मैच (14)
AUS-U19 vs IND-U19 (1)
एशिया कप (2)
IND-A vs AUS-A (1)
ZIM-W vs UAE-W (1)
County DIV1 (5)
County DIV2 (4)
फ़ीचर्स

क्यों ऋचा घोष होंगी भारत की वर्ल्ड कप उम्मीदों की कुंजी

भारत की विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ने बल्लेबाज़ी क्रम में अलग-अलग स्थानों पर खेलते हुए अपने खेल को ढालना सीखा है, और उनकी शैली अब परिपक्व होती जा रही है।

S Sudarshanan
एस सुदर्शनन
26-Sep-2025 • 2 hrs ago
Richa Ghosh gets ready to bat, England vs India, 1st Women's T20I, Nottingham, June 27, 2025

ऋचा घोष: लंबे बाल, बड़े अरमान  •  Matt Lewis/ECB/Getty Images

"सही लग रहा है क्या?"
ऋचा घोष हमारी फ़ोन कॉल के अंत में हंसती हैं। जब से वह किशोरी अवस्था में खेल में आईं, उनके बाल छोटे रहे हैं। लेकिन पिछले साल के आसपास उन्होंने उन्हें लंबा कर लिया है और मज़ाक में ही सही, वह पूछती हैं कि क्या यह ठीक लग रहा है। उनका परिधान पहले आमतौर पर जीन्स-शर्ट या टी-शर्ट ही रहा करता था, लेकिन अब वे अलग-अलग कपड़ों के स्टाइल आज़मा रही हैं और उन्हें लगता है कि लंबे बाल ज़्यादातर लुक्स के साथ अच्छे लगते हैं।
सिर्फ़ बाल ही नहीं, उनका खेल भी बदल गया है। उन्होंने अपना बल्लेबाज़ी अंदाज़ कई तरह से बदला है ताकि भारत की ज़रूरतों के मुताबिक़ खुद को एक भरोसेमंद फिनिशर के रूप में गढ़ सकें। खेल में उनकी शुरूआत एक टॉप-ऑर्डर बल्लेबाज़ और विकेटकीपर के रूप में हुई थी। बंगाल के लिए 16 साल की उम्र में वह ज़्यादातर मिडल और लोअर-मिडल ऑर्डर में खेलती थीं, और टीम में अधिक स्थापित विकेटकीपर होने के कारण उन्होंने कभी-कभार सीम गेंदबाज़ी भी की। जब उन्होंने इंडिया के लिए डेब्यू किया, तब भी वह मिडल-ऑर्डर में ही थीं, लेकिन विकेटकीपिंग पर अधिक फोकस था।
जब अमोल मज़ूमदार दिसंबर 2023 में भारत के हेड कोच बने, तो उन्होंने घोष को वनडे में टॉप-ऑर्डर में आज़माया। उन्होंने नंबर तीन पर चार बार बल्लेबाज़ी की और दो बार ओपन भी किया। हालांकि, 2025 वनडे वर्ल्ड कप के घरेलू मंच की ओर बढ़ते हुए, भारत ने फ़ैसला किया है कि उन्हें नंबर छह पर बल्लेबाज़ी कराई जाए, यानी फ़िनिशर के रूप में।
घोष ने बताया, "जब मैं छोटी थी, मुझे छक्के मारना बहुत पसंद था। लेकिन यह ऐसा नहीं था कि मुझे दूसरे तरीके से बल्लेबाज़ी करना नहीं आता।" इंडिया के लिए मिडल ऑर्डर में खेलते हुए उन्हें एहसास हुआ कि वह फ़िनिशर की भूमिका निभा सकती हैं और साथ-साथ बड़ी हिटिंग भी कर सकती हैं।
केवल 43 वनडे में ही घोष भारत के लिए तीसरी सबसे ज़्यादा छक्के मारने वाली खिलाड़ी बन चुकी हैं। वह अब तक 24 छक्के लगा चुकी हैं। केवल स्मृति मांधना (65) और हरमनप्रीत कौर (54) ने ही घोष से ज़्यादा छक्के लगाए हैं, लेकिन उन्होंने क्रमशः 108 और 152 मैच खेले हैं। घोष के ODI डेब्यू सितंबर 2021 के बाद से सिर्फ मांधना (37), चमरी अतापत्तु (34) और क्लो ट्रायन (26) ने उनसे ज़्यादा छक्के मारे हैं। अपने छठे वनडे मैच में घोष ने 26 गेंदों में भारत का सबसे तेज़ वनडे पचासा बनाया। फिर भी उनका खेल केवल छक्कों तक सीमित नहीं है।
"जब मैंने वनडे खेलना शुरू किया, तो बहुत कुछ अलग था। मैं बड़े शॉट खेलने के चक्कर में आउट हो जाती थी, तो मैंने सोचना शुरू किया कि मुझे क्या करना चाहिए। अगर मैं टीम को मैच के अंत तक ले जाकर जिताना चाहती हूं, तो सिर्फ़ छक्के काफी नहीं होंगे। मुझे ग्राउंडेड स्ट्रोक खेलने और स्ट्राइक रोटेट करने की भी ज़रूरत थी।"
"मैंने अमोल सर और बंगाल के अपने कोचों से बातें की। मैंने स्पिनर्स को खेलने और तेज़ गेंदबाज़ों का सामना करने पर कड़ी मेहनत की और टेस्ट क्रिकेट खेलने ने मेरी तकनीक बदलने में मदद की। इससे मेरी वनडे बल्लेबाज़ी को ठीक तरीके से पेस करने में मदद मिली।"
