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आंकड़ों में कोहली का टेस्ट करियर : भारत के सबसे सफल कप्तान और चौथे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़

आश्चर्यजनक रूप से कोहली ने अपना टेस्ट करियर 50 से कम की औसत पर समाप्त किया, जबकि एक समय में उन्होंने 18 महीनों के दौरान छह दोहरे शतक लगा लिए थे

शिवा जयरमन
12-May-2025 • 2 hrs ago
Virat Kohli takes off after his first Test series win as captain at home,  India v South Africa, 4th Test, Delhi, 5th day, December 7, 2015

कप्तान के रूप में घर पर पहली जीत दर्ज करने के बाद जश्न मनाते कोहली  •  BCCI

सोमवार को विराट कोहली ने अपने टेस्ट करियर की समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा कि यह एक कठिन लेकिन सही निर्णय था।
उन्होंने अपने टेस्ट करियर को भारत के टेस्ट क्रिकेट इतिहास में चौथे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ के रूप में समाप्त किया। उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में 46.85 की औसत से 9230 रन हैं, जो कि भारत की तरफ़ से सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सुनील गावस्कर के बाद सर्वाधिक हैं।
उनके 30 शतक भी टेस्ट में भारत के किसी बल्लेबाज़ द्वारा बनाए गए चौथे सबसे ज़्यादा शतक हैं। कोहली के सात दोहरे शतक किसी भी भारतीय बल्लेबाज़ द्वारा बनाए गए सबसे ज़्यादा दोहरे शतक हैं और उनके डेब्यू के बाद विश्व के किसी भी बल्लेबाज़ ने उनसे अधिक दोहरे शतक नहीं लगाए हैं। कोहली टेस्ट में इकलौते बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने लगातार दो कैलेंडर वर्षों में 75 से ज़्यादा की औसत से 1000 से अधिक रन बनाए हैं।
कोहली के टेस्ट करियर के बेहतरीन साल 2014-15 की ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ से शुरू हुए, जहां उन्होंने 86.50 की औसत से 692 रन बनाए, जिसमें चार शतक शामिल थे। उस सीरीज़ से लेकर 2019-20 में बांग्लादेश के भारत दौरे तक उन्होंने 63.65 की औसत से 5347 रन बनाए और उनके कुल 30 शतकों में से 21 शतक इसी दौरान सिर्फ़ 90 पारियों में बने।
2020 की शुरुआत से अब तक उन्होंने 39 टेस्ट में सिर्फ़ 2000 से थोड़े ज़्यादा रन बनाए और उनका औसत सिर्फ़ 30.72 का रहा। इस अवधि में 50 या उससे ज़्यादा पारियों वाले 32 शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ों में कोहली का औसत चौथा सबसे कम था। उनके पिछले दस टेस्ट में ये आंकड़े और भी गिर गए और उन्होंने 19 पारियों में 22.47 की औसत से सिर्फ़ 382 रन बनाए। इनमें से भी एक-चौथाई से ज़्यादा रन पर्थ में एक नाबाद 100 रन की पारी के दौरान आए।
कोहली की करियर की शुरुआत उतनी ख़राब नहीं थी और उसे संतोषजनक कहा जा सकता है। 2014 के इंग्लैंड दौरे से पहले उन्होंने 24 टेस्ट में 46.51 की औसत से 1721 रन बनाए थे, जिसमें छह शतक शामिल थे। लेकिन इंग्लैंड में स्विंग होती गेंदों के सामने उनके पैर हिचकते दिखे और वह लगातार सस्ते में आउट होते रहे। उन्होंने उस सीरीज़ की दस पारियों में सिर्फ़ 134 रन ही बनाए। इसके बावजूद मार्टिन क्रो ने उन्हें भविष्य के उभरते बल्लेबाज़ों में शामिल किया - 'फ़ैब फ़ोर' में से एक।
