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कोहली ने 'अपनी भूमिका में नेतृत्व' दिखाया

पीयूष चावला ने रजत पाटीदार की IPL कप्तानी की शुरुआत पर कहा, "जिस तरह से उन्होंने (गेंदबाज़ी में) बदलाव किए, वह एक अलग तरह की सोच थी"

174 का स्कोर शायद कभी भी काफ़ी नहीं होता। न तो रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के ख़िलाफ़, न ही ईडन गार्डन्स में। और न ही तब जब विराट कोहली और फ़िल सॉल्ट ने तेज़तर्रार शुरुआत करके लगभग कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को मैच से लगभग बाहर कर दिया।
पहले तीन ओवरों में ही RCB ने 37 रन बना लिए थे। सॉल्ट ने आक्रामक शुरुआत की, लेकिन कोहली भी ज़्यादा पीछे नहीं थे। फिर वह ओवर आया, जिसने शायद मैच का फ़ैसला कर दिया। यह पारी का चौथा ओवर था, और वरुण चक्रवर्ती को उम्मीद से पहले गेंदबाज़ी पर लगाया गया। कोहली ने पहली गेंद पर एक रन लिया, और फिर साल्ट ने 2, 4, 6, 4 और 4 रन जड़ दिए। भारत की चैंपियंस ट्रॉफ़ी जीत के नायक और KKR के प्रमुख स्पिनर को पूरी तरह निशाना बना लिया गया।
पूर्व भारतीय तेज़ गेंदबाज़ वरुण ऐरन ने ESPNcricinfo के T20 TimeOut शो में कहा, "जिस तरह से सॉल्ट और विराट ने शुरुआत की, और जिस तरह विराट ने मैच ख़त्म किया, वह एक उदाहरण स्थापित कर रहा था। ऐसा लगा कि यह कहा जा रहा था, 'देखो, हम इस तरह का क्रिकेट खेलेंगे; अगर तुम हमसे ज़्यादा रन बना सकते हो, तो कोशिश कर लो',"
पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ अंबाती रायुडू ने इस बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "उस ओवर ने तेज़ी से मैच को तय कर दिया, KKR का आत्मविश्वास पूरी तरह से टूट गया।"
पहले दस ओवरों के अंत तक RCB 104/1 थी, जबकि KKR 107/2 थी। आंकड़े काफ़ी समान लग सकते हैं, लेकिन फ़र्क़ सिर्फ़ नंबरों का नहीं था। तब तक यह साफ़ हो चुका था कि मैच KKR के हाथ से निकल चुका है। और विराट कोहली का क्रीज़ पर होना इसका बड़ा कारण था।
रायडू ने कहा, "कोहली को आमतौर पर खेल को ख़त्म करना और नाबाद रहना पसंद है। लेकिन यहां उन्होंने पूरी नीयत से बल्लेबाज़ी जारी रखी। यह दिखाता है कि… अगर कोहली ऐसा करने के लिए तैयार हैं, तो बाकी के आठ (RCB के बल्लेबाज़) भी ऐसा करेंगे। और यह शानदार नज़ारा है। यह बल्लेबाज़ी में उनके नेतृत्व को दर्शाता है।"
कोहली अंत तक टिके रहे, उन्होंने 36 गेंदों में नाबाद 59 रन बनाए। उनकी पारी में चार चौके और तीन सिक्सर शामिल थे, और उन्होंने किसी भी समय अपनी गति धीमी नहीं की। उन्होंने 13वें ओवर में हर्षित राणा की गेंद पर चौका लगाकर अपना अर्धशतक पूरा किया। जब लक्ष्य RCB से बस कुछ ही रन दूर था और रजत पाटीदार और फिर लियम लिविंगस्टन ज़्यादातर बड़े शॉट्स खेल रहे थे, तब कोहली दूसरी छोर पर खड़े रहकर इसका आनंद लेते रहे।
ऐरन ने कहा "हर कोई उनकी तारीफ़ करता है और इसकी वजह भी है: वह हमेशा टीम की ज़रूरत के समय रन बनाते हैं, खासतौर पर रन चेज़ वह पक्का ऐसा करते हैं। बहुत से बल्लेबाज़ पहली पारी में शतक लगाते हैं, लेकिन कोहली हमेशा रन चेज़ में अहम रन बनाते हैं। और यह किसी भी टीम के लिए बेशक़ीमती होता है। भारतीय टीम के लिए, RCB के लिए, और अपनी भूमिका में नेतृत्व दिखाना RCB के लिए महत्वपूर्ण होगा।"
जहां तक नेतृत्व की बात है तो उस भूमिका में वहां रजत पाटीदार थे। RCB के नए कप्तान ने अपने करियर के इस नए दौर की शुरुआत एक शानदार जीत से की। जब वह 12वें ओवर में 118/2 के स्कोर पर क्रीज़ पर आए, तब लक्ष्य अभी भी काफी दूर था। लेकिन उन्होंने सिर्फ़ 16 गेंदों में 34 रन बनाए। इससे पहले उन्होंने पहली पारी के दौरान गेंदबाज़ी में कुछ ऐसे बदलाव किए, जो शुरुआत में ज़्यादा कारगर नहीं रहे, लेकिन बाद में विशेष रूप से क्रुणाल पंड्या की वापसी के साथ असर दिखाने लगे।
पूर्व भारतीय लेग स्पिनर पीयूष चावला ने कहा। "पहला मैच था, वह थोड़े नर्वस दिखे, जो स्वाभाविक है, क्योंकि जब आप इतने बड़े मंच पर टीम का नेतृत्व कर रहे होते हैं तो ऐसा हो ही सकता है। लेकिन जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ेगा, वह और बेहतर दिखेंगे। आज जिस तरह से उन्होंने गेंदबाज़ी में बदलाव किए, वह एक अलग तरह की सोच थी, और उन्होंने अच्छा प्रभाव छोड़ा।"