अश्विन ने अपने यूट्यूब शो
'ऐश की बात' में कहा, "मुझे अंदाज़ा नहीं था कि दोनों [रोहित और कोहली] साथ में संन्यास लेंगे। यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक कठिन समय होगा और यह सच में अब
गौतम गंभीर युग की शुरुआत है।
उन्होंने आगे कहा, "जो टीम इंग्लैंड दौरे पर जाएगी, वह पूरी तरह से नई और बदली हुई होगी, जहां शायद बुमराह सबसे सीनियर खिलाड़ी होंगे। वह निश्चित रूप से कप्तान बनने के विकल्पों में हैं। मुझे लगता है कि वह इसके हक़दार हैं, लेकिन चयनकर्ता उनके फ़िटनेस के आधार पर इसका निर्णय लेंगे। कोहली और रोहित के संन्यास से नेतृत्व में ज़रूर खालीपन आएगा। अनुभव ख़रीदा नहीं जा सकता, विराट की ऊर्जा और रोहित का संतुलन टेस्ट क्रिकेट में बहुत याद आएगा।"
शुभमन गिल को रोहित के उत्तराधिकारी के रूप में सबसे आगे माना जा रहा है। हालांकि बुमराह इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया दौरे तक उपकप्तान थे। वह पर्थ टेस्ट में अंतरिम कप्तान थे और सिडनी के पांचवें टेस्ट में जब रोहित मैच से हटे थे, तब भी उन्होंने टीम का नेतृत्व किया था।
बुमराह को पूर्णकालिक कप्तान बनाए जाने पर उनकी चोटों को लेकर चिंताएं रही हैं। सिडनी टेस्ट के दौरान उन्हें पीठ में समस्या हुई थी और उन्हें इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू सीमित ओवर सीरीज़, चैंपियंस ट्रॉफ़ी और IPL 2025 की शुरुआत छोड़नी पड़ी थी।
अश्विन ने कहा कि उन्हें लगता है कि रोहित और कोहली दोनों में अभी और योगदान देने की क्षमता थी। उन्होंने कहा, "मैं सच कहूं तो मुझे लगता है कोहली में टेस्ट क्रिकेट के लिए एक-दो साल और बचे थे। रोहित का भी मुझे लगता था कि कम से कम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ तक खेलेंगे क्योंकि टीम में नेतृत्व क्षमता की कमी है।
"टेस्ट क्रिकेट भारत के लिए पिछले 10-12 सालों में सबसे अच्छा फ़ॉर्मेट रहा है और सिर्फ नेतृत्व के लिए रोहित को इंग्लैंड सीरीज़ तक खेलना चाहिए था। वह वहां अगर प्रदर्शन करते तो आगे भी खेल सकते थे। मेरे लिए रोहित की सबसे पसंदीदा बल्लेबाज़ी इंग्लैंड में 2021 के दौरान हुई थी। जब उन्होंने और केएल राहुल ने ओपनिंग की, तो हम सीरीज़ 2-1 से आगे थे।
अश्विन ने कोहली के 2014 के ऐडिलेड टेस्ट में लगाए गए दो शतकों को सबसे बेहतरीन प्रदर्शन में से एक माना।
उन्होंने कहा, "कोहली टेस्ट क्रिकेटर के तौर पर बॉक्स ऑफिस थे। वह कई मायनों में टेस्ट क्रिकेट के ब्रांड एम्बेसडर थे। उनकी कुछ सबसे अच्छी पारियां हमेशा जीत में नहीं बदलीं, लेकिन इससे उनकी पारियों की गुणवत्ता कम नहीं होती। 2014 में ऐडिलेड में दो शतक, जोहांसबर्ग में 153, पिंक बॉल टेस्ट में जब हम 36 पर ऑल आउट हो गए थे, उसमें पहली पारी में उनकी 74 रनों की पारी- उनके कुछ अद्भुत पारियों में से थी।"