क्रो की भविष्यवाणी सही भी साबित हुई। 2014-15 सीज़न की शुरुआत से 2019 के अंत तक कोहली ने टेस्ट में 5347 रन बनाए, जो विश्व में स्टीव स्मिथ और जो रूट के बाद तीसरा सर्वाधिक था। ग़ौरतलब है कि रूट और स्मिथ भी कोहली के साथ फ़ैब फ़ोर में शामिल थे। इस अवधि में 1000 से ज़्यादा रन बनाने वाले 72 बल्लेबाज़ों में स्मिथ ही एकमात्र बल्लेबाज़ थे, जिनकी औसत कोहली से ज़्यादा थी।
टेस्ट क्रिकेट में कोहली का सर्वश्रेष्ठ समय 2016 से 2018-19 के बीच के 18 महीनों में रहा। उनका पहला दोहरा शतक जुलाई 2016 में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ नॉर्थ साउंड में आया। 2017 के अंत तक उन्होंने अगले 33 पारियों में पांच और दोहरे शतक जोड़ दिए। 34 टेस्ट पारियों में दोहरे शतकों की संख्या के लिहाज़ से यह डॉन ब्रैडमैन के बाद दूसरा सर्वाधिक था। ब्रैडमैन ने 1930 एशेज़ की शुरूआत के बाद 34 पारियों में आठ दोहरे शतक लगाए थे।
इस दौर में कोहली टेस्ट क्रिकेट के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ थे। कोई भी बल्लेबाज़ कोहली से ज़्यादा रन नहीं बना पाया और उनका औसत भी इस दौर में सर्वश्रेष्ठ था।
कोहली का यह 50 पारियों का दौर टेस्ट क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ दौरों में से एक है। 2016-17 में ईडन गार्डंस में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट से लेकर 2018-19 में मेलबर्न के बॉक्सिंग डे टेस्ट तक उन्होंने 50 पारियों में 71.93 की औसत से 3304 रन बनाए। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में केवल छह बल्लेबाज़ ही ऐसी 50 पारियों में कोहली से ज़्यादा रन बना पाए हैं। इन छह में डॉन ब्रैडमैन, विव रिचर्ड्स, कुमार संगकारा, महेला जयवर्धने, ब्रायन लारा और रिकी पोंटिंग शामिल हैं।
कोहली ने भारत के घरेलू टेस्ट मैचों में ज़्यादा सफलता हासिल की। उन्होंने भारत के 55 टेस्ट में 55.58 की औसत से 4336 रन बनाए, जबकि विदेशों में 41.51 की औसत से उनके नाम 4774 रन दर्ज़ हुए। हालांकि यह औसत थोड़ा कम है, लेकिन इसमें कई अहम पारियां शामिल हैं।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी 2014-15 में उन्होंने 86.50 की औसत से 692 रन बनाए। भारत के बल्लेबाज़ों में केवल सुनील गावस्कर ने एक विदेशी सीरीज़ में कोहली से ज़्यादा रन बनाए हैं। ऑस्ट्रेलिया में किसी भी विदेशी बल्लेबाज़ द्वारा एक सीरीज़ में यह पांचवां सबसे बड़ा स्कोर है।
इंग्लैंड में अपने पहले दौरे की असफलता के बाद कोहली ने 2018 में वापसी की और 59.30 की औसत से 593 रन बनाए, जिसमें दो शतक और तीन अर्धशतक शामिल थे। इंग्लैंड में किसी भी भारतीय बल्लेबाज़ द्वारा एक सीरीज़ में ये दूसरे सर्वाधिक रन हैं। इससे ज़्यादा केवल राहुल द्रविड़ ने 2002 दौरे पर बनाया था।
टेस्ट क्रिकेट में कोहली के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा और सफ़ेद जर्सी के क्रिकेट के इतिहास में उनका योगदान हमेशा स्थायी रहेगा।

शिवा जयरमन ESPNcricinfo में स्टैट्स एनालिस्ट हैं @shiva_cricinfo

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