रणनीति : DC को जीतना है तो स्टब्स को ऊपर भेजें
सूर्या-तिलक बनाम DC के स्पिनरों का होगा मुक़ाबला
सिद्धार्थ मोंगा
20-May-2025 • 5 hrs ago
BCCI
मुंबई इंडियंस (MI) और दिल्ली कैपिटल्स (DC) के बीच बुधवार को वानखेड़े स्टेडियम में एक अहम मुक़ाबला खेला जाएगा। अगर DC यह मैच हारती है, तो वह टूर्नामेंट से बाहर हो जाएगी। अगर MI हारती है, तो उन्हें अपना आख़िरी मैच पंजाब किंग्स (PBKS) के ख़िलाफ़ हर हाल में जीतना होगा और उम्मीद करनी होगी कि DC भी PBKS से हार जाए। इसके साथ ही LSG भी अपने बचे हुए तीन में से कम से कम एक मैच हारे। ESPNcricinfo ने बुधवार के मैच के कुछ अहम पहलुओं और रणनीति पर एक नज़र डाली है।
टॉस जीतना ज़रूरी
वानखेड़े स्टेडियम में टॉस का महत्व बाक़ी मैदानों से कहीं ज़्यादा है। यहां की पिच बल्लेबाज़ों के मुफ़ीद होती है, क्योंकि बाउंड्री छोटी है और दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी करने वाली टीमों के लिए ओस बहुत मददग़ार बन जाती है। वानखेड़े में पिछले पांच सालों में रात के मैचों में लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमों का रिकॉर्ड बहुत ही बेहतरीन रहा है और जीत-हार का अनुपात 1.8 का है। इस साल केवल रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (RCB) ने यहां पर रात के मैच में अपने स्कोर का बचाव किया, जब उन्होंने 221 रन बनाए और मुश्किल से 12 रन से जीत दर्ज की।
अगर टॉस हारें तो क्या करें?
MI के पास इतनी ताक़तवर बल्लेबाज़ी है कि वे टॉस का नुक़सान झेल सकते हैं। वे पूरे 20 ओवर तक आक्रामक खेल सकते हैं और अच्छा स्कोर बना सकते हैं। हालांकि, उन्होंने अभी तक इस सीज़न में वानखेड़े में रात के किसी मैच में पहले बल्लेबाज़ी करके जीत दर्ज नहीं की है।
जब उन्होंने पिछली बार टॉस हारा था, तो पिच में सीम मूवमेंट थी। अगर उन्हें गुजरात टाइटंस (GT) के ख़िलाफ़ वाला ही पिच मिलता है, तो MI को भरोसा होगा कि उनके तेज़ गेंदबाज़ इस बार बेहतर करेंगे। चूंकि DC इस बार मिचेल स्टार्क के बिना उतरेगी, तो MI शायद उसी पिच पर फिर से खेलना चाहे।
DC के लिए चुनौती ज़्यादा बड़ी होगी, अगर उन्हें पहले बल्लेबाज़ी करनी पड़े। वे हाल ही में एक ऐसे मैच से आ रहे हैं, जहां केएल राहुल ने शतक लगाया लेकिन उनकी टीम 199 रन भी डिफ़ेंड नहीं कर सकी। वानखेड़े की सपाट पिच पर DC को एक बहुत ही शानदार स्कोर खड़ा करना होगा।
स्टब्स को ऊपर भेजें
DC ने GT के मुक़ाबले ज़्यादा बाउंड्री की कोशिशें कीं (56 बनाम 44), फिर भी हार गए। नई पिच पर गेंद थोड़ा रुकती है, लेकिन रात में यह बल्ले पर अच्छे से आती है। DC यहां पर एक बदलाव कर सकता है। अगर शुरुआत में विकेट नहीं गिरता है तो ट्रिस्टन स्टब्स को नंबर 3 पर भेजा जाए। अगर पावरप्ले में गेंदें बची हों तो अभिषेक पोरेल को भी नंबर 3 पर भेजा जा सकता है, लेकिन स्टब्स के पास DC के शीर्ष क्रम में सबसे ज़्यादा स्कोर करने की क्षमता है। अगर DC पहले बल्लेबाज़ी कर रही हो, तो उन्हें स्टब्स को ज़्यादा गेंदें खेलने देना समझदारी होगी, क्योंकि वानखेड़े में औसत स्कोर भी कभी-कभी कम पड़ जाता है।
सूर्या-तिलक की जोड़ी
DC की स्पिन गेंदबाज़ी सूर्यकुमार के ख़िलाफ़ अच्छा प्रदर्शन करती है। अक्षर पटेल ने उनके ख़िलाफ़ 100 से कम के स्ट्राइक रेट से रन दिए हैं और कुलदीप यादव ने पिछली बार उन्हें आउट किया था। लेकिन तिलक वर्मा इस कमी को पूरा करते हैं, क्योंकि दोनों स्पिनरों के ख़िलाफ़ उनका स्ट्राइक रेट 178 है।
अगर अच्छी शुरुआत होती है तो MI शायद तिलक को ऊपर भेजे। वहीं अगर सूर्यकुमार और रोहित शर्मा क्रीज़ पर हों, तो अक्षर ख़ुद गेंदबाज़ी करने आ सकते हैं। MI को इस कॉम्बिनेशन से बचना चाहिए, क्योंकि ये दोनों बल्लेबाज़ अक्षर के ख़िलाफ़ धीमा खेलते हैं और कुलदीप के सामने भी ज़्यादा असरदार नहीं हैं। DC की स्पिन ताक़त को देखते हुए, MI को बल्लेबाज़ी क्रम में लचीलापन रखना चाहिए, ख़ासकर अगर रायन रिकलटन जल्दी आउट हो जाएं।
दीपक चाहर को निशाना बनाएं
MI पावरप्ले में दीपक चाहर से ज़्यादा ओवर कराना पसंद करती है ताकि ट्रेंट बोल्ट और जसप्रीत बुमराह को डेथ ओवर्स के लिए बचाया जा सके। चाहर ने कभी केएल राहुल को आउट नहीं किया है। उन्होंने फ़ाफ डु प्लेसी को केवल 11 गेंदें डाली हैं, लेकिन 22 रन दिए हैं और उन्हें डु प्लेसी का विकेट कभी नहीं मिल पाया है। DC के लिए बेहतर रणनीति यही होगी कि चाहर पर शुरू से आक्रमण करें, ताकि MI उन्हें जल्दी हटा दे और बाद में मजबूर होकर हार्दिक पंड्या से ओवर करवाए।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं