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हरमनप्रीत: 'इस बार हम लाइन क्रॉस कर जाएंगे'

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलिसा हीली को लगता है कि ये सबसे कड़ा वर्ल्ड कप होने वाला है।

आशीष पंत
26-Sep-2025 • 3 hrs ago
Harmanpreet Kaur and Alyssa Healy at the captains' conference, Women's World Cup, Bengaluru, September 26, 2025

AFP/Getty Images

एशिया कप 2024, कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 और T20 वर्ल्ड कप 2020। इन तीनों टूर्नामेंटों में भारतीय महिला टीम को फ़ाइनल में हार का सामना करना पड़ा है। लेकिन 2025 वनडे वर्ल्ड कप की सह-मेज़बानी से पहले कप्तान हरमनप्रीत कौर को भरोसा है कि "इस बार हम अंतिम बाधा को पार करेंगे"।
हरमनप्रीत ने बेंगलुरु में कप्तानों की मीटिंग के दौरान कहा, "इसमें कोई शक़ नहीं कि हम कई बार इस तरह की परिस्थितियों का सामना कर चुके हैं। हालिया कुछ महीनों में हमने अच्छा क्रिकेट खेला है।अब बस आत्मविश्वास के साथ मैदान में जाकर वही करना है जिसकी टीम को हमसे उम्मीद है। इस बार हमने यह फ़ैसला लिया है कि मैदान पर जाकर सिर्फ खेल का आनंद लेना है। हम अतीत के बारे में ज़्यादा कुछ नहीं सोचना चाहते हैं। हमने अपनी ग़लतियों से बहुत सीखा है और उम्मीद है इस बार नतीजा हमारे पक्ष में आएगा।"
हरमनप्रीत अब तक पांच वनडे वर्ल्ड कप में हिस्सा ले चुकी हैं। लेकिन बतौर कप्तान यह उनका पहला वर्ल्ड कप है।उन्होंने भारत की मेज़बानी में वर्ल्ड कप खेलने के अहसास को "अविश्वसनीय" बताया, लेकिन साथ ही कहा कि टीम को "अनावश्यक दबाव" नहीं लेना चाहिए। उनके अनुसार टीम का पहला लक्ष्य वर्ल्ड कप जीतना है।
उन्होंने आगे कहा। "देश की कप्तानी करना हर खिलाड़ी के लिए एक ख़ास एहसास होता है। लेकिन वनडे वर्ल्ड कप में टीम की कप्तानी करना और भी ज़्यादा ख़ास बात है। साथ ही जब यह घरेलू वर्ल्ड कप हो, तो और भी ख़ास हो जाता है। जब मैंने खेलना शुरू किया था, तब कभी सोचा भी नहीं था कि मुझे देश की कप्तानी का मौक़ा मिलेगा। यह तो बस एक सपने के जैसा था। सब कुछ मिलाकर यह बेहद रोमांचक एहसास है।
"मैं बस मैदान पर जाकर खेल का आनंद लेना चाहती हूं और अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलना चाहती हूं। मैं लगातार ख़ुद से और टीम से बस यही कह रही हूं। 12 साल बाद भारत में वनडे वर्ल्ड कप हो रहा है और मुझे लगता है यह हम सबके लिए शानदार अनुभव होगा। इस दौरान हमारे लिए सबसे अहम यह होगा कि हम किसी भी तरह का दबाव न लें।"
भारत ने 2025 में अब तक खेले गए 14 में से दस वनडे जीते हैं, जिनमें स्मृति मंधाना ने 928 रन बनाकर अहम भूमिका निभाई है। यह इस साल किसी भी बल्लेबाज़ का सर्वाधिक स्कोर है।
मांधना के बारे में बात करते हुए हरमनप्रीत ने कहा "वह जिस तरह बल्लेबाज़ी कर रही हैं,इसे देखना बेहद रोमांचक है। वह बेहतरीन लय से गुजर रही हैं। मैं डजब उनके साथ बल्लेबाज़ी करती हूं तो चीज़ें काफ़ी आसान हो जाती हैं। वह हमेशा मदद के लिए मौजूद रहती हैं। इसी कारण से मेरे पर किसी तरह का दबाव नहीं आता। टीम में उनका होना हमारी लिए बड़ी ताक़त है।"
ग्रुप चरण में भारत का एक मैच कोलंबो में होगा, जो पाकिस्तान के ख़िलाफ़ खेला जाएगा। घरेलू मैदान पर भारतीय टीम गुवाहाटी, विशाखापट्टनम, इंदौर और नवी मुंबई में मैच खेलेगी। इनमें से सिर्फ़ विशाखापट्टनम में ही पहले महिलाओं का वनडे खेला गया है। लेकिन हरमनप्रीत को अनजानी परिस्थितियों को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं हैं। उन्होंने कहा, "पिचें फ्लैट ही होंगी। हमें वहां अभ्यास करने का मौक़ा मिलेगा, जिससे हम परिस्थितियों और विकेटों को समझ सकेंगे। मामला सिर्फ़ मानसिक रूप से तैयार रहने का है। भले ही यह वर्ल्ड कप भारत में हो रहा है, लेकिन हम उन स्टेडियमों से बहुत परिचित नहीं हैं। मगर हमारे पास पर्याप्त डेटा है, जिससे हम पिच और हालात का अंदाज़ा लगा सकें।"

