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हेज़लवुड : हमारी टीम ने चिन्नास्वामी में मिली पहली दो हार से सीख नहीं ली

RCB के प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ों में से एक हेज़लवुड का मानना है कि पहले दो मैचों में उनके बल्लेबाज़ पिच को अच्छी तरह से नहीं पढ़ पाए

IPL 2025 की शुरुआत से पहले पिंडली और कमर की मांसपेशियों में खिंचाव से पूरी तरह उबरने के बाद जॉस हेज़लवुड अब काफ़ी बेहतर महसूस कर रहे हैं। हालांकि अब भी वे मैचों के बीच अपने वर्कलोड के प्रति काफ़ी ध्यान दे रहे हैं। लेकिन एक बात यह भी है कि हेज़लवुड और रॉयल चैंलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को की पूरी टीम को पंजाब किंग्स के ख़िलाफ़ घरेलू मैच के बाद अगले मैच के लिए 36 घंटे से भी कम का समय मिला है।
बेंगलुरु में पंजाब के ख़िलाफ़ RCB की हार के बाद हेज़लवुड ने कहा, "जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ा है, मैं बेहतर महसूस करता गया हूं। नेट्स में मैंने काफ़ी मेहनत की है। मैचों के दौरान भी मुझे बेहतर महसूस हो रहा है। मेरा रन-अप, क्रीज़ तक पहुंचना, लय - सब कुछ ठीक चल रहा है। उम्मीद है ये सिलसिला जारी रहेगा। रिहैब से जुड़ा कुछ काम अब भी कर रहा हूं, लेकिन अभी सब कुछ सही महसूस हो रहा है।"
हेज़लवुड फिलहाल पर्पल कैप की दौड़ में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वालों की सूची में 12 विकेटों के साथ संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं, उनकी इकॉनमी रेट 8.14 है। शुक्रवार रात को उन्होंने इस सीज़न का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 14 रन देकर 3 विकेट लिए, जिससे RCB को 14 ओवर के सीमित मुक़ाबले में 95 रन का बचाव करने की उम्मीद बंधी, हालांकि टीम आख़िरकार पांच विकेट से हार गई।
IPL 2024 में नहीं खेलने के बाद RCB के साथ अपने दूसरे कार्यकाल में हेज़लवुड ने भुवनेश्वर कुमार के साथ कमाल की गेंदबाज़ी की है। इस जोड़ी ने अब तक के सीज़न में RCB को पॉवरप्ले में सबसे मज़बूत गेंदबाज़ी इकाई बना दिया है।
हेज़लवुड ने कहा, "मुझे लगता है कि हमारे पास बेहद कुशल तेज़ गेंदबाज़ हैं। भुवी जैसे गेंदबाज़ के साथ गेंदबाज़ी करना, काफ़ी अच्छा अनुभव है। वह कई सालों से खेल रहे हैं। वह पारी की शुरुआत और अंत में बहुत अच्छी गेंदबाज़ी करते हैं। उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। हमारे पास विविधता है। मैं, भुवनेश्वर और यश दयाल--हम सब अलग-अलग प्रकार के गेंदबाज़ हैं।"
जब हेज़लवुड से घरेलू मैदान पर लगातार तीन हार के बाद टीम के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने को कहा गया, तो उन्होंने माना कि शुरुआती दो मैचों से सीख लेने में उनकी टीम थोड़ी धीमी रही, जहां बल्लेबाज़ों ने दोहरी गति वाली पिच पर ज़्यादा आक्रामक बल्लेबाज़ी की और गुजरात टाइटंस और दिल्ली कैपिटल्स के ख़िलाफ़ क्रमशः 163 और 169 रन बनाए।
शुक्रवार को 14 ओवर के मुक़ाबले में RCB सिर्फ़ 95 रन बना सकी और एक समय तक मुक़ाबले में बनी रही, लेकिन फिर नेहाल वढेरा ने 11 गेंद शेष रहते PBKS को जीत दिला दी।
हेज़लवुड ने कहा, "शायद हमने शुरुआती दो मैचों से सीखने में थोड़ी सुस्ती दिखाई और उसे सही तरीक़े से अमल में नहीं ला सके। जब हम बेंगलुरु लौटेंगे, तब हम शायद इस मैच की गहराई से समीक्षा करेंगे। ताकि हम जान सकें कि कहां सुधार की ज़रूरत है। लेकिन मुझे लगता है गेंदबाज़ी पिछले दो मैचों के मुक़ाबले बेहतर रही। हम धीरे-धीरे सुधार कर रहे हैं, लेकिन शायद उतनी तेज़ी से नहीं जितनी ज़रूरी है।"
हेज़लवुड यह स्पष्ट नहीं कर पाए कि इस सीज़न में चिन्नास्वामी स्टेडियम पर ज़्यादा रन क्यों नहीं बन रहे, लेकिन उन्होंने बताया कि छह से आठ मीटर की लेंथ पर गेंदबाज़ी करना सबसे कारगर रहा है।
उन्होंने कहा, "(चिन्नास्वामी में) बाउंस तो हमेशा से रहा है। अगर आप छह से आठ मीटर की लेंथ पर विकेट को ज़ोर से हिट करते हैं, तो बल्लेबाज़ी मुश्किल हो जाती है और हमने ये अनुभव किया है। शायद बल्लेबाज़ों को थोड़ा रुककर, थोड़ा समय लेकर खेलने की ज़रूरत है।
"मुझे याद है कि हमने पहले दो घरेलू मैचों में हार का सामना तब किया जब विरोधी टीम का कोई बल्लेबाज़ बड़ी पारी खेल गया और अंत में बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया गया। अगर हमारे टॉप पांच-छह बल्लेबाज़ पूरे 20 ओवर बल्लेबाज़ी कर सकें, तो हम ज़्यादा मैच जीत सकेंगे। मुझे लगता है कि गेम को समझना और बल्लेबाज़ के इरादों को पढ़ना ज़रूरी है। कई बार आपको महसूस हो जाता है कि बल्लेबाज़ हमला करेगा या पीछे हटेगा--ऐसे में लेंथ में छोटा सा बदलाव भी बड़ा असर डाल सकता है।"