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मिलिए आईपीएल के सबसे नए किरदार वेंकटेश अय्यर से

रजनीकांत फ़ैन अय्यर मैनेजमेंट में अच्छी ख़ासी नौकरी कर सकते थे, लेकिन केकेआर का सौभाग्य है कि उन्होंने क्रिकेट को चुना

Venkatesh Iyer was impressive on his IPL debut, Kolkata Knight Riders vs Royal Challengers Bangalore, IPL 2021, Abu Dhabi, September 20, 2021

वेंकटेश अय्यर ने अपने आईपीएल डेब्यू पर काफी प्रभावशाली प्रदर्शन किया।  •  BCCI

वेंकटेश अय्यर ने सोमवार को आईपीएल डेब्यू पर 27 गेंदों पर नाबाद 41 रन बनाए तो उन्होंने अपनी मां को ज़रूर शुक्रिया कहा होगा। 26 वर्षीय अय्यर के अनुसार, "मैं पढाई में बहुत अच्छा था। आम तौर पर रूढ़िवादी दक्षिण भारतीय परिवारों में तवज्जो पढ़ाई पर दी जाती है। लेकिन मेरे यहां मेरी मां ने मुझे हमेशा क्रिकेट की ओर धकेला।"
अय्यर घरेलू क्रिकेट में मध्य प्रदेश (एमपी) के लिए खेलते हैं लेकिन उनकी शुरुआत किसी भी आम भारतीय बच्चे जैसी रही। वह कहते हैं, "मैंने क्रिकेट मेरी मां के कहने पर खेलना शुरू किया। शायद उन्हें यह चिंता थी कि सारा दिन घर में पढ़ाई करने से मेरे स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ेगा।"
अय्यर बीकॉम के छात्र थे और साथ ही सीए की भी तैयारी में जुटे थे। सीए के इंटर परीक्षा में वो उत्तीर्ण भी हुए और अब उनके पास फ़ैसला ये था कि सीए फ़ाइनल में बैठें या क्रिकेट जारी रखें। तब तक उन्होंने एमपी के लिए टी20 और वनडे दोनों फ़ॉर्मैट खेल लिए थे और राज्य के अंडर 23 टीम के कप्तान भी थे। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण लगभग तय था।
अय्यर कहते हैं, "मैंने सीए छोड़कर फ़ाइनैंस में एमबीए करना ठीक समझा। मैंने कई परीक्षाएं दी और मेरा सौभाग्य था कि मैं ऐसे कॉलेज में गया जहां पढ़ाई भी अच्छी थी और मैं साथ ही क्रिकेट को भी जारी रख पाया। मुझे दरअसल क्रिकेट और पढ़ाई दोनों को साथ करने में कोई कठिनाई नहीं हुई। मैं एक होनहार छात्र था और यह मैं अहंकार के साथ नहीं कह रहा। अगर क्रिकेट नहीं होता तो शायद में आईआईटी या आईआईएम में चला जाता।"
अय्यर ने आगे कहा, "अगर मुझे क्लास या अभ्यास के बीच में चुनना पड़ता तो मैं अभ्यास चुनता। पढाई के लिए मुझे ज़्यादा समय नहीं देना पड़ता था। अगर मैं कॉलेज बस दो घंटे के लिए भी जाता तो पूरी एकाग्रता से मैं पढाई पर ध्यान देता था। ऑफ़ सीज़न में जब इंदौर में बारिश होती थी तो मैं सप्ताहांत में चेन्नई में लीग क्रिकेट खेलता था और बाक़ी वक़्त पढ़ाई में देता था। शायद उस दौरान मैं अपने फ़िटनेस पर और ज़ोर दे सकता था।"
2018 में बड़े अकॉउंटिंग संगठन डेलॉयट ने बेंगलुरु में अय्यर के सामने नौकरी का प्रस्ताव रखा। लेकिन उसे ठुकराते हुए अय्यर ने दिसंबर में रणजी ट्रॉफ़ी में पहली बार एमपी की नुमाइंदगी की। अय्यर का कहना था कि शहर बदलने से उन्हें क्रिकेट छोड़ना पड़ता। एक एचआर विशेषज्ञ पिता और अस्पताल प्रशासक माता के बेटे के लिए एमबीए डिग्री बैकउप से अधिक नहीं था।
अय्यर ने कहा, "मेरा वनडे सीज़न अच्छा रहा था। मैंने कोई शतक नहीं बनाया था और हम छत्तीसगढ़ के ख़िलाफ़ दो तीन दिन के अभ्यास मैच खेल रहे थे। मेरे एमबीए की परीक्षाएं भी चल रही थी और एक दिन जब मैं एग्ज़ाम देकर मैदान पर पहुंचा तो हम 60 पर छह विकेट गंवा चुके थे।"
"जब मैं बल्लेबाज़ी करने गया उससे पहले तक मैं परीक्षा के बारे में सोच रहा था लेकिन क्रीज़ पर पहुंचते ही मेरा दिमाग़ बिलकुल खाली हो गया। मैंने उस दिन 96 नाबाद बनाए और अगले दिन उसे 130 या 132 में परिवर्तित करने के पश्चात मैं फिर एक पेपर देने कॉलेज गया। रणजी डेब्यू इस मैच के कुछ दिनों बाद ही था।"
अय्यर घरेलू क्रिकेट 2015 से खेल रहे हैं लेकिन 2020-21 में उनके जलवे अलग ही थे। टी20 के सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में वह 75.66 की औसत और 149.34 के स्ट्राइक रेट से 227 बनाकर अपने टीम के टॉप स्कोरर रहे। विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में 402 की स्कोर में उन्होंने पंजाब के विरुद्ध 146 गेंदों पर 198 रन ठोके।
आईपीएल के पहले चरण में भले ही उन्हें मैच नहीं खेलने को मिले लेकिन पैट कमिंस और सुनील नारायण जैसे दिग्गजों को नेट्स में खेलना क्रिकेट की पाठशाला से कम कहां था।
मैदान के बाहर अय्यर को किताबें पढ़ना, खाने और पकवान के शो देखना और फ़िल्मों का शौक़ है। वह रजनीकांत के बहुत बड़े फ़ैन हैं। उनका कहना है, "मैं 'थला' का भक्त हूं। उनकी फ़िल्में तो मैं कई बार लगातार देख सकता हूं।"
तमिल फ़िल्म "पडयप्पा" में रजनीकांत के चरित्र पर एक गाना दर्शाया गया है जिसके बोल लगभग कहते है, "मेरा तरीक़ा असाधारण है।"
अय्यर कहते हैं, "इस गाने के बोल से मेरे जीवन की काफ़ी समानता है। अब तक की कहानी काफ़ी दिलचस्प रही है। मुझे लगता है आगे भी काफ़ी कुछ सीखने लायक अनुभव होंगे।"

शशांक किशोर ESPNcricinfo के सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo में सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है