पिछले कुछ महीनों में
श्रेयस अय्यर के बारे में जब भी कोई चर्चा हुई है तो उनके पीठ की चोट के बारे में काफ़ी बात होती है। वह पिछले कुछ समय से पीठ की चोट से परेशान रहे हैं। उन्होंने अपने पीठ की सर्जरी भी करवाई लेकिन इसके बाद भी उन्हें इस कठिनाई के कारण कई मैचों से दूर रहना पड़ा।
भारत और इंग्लैंड के बीच हालिया टेस्ट सीरीज़ के दौरान भी उन्होंने कहा था कि उन्हें पीठ में कुछ समस्या हो रही है। इसके बाद रणजी ट्रॉफ़ी के कुछ मैचों में भी उन्होंने इसी समस्या के कारण हिस्सा नहीं लिया था और उसके बाद जब वह विदर्भ के ख़िलाफ़ रणजी फ़ाइनल खेलने आए तो अंतिम दो दिन फ़ील्डिंग करने के लिए मैदान पर मौजूद नहीं थे।
ऐसे में यह सवाल लाज़मी है कि क्या वह IPL के लिए पूरी तरह से फ़िट हैं। साथ ही इस बात की काफ़ी चर्चा चल रही थी कि श्रेयस को उनके डॉक्टरों ने यह सलाह दी है कि वह ज़्यादा स्ट्रेच कर के ना खेलें। कोलकाता नाइटराइडर्स और सनराइज़र्स हैदराबाद के बीच शनिवार को होने वाले
मैच से पहले प्रेस क्रांफ़्रेंस के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या डॉक्टरों ने सच में यह सलाह दी है तो उन्होंने कहा, "मैं अभी काफ़ी अच्छा महसूस कर रहा हूं। मैं लगातार अभ्यास कर रहा हूं। बल्लेबाज़ी के अभ्यास के दौरान गेंद को अच्छी तरह से हिट कर रहा हूं। साथ ही लंबी अवधि तक बल्लेबाज़ी कर रहा हूं। मैं इस बारे में नहीं सोचना चाहता हूं कि डॉक्टर ने क्या कहा है। मैं अपनी चोट को याद भी नहीं करना चाहता। अगर आप वैसा करते हो तो फिर उसके बारे में ज़रूरत से ज़्यादा सोचने लगते हो। मैं सभी चीज़ों को अलग रखते हुए, सिर्फ़ अपने खेल पर फ़ोकस करना चाहता हूं।"
श्रेयस के चोट के अलावा BCCI का करार नहीं मिल पाना और घरेलू क्रिकेट में उनकी भागीदारी को लेकर काफ़ी चर्चा हुई है। जब श्रेयस से पूछा गया कि पिछले दो-तीन महीनों से आपके बारे में काफ़ी चर्चा हो रही है लेकिन आपके तरफ़ से इस संदर्भ में कोई बयान नहीं आया है। आप अभी किस तरह के मानसिक स्थिति में हैं और आगे किस रणनीति के साथ मैदान पर उतरेंगे?
श्रेयस ने कहा, "मेरे हिसाब से अगर आपका ध्यान पुरानी बातों पर रहेगा या फिर आप बहुत आगे की सोचेगें तो आप ऐसी स्थिति में चले जाते हो, जहां आप ज़रूरत से ज़्यादा सोचते हो और जब आप इस तरह की परिस्थिति में रहते हैं तो आप ग़लती करने लगते हैं। मैं सिर्फ़ और सिर्फ़ IPL को जीतने के बारे में सोच रहा हूं। आप बस उसी के बारे में सोचो, जो आपके हाथों में है। अगर आप बाहर की चीज़ों के बारे में सोचोगे तो आप ग़लती करोगे। मैं बस अपना काम करते रहना चाहता हूं और अगर इस दौरान मेरे से कोई ग़लती होती है, तो उसमें सुधार करते हुए, आगे बढ़ना चाहता हूं।"
श्रेयस ने कभी भी KKR की टीम के लिए कोलकाता में कप्तानी नहीं की है। इसका एक प्रमुख कारण चोट और कोविड काल रहा है। एक कप्तान के तौर पर ईडेन गार्डन के मैदान पर कप्तानी के लिए वह काफ़ी उत्सुक हैं। साथ टीम में मिचेल स्टार्क जैसे बड़े गेंदबाज़ की मौजूदगी से उन्हें काफ़ी आत्मविश्वास भी मिल रहा है।
हालांकि अगर KKR के तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण को देखा जाए तो उसमें अनभुव की काफ़ी कमी नज़र आती है। साथ ही ऐसा प्रतीत होता है कि स्टार्क के ऊपर काफ़ी दबाव रहने वाला है।
इस संदर्भ में श्रेयस का मानना है कि उनकी टीम की गेंदबाज़ी में अनुभव की कमी नहीं है, साथ ही स्टार्क की मौजूदगी से उनके गेंदबाज़ी क्रम को काफ़ी मज़बूती मिली है।
उन्होंने कहा, "जब मैं अपनी गेंदबाज़ी अटैक को देखता हूं तो मुझे ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि हमारी टीम में कम अनुभव वाले गेंदबाज़ हैं। हमारी टीम में दो-तीन IPL सीज़न खेलने वाले गेंदबाज़ भी हैं। कोई भी खिलाड़ी अगर दो या तीन गेंदबाज़ खेल चुका है तो यह साफ़ है कि उनके पास अच्छा-ख़ासा अनुभव है। इसके अलावा मिचेल स्टार्क के आने से हमारी टीम को और भी ज़्यादा मज़बूती मिली है। वह एक ऐसे गेंदबाज़ हैं जो मैच के किसी भी फ़ेज के दौरान गेंदबाज़ी कर सकते हैं। उनकी टीम ने हाल में वनडे विश्व कप जीता था और वह हमारी टीम में एक अच्छे आत्मविश्वास के साथ आ रहे हैं। साथ ही उनका जो अनुभव है, वह हमारी टीम के युवा खिलाड़ियों के लिए भी काफ़ी कारगर है।"