हीली: 'लापरवाह होना ऑस्ट्रेलियाई संस्कृति में नहीं'

सात ख़िताब जीतकर डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया महिला वनडे वर्ल्ड कप की सबसे सफल टीम है। लेकिन उनकी कप्तान एलिसा हीली का मानना है कि "इस बार हर टीम बराबरी पर है"।
उन्होंने कहा, "मुझे पूरा भरोसा है कि यह अब तक का सबसे कड़ा वर्ल्ड कप होगा जिनका हम हिस्सा बन चुके हैं। ख़िताब बचाना आसान नहीं होता। लंबे समय तक कोई ऐसा नहीं कर पाया है, लेकिन यह सब मायने नहीं रखता। हर टीम यहां वर्ल्ड कप जीतने आई है। हमें पता है कि हमें क्या करना है। हमें दुनिया की हर टीम को हराना होगा ताकि अंत में ट्रॉफ़ी उठाई जा सके।"
आंकड़े भी मज़बूती से ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में हैं। 2024 की शुरुआत से अब तक खेले गए 18 वनडे में उन्होंने सिर्फ़ दो गंवाए हैं, जिनमें इसी महीने भारत को भारत में 2-1 से हराना भी शामिल है। इतने शानदार प्रदर्शन के बाद भी वे आत्मसंतुष्ट नहीं हैं।
हीली ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि ऑस्ट्रेलियाई संस्कृति में कभी भी चीज़ों को लेकर लापरवाह होना शामिल है। जब हम हारते हैं तो लोग हमारे बारे में ज़्यादा लिखते हैं, बजाय इसके कि जब हम जीतते हैं। यह भी एक अनुभव है। मुझे लगता है कि मैं अभी एक बेहद ख़ास समूह का हिस्सा हूं, जो हर दिन बेहतर बनने की कोशिश कर रहा है। वे मैदान के अंदर और बाहर, दोनों जगह खुद को सुधारने के लिए काम कर रहे हैं और यह बेहद सकारात्मक स्थिति है।"
"यह मानसिकता हमें मैदान पर जाकर खेल का आनंद लेने देती है। यही सबसे आसान बात है। हम मैदान पर जाते हैं, पूरी ताक़त से मुक़ाबला करते हैं और उम्मीद करते हैं कि नतीजे हमारे पक्ष में आएं।"
हीली मानती हैं कि नतीजा इस पर भी निर्भर करेगा कि कौन सी टीम दबाव को कितनी देर तक झेल सकती है।
"मुझे लगता है टूर्नामेंट के दौरान परिस्थितियां बदल सकती हैं। यह इस पर निर्भर करेगा कि आप कितनी जल्दी परिस्थितियों में ढलते हैं और क्या आपकी टीम में पर्याप्त गहराई है। लेकिन मुझे लगता है असली बात यह होगी कि कौन सी टीम लंबे समय तक दबाव झेल पाएगी और मौक़ा मिलने पर विपक्षी पर दबाव डाल पाएगी।"

आशीष पंत ESPNcricinfo में सब-एडिटर हैं