईन अली और रवींद्र जाडेजा के लिए बड़ा स्कोर खड़ा करना आसान हो गया। गेंदबाज़ी में दीपक चाहर और स्पिनर्स किफ़ायती साबित हुए थे।
पिछले साल यूएई चेन्नई की टीम को रास नहीं आया था। चोट, अनुपलब्धता और प्रैक्टिस के अभाव के कारण टीम ने फ़ॉर्म में आने में बहुत देर कर दी थी। हालांकि इस बार वह एक महीने से अभ्यास कर रहे हैं और पहले चरण में कारगर साबित हुई रणनीतियों को बरक़रार रखना चाहेंगे।
अपने तेज़ गेंदबाज़ - लुंगी एनगिडी, जॉश हेज़लवुड, शार्दुल ठाकुर और ड्वेन ब्रावो का फ़ॉर्म सुपर किंग्स की अच्छी शुरुआत को लंबे समय तक बरक़रार रखने में अहम होगा। दबाव सुरेश रैना पर भी होगा जो छह पारियों में एक अर्धशतक के साथ केवल 123 रन ही बना पाए हैं। अगर रैना मध्यक्रम में कुछ आतिशी पारियां खेलते हैं तो इससे फ़िनिशरों पर दबाव कम हो जाएगा।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु
अंक तालिका में तीसरा स्थानमैच: 7, जीत: 5, हार:2, प्वाइंट: 10
अंदर: टिम डेविड, वनिंदु हसरंगा, दुश्मांता चमीरा, जॉर्ज गार्टन, आकाश दीप
बाहर: ऐडम ज़ैम्पा, फ़िन ऐलेन, डेनियल सैम्स, केन रिचर्ड्सन, वॉशिंगटन सुंदर
हर्षल पटेल, ग्लेन मैक्सवेल और देवदत्त पड़िक्कल के प्रदर्शन ने दिखाया कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु अब केवल विराट कोहली और एबी डीविलियर्स पर निर्भर करने वाली टीम नहीं है। इस टीम ने कुछ प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को रिप्लेसमेंट के रूप में अपनी टीम में शामिल किया है जो महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
पिछले सीज़न में युज़वेंद्र चहल और क्रिस मॉरिस ने कई मौक़ों पर टीम को मुश्किल स्थिति से बाहर निकाला था। इस बार भी गेंदबाज़ी का दारोमदार चहल के कंधों पर होगा। भले ही वह टी20 विश्व कप के लिए भारतीय दल में जगह नहीं बना पाए हो, वह आज भी आरसीबी के मुख्य स्पिनर हैं।
क्या रॉयल चैलेंजर्स पिछले साल की तरह इस साल भी प्लेऑफ़ में जगह बना सकते हैं? अगर वह उंगली की चोट के कारण दूसरे चरण से बाहर हो चुके वॉशिंगटन सुंदर की ग़ैर मौजूदगी में एक सही एकादश का चुनाव कर पाते हैं तो शायद ऐसा हो सकता है। सुंदर के रिप्लेसमेंट के तौर पर उन्हें एक विदेशी खिलाड़ी को टीम में लाना होगा। साथ ही अगर हर्षल के कटर यूएई की पिचों पर कारगर नहीं साबित होते हैं तो टीम को अपनी लय बरक़रार रखने के लिए एक सटीक गेंदबाज़ी आक्रमण को मैदान पर उतारना होगा।
मुंबई इंडियंस
अंक तालिका में चौथा स्थानमैच: 7, जीत: 4, हार:3, प्वाइंट: 8
कोई बदलाव नहीं
पिछले साल यूएई में आईपीएल का ख़िताब अपने नाम करने के बाद गत चैंपियन मुंबई इंडियंस उन मैदानों पर वापस आकर काफ़ी ख़ुश होंगे। ख़ासकर पहले चरण में चेन्नई में मिली मुश्किल शुरुआत के बाद जहां पावरप्ले के बाद रन बनाने के लिए बल्लेबाज़ों को संघर्ष करना पड़ा था। दिल्ली पहुंचते हुए बल्लेबाज़ों ने अपनी लय पकड़ी और कायरन पोलार्ड ने चेन्नई की गेंदबाज़ी को धराशाई कर दिया।
जब मुंबई ने 2020 में ख़िताब जीता था तब उनके पास एक साफ़ रणनीति थी। बल्लेबाज़ी पूरी पारी के दौरान आक्रामक अंदाज़ से खेल रहे थे और पारी को समाप्त करने की ज़िम्मेदारी पोलार्ड और हार्दिक पंड्या के कंधों पर थी। हालांकि जो भूमिका जेम्स पैटिंसन ने गेंद के साथ निभाई थी वह इस बार नेथन कुल्टर-नाइल अथवा ऐडम मिल्न को निभानी होगी। दुबई और अबू धाबी की मददगार पिचों पर ट्रेंट बोल्ट और जसप्रीत बुमराह के साथ-साथ तीसरे तेज़ गेंदबाज़ का महत्व बढ़ जाता है।
इशान किशन और हार्दिक का फ़ॉर्म मुंबई के लिए चिंता का विषय रहेगा। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या हार्दिक गेंदबाज़ी करेंगे? पहले चरण में उन्होंने गेंदबाज़ी नहीं की थी लेकिन भारत के मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा ने बताया था कि हार्दिक विश्व कप में पूरे चार ओवर फेंकने के लिए सक्षम हैं। अगर वह मुंबई के लिए भी गेंदबाज़ी करते हैं तो टीम को अपने चौथे विदेशी खिलाड़ी के चयन करने में बहुत फ़ायदा पहुंचेगा।
गौरव सुंदरारमन ESPNcricinfo में सीनियर स्टैट्स एनालिस्ट हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।