WPL ने घोष को फ़िनिशिंग स्किल निखारने का आदर्श मंच दिया है। WPL 2025 के उद्घाटन मैच में, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु 202 के लक्ष्य का पीछा कर रही थी और घोष तब बैट करने आईं जब टीम को 54 गेंदों में आधे से ज़्यादा रन चाहिए थे। एलिस पेरी जल्द ही आउट हो गईं, लेकिन घोष ने 27 गेंदों में नाबाद 64 रन बनाए, जिसमें एश्ली गार्डनर का 23-रन का एक अद्भुत ओवर भी शामिल था। इस तरह WPL के इतिहास की सबसे बड़ी सफल चेज़ पूरी हुई थी।
उन खिलाड़ियों में जिन्होंने कम से कम 600 रन बनाए हैं केवल शेफ़ाली वर्मा जिनका स्ट्राइक-रेट 162.59 है WPL में घोष से कम गेंदों पर रन बनाती हैं। जबकि वर्मा टॉप-ऑर्डर में खेलती हैं, घोष ने प्रतियोगिता में कभी नंबर चार से ऊपर बल्लेबाज़ी नहीं की है।
तनाव में बल्लेबाज़ी करने के उनके 'सीक्रेट सॉस' के बारे में पूछने पर वह कहती हैं- "सबसे पहले आपको पता होना चाहिए कि गेंदबाज़ क्या डाल रहा है, या वह क्या डाल सकता है। अगर आप फ़ील्ड सेट देखकर भी नहीं समझते कि गेंदबाज़ क्या करना चाहता है, तो शॉट खेलने में आप घबरा जाएंगे।"
"आपको दो विकल्प हमेशा तैयार रखने होते हैं। अगर वह (गेंदबाज़) कोई निश्चित गेंद डाले तो मेरे लिए कौन-सा शॉट खुला है? मैं गेंद देखती हूं और खेल देती हूं, सीधी बात। मैं ज़्यादा सोचती नहीं। यह बातें मेरे दिमाग के पीछे होती हैं। पर मेरा मंत्रा है, गेंद देखो और खेलो। हर गेंद को देखो और सामना करो।"
उनके व्यक्तित्व के दो मुख्य पहलू उन्हें दबाव में क़ामयाब बनाते हैं।
"मैं एक शांत स्वभाव की व्यक्ति हूं, पर मुझे नहीं पता कि मैदान पर मैं कितनी शांत रहती हूं। कभी-कभी मैच की स्थिति आप पर असर डालती है, पर मैं कोशिश करती हूं कि वह मुझे ज़्यादा प्रभावित न करे और शांत बनी रहूं। आक्रामकता भी मेरी ताक़त है। सिर्फ़ शांत होना ही मेरा गुण नहीं है। अगर विकेटकीपर या फ़ील्डर लगातार मेरे कान में बातें करता रहे तो मुझे मज़ा आता है। असल में जब वे मुझे स्लेज करते हैं तो मुझे और मज़ा आता है, क्योंकि इससे वे परेशान होते हैं। मुझ पर कुछ असर नहीं होता। इसका यह मतलब नहीं कि मैं जवाब नहीं देती। देती भी हूं। पर मैं दोनों, चुप्पी और आक्रामकता, का आनंद लेती हूं।"
घोष पहले ही अंडर 19 टीम के साथ विश्व कप जीत चुकी हैं पर अब वह असली मुक़ाम चाहती हैं।
"सीनियर वर्ल्ड कप जीतने का एहसास अलग होगा। मैंने ऑस्ट्रेलिया को कई बार ट्रॉफ़ी उठाते देखा है, न्यूज़ीलैंड ने पिछले साल T20 में इसे जीता। मैं वह एहसास चाहती हूं कि मैं यह वर्ल्ड कप जीती हूं। यह और भी बड़ा और ख़ास लगता है क्योंकि हम घर पर खेल रहे हैं।"
"जब हम U-19 वर्ल्ड कप जीते थे, तो ऐसा लगा जैसे हमने भारत के लिए कुछ लाया। जब आप देश के लिए खेलते हैं और ट्रॉफ़ी जीतते हैं, तो वह एक ख़ास एहसास होता है। सारे फ़ैंस खेल का अनुसरण करते हैं और हमें जीतते देखना चाहते हैं, और जब ऐसा होता है, तो उत्सव जैसा लगता है। पर यह दीपावली या किसी भी चीज़ से अलग होता है। यह ऐसा है जैसे आप दूसरों की ख़ुशी के लिए कुछ करते हों।"
भारत के पास शायद ही कभी ऐसा बहुमुखी विकेटकीपर रहा है जो मिडल-ऑर्डर में बल्लेबाज़ी करता हो। इसलिए घोष की भूमिका भारतीय महिला क्रिकेट में किसी और से अलग है। भारत का पहला सीनियर वर्ल्ड कप जीतना ना सिर्फ़ इस बात पर निर्भर करेगा कि केवल मांधना और हरमनप्रीत कैसे प्रदर्शन करें। जैसा कि इस महीने की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ तीन मैचों की सीरीज़ में दिखा। बल्कि यह भी कि घोष, जो टूर्नामेंट शुरू होने तक 22 साल की होंगी, बल्ले और दस्तानों के साथ कैसा प्रदर्शन करती हैं।

एस सुदर्शनन ESPNcricinfo में सब-एडिटर हैं. @Sudarshanan7